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बृजेश नीरज
  • Male
  • Lucknow, Uttar Pradesh
  • India
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बृजेश नीरज's Discussions

ओबीओ लखनऊ चैप्टर का आयोजन दिनांक २२.१२.२०१३: एक रिपोर्ट
2 Replies

मासिक काव्य गोष्ठी के क्रम में जहाँ एक ओर हमारा प्रयास रहा है कि लखनऊ और देश के प्रमुख हस्ताक्षरों का सानिध्य और मार्गदर्शन हमें प्राप्त हो सके वहीँ नेट की दुनिया से दूर और अनजाने रचनाकारों को ओबीओ…Continue

Started this discussion. Last reply by बृजेश नीरज Feb 16, 2014.

मासिक काव्य गोष्ठी दिनांक २१.११.२०१३
12 Replies

       प्रथम इस बात के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ कि इतने विलम्ब से इस रिपोर्ट को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ. गत २ माह का समय कुछ पारिवारिक समस्याओं के कारण अति व्यस्तता का रहा जिनके चलते इस रिपोर्ट…Continue

Started this discussion. Last reply by sharadindu mukerji Feb 7, 2014.

ओबीओ लखनऊ चैप्टर का काव्य समारोह // -- बृजेश नीरज
18 Replies

       दिनांक 26.10.2013 ओबीओ लखनऊ चैप्टर के लिए बहुत ही सुनहरे, खूबसूरत और सुखद क्षण लेकर आया, जब आल इंडिया कैफ़ी आज़मी अकादमी के प्रेक्षागृह में बड़ी संख्या में देश-विदेश के जाने-अनजाने रचनाकार काव्य…Continue

Started this discussion. Last reply by बृजेश नीरज Nov 13, 2013.

ओबीओ लखनऊ चैप्टर के संयोजक का चुनाव
22 Replies

ओबीओ लखनऊ चैप्टर की बढ़ती गतिविधियों को दृष्टिगत रखते हुए आज सभी सदस्यों ने यह निर्णय किया कि ओबीओ लखनऊ चैप्टर के लिए एक संयोजक का चुनाव कर लिया जाये जिससे कि चैप्टर की गतिविधियों का सुचारू और…Continue

Started this discussion. Last reply by sharadindu mukerji Nov 21, 2013.

 

सुस्वागतम! बृजेश नीरज!

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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on बृजेश नीरज's blog post धारा
"सिक्का अगर खोटा हो तो उसके दोनों पहलू खोटे होते हैं. इस बात की तस्दीक करती इस रचना के लिए हार्दिक बधाई, बृजेश भाई. शुभातिशुभ"
Jun 20, 2019
vijay nikore commented on बृजेश नीरज's blog post धारा
"रचना अच्छी लगी, बधाई बृजेश जी"
Jun 18, 2019
बृजेश नीरज commented on बृजेश नीरज's blog post धारा
"प्रतिभा पाण्डे जी आपका बहुत आभार "
Jun 13, 2019
बृजेश नीरज commented on बृजेश नीरज's blog post धारा
"समर कबीर जी आपका हार्दिक आभार "
Jun 13, 2019
बृजेश नीरज commented on बृजेश नीरज's blog post धारा
"नीलम उपाध्याय जी आभार आपका "
Jun 13, 2019
Neelam Upadhyaya commented on बृजेश नीरज's blog post धारा
"आदरणीया बृजेश नीरज जी, बढ़िया समसामयिक रचना की प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकार करें ।"
Jun 12, 2019
Samar kabeer commented on बृजेश नीरज's blog post धारा
"जनाब बृजेश नीरज जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।"
Jun 11, 2019
pratibha pande commented on बृजेश नीरज's blog post धारा
"कुछ तत्व अपने स्वार्थ के लिये मुद्दे गर्माये रखना चाहते हैं।  सामयिक विषय लिये प्रभावशाली रचना। हार्दिक बधाई आपको"
Jun 10, 2019
बृजेश नीरज posted a blog post

धारा

“यार बड़ी दिक्कत है आजकल.”“क्यों क्या हुआ.”“रोज़ धर्म और देश भक्ति को लेकर बवाल हुआ करता है.”“जब कुछ करने को न हो तब ऐसी छोटी-छोटी चीज़ें टाइम पास का अच्छा साधन होती हैं.”“तुम्हारे कहने का मतलब जो कुछ भी आजकल हो रहा, सब टाइम पास है?”“बिलकुल.”“परसों जो लड़कों में मारपीट हुई, पुलिस ने लाठीचार्ज किया, मीडिया में बवाल मचा हुआ है, सब टाइम पास है?”“बिलकुल है भाई. इसके अलावा इस बवाल का मतलब क्या है? तुम्हें कुछ सार्थकता दिखती है? नारे क्या देश प्रेम का पैमाना हैं?”  “यानी तुम्हारे कहने का अर्थ है कि जो…See More
Jun 9, 2019

Profile Information

Gender
Male
City State
Lucknow
Native Place
Pratapgarh
Profession
Service
About me
मैं, बृजेश, उत्तर प्रदेश सरकार का एक अदना सा नौकर हूँ। मैं कुछ न करने से लिखना बेहतर समझता हूँ। कलम जिस तरह से चल जाती है, कागज पर उतार देता हूँ। लिखता हूँ बृजेश नीरज के नाम से। बृजेश मैं हूँ नीरज मेरी पत्नी का नाम है।

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धारा

“यार बड़ी दिक्कत है आजकल.”

“क्यों क्या हुआ.”

“रोज़ धर्म और देश भक्ति को लेकर बवाल हुआ करता है.”

“जब कुछ करने को न हो तब ऐसी छोटी-छोटी चीज़ें टाइम पास का अच्छा साधन होती हैं.”

“तुम्हारे कहने का मतलब जो कुछ भी आजकल हो रहा, सब टाइम पास है?”

“बिलकुल.”

“परसों जो लड़कों में मारपीट हुई, पुलिस ने लाठीचार्ज किया, मीडिया में बवाल मचा हुआ है, सब टाइम पास है?”

“बिलकुल है भाई. इसके अलावा इस बवाल का मतलब क्या है? तुम्हें कुछ सार्थकता दिखती है? नारे क्या देश…

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Posted on June 9, 2019 at 11:25pm — 8 Comments

दोहे- बृजेश

धूप, दीप, नैवेद बिन, आया तेरे द्वार

भाव-शब्द अर्पित करूँ, माता हो स्वीकार

 

उथला-छिछला ज्ञान यह, दंभ बढ़ाए रोज

कुंठाओं की अग्नि में, भस्म हुआ सब ओज

 

चलते-चलते हम कहाँ, पहुँच गए हैं आज

ऊसर सी धरती मिली, टूटे-बिखरे साज

 

मौन सभी संवाद हैं, शंकाएँ वाचाल

काई से भरने लगा, संबंधों का ताल

 

नयनों के संवाद पर, बढ़ा ह्रदय का नाद

अधरों पर अंकित हुआ, अधरों का अनुनाद

 

तेरे-मेरे प्रेम का, अजब रहा…

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Posted on July 17, 2014 at 9:45pm — 26 Comments

एक नया बीज फिर अंकुरित होने वाला है

मैंने हिटलर को नहीं देखा

तुम्हें देखा है

तुम भी विस्तारवादी हो

अपनी सत्ता बचाए रखना चाहते हो

किसी भी कीमत पर

 

तुम बहुत अच्छे आदमी हो

नहीं, शायद थे

यह ‘है’ और ‘थे’ बहुत कष्ट देता है मुझे 

अक्सर समझ नहीं पाता

कब ‘है’, ‘थे’ में बदल दिया जाना चाहिए 

 

तुम अच्छे से कब कमतर हो गए

पता नहीं चला

 

एक दिन सुबह 

पेड़ से आम टूटकर नीचे गिरे थे

तुम्हें अच्छा नहीं लगा

पतझड़ में…

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Posted on July 6, 2014 at 1:30pm — 46 Comments

कविता..........बृजेश

कविता -

शरीर में चुभे हुए काँटे

जो शरीर को छलनी करते हैं;

वह टीस 

जो दिल की धड़कन

साँसों को निस्तेज करती है

 

यह तुम्हें आनंद नहीं देगी

प्रेम का कोरा आलाप नहीं यह

वासना में लिपटे शब्दों का राग नहीं

छद्म चिंताओं का दस्तावेज़ नहीं

इसे सुनकर झूमोगे नहीं

 

यह तुम्हें गुदगुदाएगी नहीं

सीधे चोट करेगी दिमाग पर

तड़प उठोगे

यही उद्देश्य है कविता का

 

रात के स्याह-ताल…

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Posted on April 16, 2014 at 10:09pm — 45 Comments

Comment Wall (54 comments)

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At 7:07pm on January 3, 2016, Sushil Sarna said…

नूतन वर्ष 2016 आपको सपरिवार मंगलमय हो। मैं प्रभु से आपकी हर मनोकामना पूर्ण करने की कामना करता हूँ।

सुशील सरना

At 9:08pm on June 15, 2014, mrs manjari pandey said…
आदरणीय बृजेश नीरज जी बहुत बहुत धन्यवाद उत्साहवर्धन के लिए
At 6:13pm on March 30, 2014, Dr Dilip Mittal said…

आदरणीय बृजेशजी ,
क्षणिकाएँ क्या होती हैं, शिल्प क्या है , इसका technical ज्ञान मुझे नहीं है ,
इन पर रौशनी डालना बड़े साहित्यकारों कि बातें है ,
मेरा प्रयास मेरे भावों को मेरी रचनाओं में केवल लीपीबद्द करना मात्र ही है,
इस प्रयास में क्या बनता है कविता, क्षणिका,या कुछ और मुझे नहीं पता,
हाँ आप लोगों के सानिध्य से कुछ मार्ग दर्शन मिलेगा तो मुझे प्रसन्नता होगी ,
शुक्रिया

At 7:04pm on January 21, 2014, Alka Gupta said…

हार्दिक अभिनन्दन आपकी अनुपम कृतियों का ...आपने हमारी रचनाओं पर जो द्रष्टि डाली उसके लिए ह्रदय से आभारी हूँ एवं आपके उपयोगी सुझाव के लिए भी ....बहुत -बहुत धन्यवाद कृपया इसी प्रकार अनुग्रहित करते रहें ...

At 11:10am on January 11, 2014, अरुन 'अनन्त' said…

हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश भाई जी

At 11:52am on January 5, 2014, अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव said…

आदरणीय बृजेश नीरज भाई,

ओबीओ से हर व्यक्ति को बहुत कुछ सीखने मिलता है। प्रकाशित रचनायें इतनी अच्छी होती हैं हर कोई इस मंच में यथा संभव सक्रिय रहना चाहता है। इस बार   सक्रिय सदस्य के  योग्य मुझे समझा गया इसके लिए मैं ओबीओ की प्रबंधन टीम और सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ ॥  नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ .... 

***अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव      

At 9:05pm on December 6, 2013, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

ब्रिजेश नीरज जी

आपका स्नेह रंग लाया  i बहुत बहुत आभार i

At 5:52pm on December 4, 2013, Dr Dilip Mittal said…

 सादर आभार 

At 3:20pm on December 3, 2013, Sushil Sarna said…

aapka friend hona mere liye grv kee baat hai. haardik aabhaar Brijesh jee

At 12:42pm on November 27, 2013, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

ब्रजेश जी

आप के सुझाव्  का ह्रदय से स्वागत है i  मैंने  आपके पन्ने पर  काव्य गोष्ठी का विडियो देखा i बहुत अच्छा  लगा i 'परो को ----' देखने को नहीं मिला  i वर्ना मै भी दो शब्द  कहता i मैंने आपको नीरज जी नहीं कहा i आप समझ ही गए होंगे क्यों ? हा---हा--- ओबो ओ  के लिए आप प्राणस्वरूप है  i आप नौकरी के साथ इतना मैनेज कर लेते है i आश्चर्य् होता है i ईश्वर आपको ऐसे ही उर्ज्वस्वित रखे i आमीन i

 
 
 

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