नहीं कुछ गाँव सा सुनता हुआ निष्ठुर नगर
दिखाने घाव मत जाना सखा निष्ठुर नगर।१।
*
उसे डर है कि उसके हित कमीं आजायेगी
नहीं देता किसी का भी पता निष्ठुर नगर।२।
*
नदी सूखी हुई कहती है प्यासे खेत से
तेरे हिस्से का पानी पी गया निष्ठुर नगर।३।
*
कहाँ तुम बात दुख की यार करते हो भला
खुशी तक में अकेला ही दिखा निष्ठुर नगर।४।
*
निकल पाया न खुद के व्यूह से सायास…
Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 31, 2021 at 8:59am — 9 Comments
Added by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 30, 2021 at 11:30am — No Comments
1222 - 1222 - 1222 - 1222
ज़मीं होगी तुम्हारी पर फ़सल बेचेंगे यारों हम
मिलेगी तुमको राॅयल्टी न देंगे खेत यारों हम
जो बोएगा वही काटेगा ये बातें पुरानी हैं
फ़सल तय्यार करना तुम मगर काटेंगे यारों हम
ये जोड़ी अब तुम्हारी और हमारी ख़ूब चमकेगी
करो मज़दूरी तुम डटकर करें व्यापार यारों हम
ज़मीं पर बस हमारी ही हुकूमत होगी अब प्यारो
मईशत 'उनके' हाथों में न जाने देंगे यारों हम
रखेंगे हम ज़ख़ीरा कर…
ContinueAdded by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on January 29, 2021 at 11:46pm — 14 Comments
2122 2122 212
तेरे कहने से ही क्या हो जाएगा
जो बुरा है वो भला हो जाएगा (1)
जो पुराना जख़्म माज़ी ने दिया
दो ही दिन में क्या नया हो जाएगा (2)
खाद पानी मिलने से ही क्या शजर
वक़्त से पहले बड़ा हो जाएगा (3)
है अलग सबसे ख़ज़ाना प्यार का
ख़र्च कीजै दोगुना हो जाएगा (4)
दोस्ती में दर्द-ओ-ग़म हो या ख़ुशी
जो भी तेरा है मेरा हो जाएगा (5)
क़द अगर छोटा है उसका दोस्तो
मैं झुका तो वो बड़ा…
Added by सालिक गणवीर on January 29, 2021 at 10:30pm — 11 Comments
Added by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 29, 2021 at 8:30pm — 6 Comments
Added by Sushil Sarna on January 29, 2021 at 5:39pm — 5 Comments
221 2121 1221 212
ये मानता हूँ पहले से बेकल रहा हूँ मैं,
लेकिन तेरे ख़्यालों का संदल रहा हूँ मैं।
अब होश की ज़मीन पर टिकते नहीं क़दम,
बरसों तुम्हारे प्यार में पागल रहा हूँ मैं।
हैरत से देखते हैं मुझे रास्ते के लोग,
बिल्कुल किनारे राह के यूँ चल रहा हूँ मैं।
मुझको उदासियां मिली है आसमान से,
चुपचाप इन के आसरे में जल रहा हूँ मैं।
साहिल पर जाके तू मुझे मुड़ कर तो देखता,
इक वक्त तेरी रूह की हलचल रहा हूँ…
Added by मनोज अहसास on January 28, 2021 at 11:35pm — 5 Comments
Added by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 28, 2021 at 3:30pm — 11 Comments
शिकायत कभी भी खत्म ना होती
कोई जीवन चाहे कुर्बान करें
खाली दिमाग का सब फितूर है
ये सोच के अपना काम करें ||
हर तरह के लोग जहां में
बस मेहनती लोगो की बात करें
कष्ट सहकर भी हार ना माने
जज्बे को उनके सलाम करें ||
पद मिले तो अभिमान में भरते
ना बड़े-छोटे का सम्मान करें
संस्कारों की बात कहीं ना
बस अपने कर्मो का गुणगान करें ||
कुछ लोगो की आदत बुरी है
उनकी कभी ना बात करें
हर…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on January 27, 2021 at 6:30pm — 1 Comment
Added by Sushil Sarna on January 26, 2021 at 3:52pm — 7 Comments
बेबाक दिलबरी का आलम न पूँछिये।
हम से मोहब्बत का बस हुनर सीखिये ।
दिल में लगी हो आग तो सेक लीजिये।
वरना लगा के दाग यूँ सितम न कीजिये।
तारीफ़ कीजिये या के…
ContinueAdded by DR ARUN KUMAR SHASTRI on January 25, 2021 at 10:00pm — 2 Comments
2122 1212 22
1
खा के क़समें वफ़ा नहीं मिलती
ज़ख़्मी दिल की दवा नहीं मिलती
2
बाँध ले बात गाँठ तू यारा
दर्द देकर दुआ नहीं मिलती
3
गाँव की तरह् शह्र में हमको
यार बाद-ए-सबा नहीं मिलती
4
साँस फेरेगी आँख ख़ुद ही सनम
चाहने से कज़ा नहीं मिलती
5
वस्ल की रात ओढ़कर घूँघट
आजकल क्यों हया नहीं मिलती
6
गुनगुना ले जो धड़कनों के सुर
ऐसी नग़्मा-सरा नहीं…
ContinueAdded by Rachna Bhatia on January 25, 2021 at 3:54pm — 6 Comments
दो आशीष नया हो भारत
जग में और बड़ा हो भारत।१।
*
आयु बढ़े नित जितनी इसकी
उतना और युवा हो भारत।२।
*
ज्ञाता हो विज्ञान का लेकिन
साथ ही वेद पढ़ा हो भारत।३।
*
दुख के नाले सब सूखे हों
सुख का एक किला हो भारत।४।
*
जिनके घर ढब बन्द पड़े हैं
कहते और खुला हो भारत।५।
*
उनको सबक सिखाना वीरों
जिनकी चाह डरा हो भारत।६।
*
सीमाओं का द्वन्द मिटाकर
दोनों ओर…
Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 25, 2021 at 8:30am — 9 Comments
22 22 22 22
कैसा अक्कड़ बक्कड़ है दिल..
पा के तुझको अक्खड़ है दिल..
सपने देखे, ऐसे वैसे..
रब्बा जाने कैसे कैसे..
उड़ता फिरे ये बैठे बैठे..
चाहे मिलना जैसे तैसे..
फिरते फ़क़ीर सा फक्कड़ है दिल।
उठते ही जालिम ये सबेरे..
हाथ पैर ये जोड़े मेरे..
चल कर आयें, घर के फेरे..
चिपका गली से, जैसे तेरे..
मोहल्ले का, नुक्कड़ है दिल।
चाहे, तुझसे बातें ये…
ContinueAdded by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on January 24, 2021 at 6:00pm — 4 Comments
2122 2122 22
दिल ने की है तेरी बहुत खिदमत
तू जो समझा है की जिसको आफत
सुर्ख रू होगा सुकूँ ना होगा पर
इस तरह आयेगी तेरी शामत
मैं तो नादानी में हूँ लेकिन तू
तुझ को होने की खुदा है आदत
यूँ की खुद को ही भुला देता हूँ
अब ना पीना आंसुओं का शरवत
तू ने छेड़ा ही कोई क्यों है फिर
गर तू होता ही न खुद से सहमत
इस तरह भी और कोई है क्या
खुद से पूँछे जो की खुद की…
ContinueAdded by Aazi Tamaam on January 21, 2021 at 11:00pm — No Comments
22 22 22 22 22
इंसान ही शैतान इंसान ही शाइस्ता
इंसान के होने से है ख़ुदा बाबस्ता
कोई खुदा इंसान से बड़कर नहीं
समझ आयेगा आहिस्ता आहिस्ता
जिस रस्ते सब जाने से ही डरते हैं
लो मैं ही जाता हूँ की उस रस्ता
हो हर इक इंसान बस इंसान ही
क्या कोई भी है नहीं ऐसा रस्ता
जो खुदाओं पे यूँ झगडा़ करते हैं
ऐसे लोगों से अपना क्या रिश्ता
शायद दिन भर ही जलता रहता है
कितना बे-खुशबू है…
ContinueAdded by Aazi Tamaam on January 21, 2021 at 11:00pm — No Comments
मौन रहता सच सदा ही, आवाज झूठ ही करता है
कर्म दिखाता सच का चेहरा, झूठ भ्रम को पैदा करता है ||
प्रमाण देता झूठ सदा ही, खूब खोखले दावे करता है
परवाह ना सच को किसी बात की, वो तो हौंसले की उड़ान को भरता है ||
तकलीफ होती झूठ को हरदम, ना खुशी बर्दास्त ही करता है
आग लगाता कहीं ना कहीं, जब भी शोर वो करता है ||
सच सागर सी शक्ति का मालिक, सदा मर्यादा…
ContinueAdded by PHOOL SINGH on January 20, 2021 at 9:59pm — 1 Comment
२२/२२/२२/२२
तोड़ के घर का ताला उसने
ढूँढा सिर्फ निवाला उसने।१।
*
लत पीने की ऐसी लगायी
बेच दी माँ की माला उसने।२।
*
खुद औरों के कन्धे पर चढ़
कहता बोझ सँभाला उसने।३।
*
दूध पिलाना था बच्चों को
पर नागों को पाला उसने।४।
*
जिसको हमने माना सूरज
रोका नित्य उजाला उसने।५।
*
जिसको सब खोटा कहते हैं
सिक्का वही उछाला उसने।६।
*
अपनों को ही चोट है मारी
फेंका जब जब भाला…
Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 20, 2021 at 6:35am — 10 Comments
उजड़कर क्या बसेगा गांव मेरा
यहाँ डालो ना कोई जंग-ए-डेरा
की रातें जा चुकी प्राता है शायद
घनी है तीरगी अब हो सबेरा
नज़र आये भी कैसे कोई गलती
कोई दिखता नहीं इतना घनेरा
ज़हन में देखो है नफ़रत सभी के
मिटे भी तो भला कैसे अंधेरा
तू भी रहता है बस उसके भरोसे
कोई तो आसमां भी हो की तेरा
(अप्रकाशित व मौलिक)
Added by Aazi Tamaam on January 19, 2021 at 2:00pm — No Comments
सर्दीली सांझ ऐसे आई मेरे गाँव
Added by amita tiwari on January 19, 2021 at 4:00am — 2 Comments
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