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अरुन 'अनन्त'
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  • Gurgaon
  • India
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दास्ताँने - दिल

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Profile Information

Gender
Male
City State
Gurgaon
Native Place
New Delhi
Profession
Real Estate Consultant
About me
मैं बहुत साधारण व्यक्ति हूँ, और बहुत ही साधारण ढंग से जीवन व्यतीत करता हूँ, माता-पिता से बेहद स्नेह व कदम-2 पर साथ मिला, कुछ सालों पहले माँ के गुजर जाने के बाद जीवन निरर्थक हो गया था, बड़ी मुस्किल से खुद को संभाला माँ की यादों के साथ आगे चलना पड़ा क्यूंकि यही तो जीवन की रीत है. मैं गुडगाँव में रहता हूँ और एक इन्वेस्टमेंट कंपनी में मार्केटिंग प्रबंधक के रूप में कार्यरत हूँ. मुझे पढने - लिखने का बहुत शौक है, मुझे गज़लें बेहद पसंद हैं, पुराने गीत सुनता और गुनगुनाता हूँ. जब भी थोड़ी सी फुर्सत मिलती है तो मन में चल रहे शब्दों को मन की डायरी से निकाल कर सत्यता कर रूप दे देता हूँ, और फिर ब्लोग्स के जरिये बंध-बांधुयों के साथ साझा कर लेते हूँ। ब्लोग्स मेरे जीवन में बेहद महत्वपूर्ण है इसके बिना जीवन निरर्थक सा प्रतीत होता है। जबसे ब्लोग्स से जुड़ा हूँ बहुत कुछ सीखा है, जो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। मेरी शादी 13-नवम्बर-11 को मनीषा से हुई, मनीषा मेरे जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ लेकर आईं उनका कदम-2 पर भरपूर सहयोग मिलता है, ऐसा लगता है जिंदगी नई सी हो गई है। मैं उनका नाम लेना चाहूँगा जिहोंने हर कदम पर मेरा साथ दिया सिखाया, समझाया और बेहद स्नेह दिया. आदरणीय श्री अरुण कुमार निगम सर, आदरणीय श्री रविकर सर, आदरणीय श्री सौरभ पाण्डेय सर, आदरणीय श्री योगराज प्रभाकर सर, आदरणीया प्राची दी, आदरणीया सीमा दी, आदरणीय मित्रवर वीनस केसरी जी इत्यादि.

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अरुन 'अनन्त''s Blog

ग़ज़ल : सदा संदेह से बरसों का बंधन टूट जाता है

बह्र : हज़ज़ मुसम्मन सालिम

मुलायम फूल सा हो दिल या दरपन टूट जाता है,

सदा संदेह से बरसों का बंधन टूट जाता है,



जमीं जब रार बोती है सगे दो भाइयों में तो,

मधुर संबंध आपस का पुरातन टूट जाता है,



तुम्हारी याद में मैया मैं जब आंसू बहाता हूँ,

दिवारें सील जाती हैं कि आँगन टूट जाता है,



पृथक प्रारब्ध ने हमको किया है जानता हूँ पर,

विरह की वेदना में जूझके मन टूट जाता है,

भले अभिमान करती हों स्वयं पे खूब बरसातें,

झड़ी नैनों…

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Posted on July 7, 2014 at 5:00pm — 17 Comments

ग़ज़ल: अरुन 'अनन्त'

दुष्ट दुर्जन पशु बराबर हो गए,

आज कल इंसान पत्थर हो गए,



क़त्ल चोरी रेप दंगो के विषय,

सुर्ख़ियों में आज ऊपर हो गए,



स्वार्थ से कोमल ह्रदय को सींचकर,

प्रेम से वंचित हो ऊसर हो गए,



अंततः जब सत्य मैंने कह दिया,

प्राण लेने को वो तत्पर हो गए,



ढह गई दीवार आदर भाव की,

प्रेम के आवास खँडहर हो गए,



पथ प्रदर्शक जो कभी थे साथ में,

राह में वो आज ठोकर हो गए,



जो समय के साथ चलते हैं नहीं,

एक दिन वो बद से बदतर हो…

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Posted on July 7, 2014 at 3:00pm — 22 Comments

घनाक्षरी : अरुन 'अनन्त'

आदरणीय गुरुजनों, अग्रजों एवं प्रिय मित्रों घनाक्षरी पर यह मेरा प्रथम प्रयास है कृपया त्रुटियों से अवगत कराएँ.

मनहरण - घनाक्षरी

क्रूरता कठोरता अधर्म द्वेष क्रोध लोभ

निंदनीय कृत्य पापियों का प्रादुर्भाव है,



दूषित विचार बुद्धि और हीन भावना है,

आदर सम्मान न ह्रदय में प्रेम भाव है,



नम्रता सहृदयता विवेक न समाज में,

सभ्यता कगार पर धर्मं का आभाव है,…



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Posted on April 21, 2014 at 10:30am — 19 Comments

ग़ज़ल : अरुन 'अनन्त'

बह्र : रमल मुसम्मन महजूफ

वज्न : २१२२, २१२२, २१२२, २१२

मध्य अपने आग जो जलती नहीं संदेह की,

टूट कर दो भाग में बँटती नहीं इक जिंदगी.



हम गलतफहमी मिटाने की न कोशिश कर सके,

कुछ समय का दोष था कुछ आपसी नाराजगी,



आज क्यों इतनी कमी खलने लगी है आपको,

कल तलक मेरी नहीं स्वीकार थी मौजूदगी,



यूँ धराशायी नहीं ये स्वप्न होते टूटकर,

आखिरी क्षण तक नहीं बहती ये आँखों की नदी,



रात भर करवट बदलना याद करना रात भर,

एक अरसे से…

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Posted on April 19, 2014 at 2:30pm — 40 Comments

Comment Wall (27 comments)

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At 11:54am on July 3, 2014, Sushil Sarna said…

Aaradhya ke janam din kee aapko hardik badhaaeeyaa aur shubhkaamnaayen. bhagwan uskee hr manokaamna ko poorn kre . jeevan men hr oonchaaee uske aage chhotee ho . manzilain uske kadam choome. puhan haaaaaaaaaaaaaaaaaaaardik badhaaee 

At 6:50pm on January 30, 2014, NEERAJ KHARE said…
KASAAV KIYA JA SAKTA THA.....AAPKE VICHAR SAHI HAIN..DHANYVAD
At 7:48am on January 21, 2014, gumnaam pithoragarhi said…

 

 

"ठोकरें खा/2122 के मुहब्बत /2122में संभल जा/2122ऊंगा/जाऊंगी22"

 

to kya 2122 2122 2122 22ke aadhar par gazal baandh skte hain pleasa batayega jaroor????????????????????

At 8:07am on January 11, 2014,
सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी
said…

आदरणीय अरुण भाई , जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें स्वीकार करें ॥

At 6:39am on January 11, 2014, Abhinav Arun said…

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें आदरणीय आपकी जय हो विजय हो !!!!!

At 12:10am on January 11, 2014, बृजेश नीरज said…

जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें भाई जी!

At 7:33am on December 10, 2013, सूबे सिंह सुजान said…

बहुत सुन्दर ग़ज़लें कही हैं आपने...आपको हृदय से बधाई

At 10:56pm on October 2, 2013, Vindu Babu said…
कार्यकारिणी टीम में शामिल होने की हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरमीय अरुन भाई!
सादर
At 8:30am on October 2, 2013, vijay nikore said…

आदरणीय अरून जी:

 

ओ बी ओ कार्यकारिणी टीम में शामिल होने के लिए आपको हार्दिक बधाई।

 

विजय निकोर

At 10:02pm on August 26, 2013, ARVIND BHATNAGAR said…
Apka 'about me'padha.Aap ek samvedansheel insaan hain ye jana. Asha hai aage bhi apke vichar jan neko milte rahenge.
 
 
 

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"अगले आयोजन के लिए भी इसी छंद को सोचा गया है।  शुभातिशुभ"
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"आपका छांदसिक प्रयास मुग्धकारी होता है। "
16 hours ago

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"वाह, पद प्रवाहमान हो गये।  जय-जय"
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"आदरणीया प्रतिभाजी, आपकी संशोधित रचना भी तुकांतता के लिहाज से आपका ध्यानाकर्षण चाहता है, जिसे लेकर…"
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"आदरणीय अशोक भाई, पदों की संख्या को लेकर आप द्वारा अगाह किया जाना उचित है। लिखना मैं भी चाह रहा था,…"
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"आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए है।हार्दिक बधाई। भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ । "
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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, हार्दिक धन्यवाद  आभार आपका "
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"हार्दिक धन्यवाद  आभार आदरणीय अशोक भाईजी, "
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"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
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"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभाजी "
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"आदरणीय अखिलेश जी बहुत सुन्दर भाव..हार्दिक बधाई इस सृजन पर"
20 hours ago
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"वाह..बहुत ही सुंदर भाव,वाचन में सुन्दर प्रवाह..बहुत बधाई इस सृजन पर आदरणीय अशोक जी"
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