For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
  • Male
  • Allahabad
  • India
Share on Facebook MySpace

Saurabh Pandey's Friends

  • Aazi Tamaam
  • प्रशांत दीक्षित 'प्रशांत'
  • Pratibha Pandey
  • Subodh Bajpai
  • Mirza Hafiz Baig
  • surender insan
  • Kalipad Prasad Mandal
  • KALPANA BHATT ('रौनक़')
  • Arpana Sharma
  • डॉ पवन मिश्र
  • सतविन्द्र कुमार राणा
  • Rakesh Nazuk
  • Ravi Shukla
  • amod shrivastav (bindouri)
  • Dr. (Mrs) Niraj Sharma

Saurabh Pandey's Discussions

पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
27 Replies

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178 के आयोजन के क्रम में विषय से परे कुछ ऐसे बिन्दुओं को लेकर हुई चर्चा की सूचना मिली है, और इसी क्रम में उक्त चर्चा को आयोजन के पटल पर पढ़ा और देखा भी गया है, जिनका…Continue

Started this discussion. Last reply by Tilak Raj Kapoor 3 minutes ago.

ओबीओ परिवार के युवा साहित्यकार अरुन अनन्त की दैहिक विदाई
18 Replies

 पहले सींचा नेह से, बाद सौंप दी पीर ।निकली मेरी प्रेम में, दगाबाज तकदीर ।।अरुन अनन्त …Continue

Started this discussion. Last reply by Sushil Sarna Oct 21, 2020.

कविता की विकास यात्रा : नयी कविता, गीत और नवगीत (भाग -२) // --सौरभ
7 Replies

भाग - २=====’दूसरा सप्तक’ की भूमिका लिखते समय अज्ञेय ने कहा है, कि, ’प्रयोग का कोई वाद नहीं है । हम वादी नहीं रहे, न ही हैं, न प्रयोग अपने आप में इष्ट या साध्य है ।’ वे आगे कहते हैं - ’जो लोग प्रयोग…Continue

Started this discussion. Last reply by Saurabh Pandey Sep 6, 2016.

कविता की विकास यात्रा : नयी कविता, गीत और नवगीत (भाग -१) // --सौरभ
8 Replies

मानवीय विकासगाथा में काव्य का प्रादुर्भाव मानव के लगातार सांस्कारिक होते जाने और संप्रेषणीयता के क्रम में गहन से गहनतर तथा लगातार सुगठित होते जाने का परिणाम है । मानवीय संवेदनाओं को सार्थक अभिव्यक्ति…Continue

Started this discussion. Last reply by Kalipad Prasad Mandal Sep 26, 2016.

 

Saurabh Pandey's Page

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मुझे लगता है कि जो भी चर्चा हो उसमें कोई ऐसा आक्षेप न आए जो किसी ऐसे व्यक्ति को आहत करे जो सीधे सीधे उत्तरदाई न हो। हर सदस्य को स्वस्थ रहने का अधिकार है और चर्चा से किसी निर्दोष पर कोई दबाव नहीं बनना चाहिए। इतना अनुशासन तो मानवीय दृष्टिकोण से आवश्यक…"
3 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सादर अभिवादन। आप जैसे सभी वरिष्ठो का स्नेहपूरण मार्गदर्शन पुनः मिलता रहे यही आकांक्षा है। "
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"जी, मेरा कथन भाई समर जी के संदर्भ में नहीं है। सादर..."
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपके सुझाव आपके अनुभवों का दर्शन हैं.  पहली बात कि आयोजन के दौरान जो कुछ हुआ उसका होना वस्तुतः आश्चर्यजनक नहीं था. अर्थात ऐसा कुछ न होता तो ही आश्चर्यजनक होता. परिस्थितियाँ ही ऐसी बनती जा रही थीं. समझ सभी रहे थे, परंतु…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"भाई शिज्जू जी, अलबत्ता हम आपके आभारी हैं.  भाई, अब से हम अपने-अपने अत्यंत व्यस्ततम समय में से कुछेक आवश्यक विवेकपूर्ण् क्षण इस पटल को देना फिर से शुरू करें. घर को घर के सदस्यों से बेहतरी की अपेक्षा न होगी तो किससे होगी ? और, नए सदस्यों को…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी, आप मेरी टिप्पणी की उस आखिरी पंक्तियों को देखें, जिसके अनुसार आदरणीय समर जी ने उक्त सदस्य को फिलहाल पटल से दूर रहने का निर्देश दिया हुआ है. आदरणीय समर कबीर जी अपने स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं. किंतु उन्होंने मुझे कल…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय चेतनजी, आप वयस के लिहाज से वरिष्ठ हैं. इस निराले मंच ओबीओ के सदस्य हैं. आप ही बताइए, वर्तमान आपत्तिजनक व्यवहार के दृष्टिकोण से किसी तरह के निराकरण हेतु अभी तक कोई चर्चा हुई है क्या, आदरणीय ? ओबीओ पर जो वर्तमान स्थिति बनी है, जिसका विस्फोटक…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"गजलों खो लेकर एक बात जो कम ही चर्चा में आअती है, वह है उसके मिसरों का गद्यानुरूप होना. अर्थात, मिसरे किसी गद्य वाक्य की तरह हों, लेकिन पूरी बहर में हों. इसी आशय को आदरणीय नीलेश भाई और आदरणीय रवि भाई ने अपने ढंग से कहा है.  आदरणीय मयंक जी, आप…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आ. सौरभ जी, क्षमा करें, समस्या के मूल में जाने के बजाय जिम्मेदार लोग  ' बलि का बकरा ढूँढ़ रहे हैं। क्या  अकेले भाई  अमित Euphonic  ही समस्या की जड़ हैं, अथवा अज्ञानता का जो परिवेश हम सभी ने भूल वश अथवा  जाने- अनजाने…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय शिज्जू भाई, घनाक्षरी या सवैया जिन्हें उनकी कुल मात्रिकता के कारण वृत्त या दण्डक की श्रेणी का कहते हैं, के वाचन की यानी पढ़ने की विशेष लयात्मक प्रक्रिया होती है। इससेउनका पाठ सहज हो जाता है। फिर भी, यह रचनाकारों को इन रचनाओं में शब्दों के…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सादर अभिवादन आदरणीय। मेरा मानना है कि अमित जी को इस संदर्भ में स्वयं अपना पक्ष रखना चाहिए और अपनी भूल स्वीकारनी चाहिए। उनकी अनुपस्थिति इस तरह की समस्या का समाधान मेरी अल्प समझ से ठीक नहीं है। उन्हें अपने व्यवहार में बदलाव कर मंच पर बने रहना चाहिए।…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा षष्ठक. . . . आतंक
"वहशी दरिन्दे क्या जानें, क्या होता सिन्दूर .. प्रस्तुत पद के विषम चरण का आपने क्या कर दिया है, आदरणीय सुशील सरना जी ?  बाकी दोहे शिल्पगत हैं.     प्रस्तुत दोएह् के लिए विशेष बधाई -  जीवन भर का दे गए, आतंकी वो घाव अंतस…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"अय हय, हय हय, हय हय... क्या ही सुंदर, भावमय रचना प्रस्तुत की है आपने, आदरणीय अशोक भाईजी. मनहरण घनाक्षरी का प्रस्तुत बंद न केवल भावमय है, शिल्पगत और सुगढ़ भी है. वाचन क्रम में प्रवाहमय है.  हार्दिक बधाइयाँ  शुभातिशुभ"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मैं अपने प्रस्तुत पोस्ट को लेकर बहुत संयत नहीं हो पा रहा था. कारण, उक्त आयोजन के दौरान हुए कुल उट-पटांग संवाद-क्रम के सूत्र आदरणीय समर कबीर जी को बाँध रहे थे. कि, आरोपित सदस्य, आदरणीय समर जी का कथित शागिर्द न केवल उनके हवाले से अपनी सारी ऊल-जुलूल…"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मनचाही सभी सदस्यों नमन, आदरणीय तिलक कपूर साहब से लेकर भाई अजय गुप्त 'अजेय' सभी के महत्वपूर्ण विचार  जानने का अवसर इस विमर्श के माध्यम से जानने का अवसर प्राप्त हुआ!  आप, सभी सम्मान के योग्य सदस्य गण एक बहुत महत्वपूर्ण …"
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपका कहना सही है, पुराने सदस्यों को भी अब सक्रिय हो जाना चाहिए।"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"<span;>आदरणीय अजय जी <span;>आपकी अभिव्यक्ति का स्वागत है। यह मंच हमेशा से पारस्परिक संवाद को प्रोत्साहित करता आया है। संवाद को बड़बोलेपन को नहीं।किसी ने सहीह को सही या शुरूअ को शुरू लिख दिया, महब्बत को मुहब्बत लिख दिया तो इसका मतलब नहीं…"
21 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सभी साथियों को प्रणाम, आदरणीय सौरभ जी ने एक गंभीर मुद्दे को उठाया है और इस पर चर्चा आवश्यक है। अच्छा है कि अन्य वरिष्ठ साथी भी इस पर अपने विचार रख रहें हैं। इस अवसर पर मैं इस विषय पर भी और विषयांतर से भी कुछ कहना चाहूँगा जिसका उद्देश्य केवल मंच का…"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"भाई मयंक जी, व्यवहार में निरमलता व विनम्रता ही ज्ञान का परिचय देती । सभी वरिष्ठों का आशीष बना रहे और हमें अपनी रचनाओं पर मार्गदर्शन मिलता रहे यही कामना है।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मंच के सभी सदस्यों को सादर अभिवादन। कई बार मन में आया कि मंच से वरिष्ठ व अनभवी और मार्गदर्शक सदस्यों की अनुपस्थित से हो रही हानि के विषय में कुछ लिखूँ । पर यह सोचकर कि अनुपस्थिति की सबकी अपनी विवशताएँ होंगी। पटल पर सुझाव देने , स्वीकार करने और…"
yesterday

Profile Information

Gender
Male
City State
Uttar Pradesh
Native Place
Allahabad
Profession
Service
About me
I am a person with heart.

Saurabh Pandey's Photos

  • Add Photos
  • View All

Saurabh Pandey's Blog

दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ

212 212 212 212 

 

इस तमस में सँभलना है हर हाल में 

दीप के भाव जलना है हर हाल में

  

हर अँधेरा निपट कालिमा ही नहीं

एक विश्वास पलना है हर हाल में 

   

एकपक्षीय प्रेमिल विचारों भरे

इन चरागों को जलना है हर हाल में 

   

निर्निमेषी नयन का निवेदन लिये 

मन से मन तक टहलना है हर हाल में 

   

देह को देह की भी न अनुभूति हो

मोम जैसे पिघलना है हर हाल में 

    

अल्पनाओं सजी गोद में बैठ कर

दीप को मौन बलना है…

Continue

Posted on October 29, 2024 at 9:30pm — 7 Comments

शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ

मिट्टी के लोंदे सभी, अनगढ़ था बर्ताव
हमें सिखा कर ककहरा, शिक्षित किया स्वभाव
शिक्षित किया स्वभाव, सभी का योगदान था
निर्मल नेह-दुलार, परस्पर भाव-मान था
कड़क किंतु व्यवहार, सटकती सिट्टी-पिट्टी
शिक्षक थे सब योग्य, सभी ने गढ़ दी मिट्टी
***
सौरभ

(मौलिक और अप्रकाशित) 

Posted on September 5, 2023 at 9:30am — 4 Comments

दिल का रिश्ता : पाँच आयाम // सौरभ

यह रचना "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-146

हेतु सृजित है किंतु गलती से यहाँ पोस्ट कर दी गयी है, लेखक द्वारा अब महोत्सव में रचना पोस्ट करने के फलस्वरूप यहाँ से रचना एडमिन स्तर से हटा दी गयी है ।

Posted on December 18, 2022 at 5:00pm — 2 Comments

खत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा // सौरभ

२१२ १२१२ १२१२ १२१२ 

  

चाहता रहा उसे मगर न बोल पा रहा

उम्र बीतती रही मलाल सालता रहा

 

जिंदगी की दोपहर अगर-मगर में रह गयी

शाम की ढलान पर किसे पुकारता रहा ?

 

बाद मुद्दतों दिखा.. हवा सिहर-सिहर गयी

मन गया कहाँ-कहाँ, मैं बस वहीं खड़ा रहा

 

आयी और छू गयी कि ये गयी कि वो गयी

मैं इधर हवा-छुआ खुमार में पड़ा रहा

 

रौशनी से लिख रखा है खुश्बुओं में डूब कर

खत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा !

 

बादलो, इधर न आ…

Continue

Posted on June 27, 2022 at 11:00pm — 15 Comments

Comment Wall (132 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 11:19am on January 25, 2022, Hiren Arvind Joshi said…
आदरणीय
प्रणाम!
एक गीत ब्लॉग में प्रेषित किया है। अनुमोदन करने की कृपा कीजिए।
At 1:58pm on January 24, 2022, Hiren Arvind Joshi said…
आदरणीय सौरभ जी
सादर प्रणाम!

मैंने चित्र से काव्य 129 में अपनी रचना प्रेषित की थी परन्तु रचना एवं उसके कमेंट नहीं देख पा रहा हूँ। जैसा की आपका कमेंट था की आ. अशोक जी के प्रश्न का उत्तर दूँ पर देख नहीं पा रहा हूँ। कृपया उचित मार्गदर्शन कीजिए।
At 2:28pm on December 3, 2020, लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' said…

आदरणीय बन्धु सादर अभिवादन । जन्मदिन की असीम हार्दिक शुभकामनाएँ ।

At 11:47am on December 3, 2020, TEJ VEER SINGH said…

जन्म दिन की हार्दिक बधाई आदरणीय सौरभ पांडे जी।

At 9:22am on December 3, 2019, TEJ VEER SINGH said…

आदरणीय सौरभ पांडे जी को जन्म दिवस की हार्दिक बधाई एवम असीमित शुभ कामनायें।

At 8:21pm on October 22, 2017, Ramkunwar Choudhary said…
आप को सादर प्रणाम, मैं पहली बार कुछ लिखने का प्रयास कर रहा हूँ। मैंने भुजंगप्रयात छंद के आधार पर कुछ लिखने का प्रयास किया है। भाव, सौंदर्य, मात्राओं आदि की त्रुटियां बताकर मेरा मार्गदर्शन करें। मैं आपका आभारी रहूँगा..................
जहाँ ये दिलों की दगा का अखाड़ा,
किसी ने मिलाया किसी ने पछाड़ा;
यहाँ प्यार है बेसहारा बगीचा,
किसी ने बसाया किसी ने उजाड़ा;
At 7:09pm on January 3, 2016, Sushil Sarna said…

नूतन वर्ष 2016 आपको सपरिवार मंगलमय हो। मैं प्रभु से आपकी हर मनोकामना पूर्ण करने की कामना करता हूँ।

सुशील सरना

At 5:11pm on December 3, 2015, मोहन बेगोवाल said…

आदरणीय सौरभ जी, आप जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई हो 

At 3:57am on December 3, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

At 9:54am on October 2, 2015, सतविन्द्र कुमार राणा said…
पूजनीय सौरभ पाण्डेय सर मैं आपके द्वारा दिए गए सुझावों एवम् मार्गदर्शन के लिए कृतार्थ हूँ।"चुप्पी" इस मञ्च पर मेरी प्रथम प्रस्तुति है।आप सब सुधिजनों के सानिध्य में आया एक नव विद्यार्थी हूँ।आपके मार्गदर्शन का सदैव आकांक्षी रहूँगा।मेरी रचना के अवलोकन एवम् समीक्षा के लिए हार्दिक आभार।
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
23 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. गिरिराज जी "
23 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"सादर नमस्कार। नियमित सहभागी साथियों की रचना पटल पर उपस्थिति और प्रतिक्रिया से दिल ख़ुश हो जाता है।…"
30 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आ. भाई शेख शहजाद जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
34 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
39 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आदाब। रचना पटल पर उपस्थिति और प्रोत्साहन हेतु तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया कल्पना भट्ट जी।…"
44 minutes ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"शहज़ाद भाई, हिन्दू-मुस्लिम न लिखकर कोई प्रतीक का प्रयोग किया जा सकता है? मार्मिक लघुकथा हुई है। बधाई…"
1 hour ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"कश्मीर के लोगों की पीड़ा नहीं है यह अपितु इस स्थिति से गुज़र रहे हर वो देश है जहाँ लगतार युध्द की…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सादर अभिवादन। आप जैसे सभी वरिष्ठो का स्नेहपूरण मार्गदर्शन पुनः मिलता रहे यही आकांक्षा है। "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"आदरणीय मयंक भाई ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा हुआ है , गुणी जन आवश्यक सलाह दे चुके है , ख़याल करिएगा "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"आदरणीय नीलेश भाई , हमेशा की तरह आपकी ग़ज़ल बेहतरीन लगी , हर एक शेर  उम्दा हुए हैं  पड़े जो…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुंदर और संदर्भगत लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service