हम बानी कुँवारी
माँ-बाप के सर पर
एक बोझ बानी भारी
दुल्हा खरीद ना पईनी
हम बानी ऊ अभागन नारी
हम बानी कुँवारी
प्रदर्शनी खातिर लागल
हई कौनो चीज प्यारी
आवेलन लइका वाला
देखे खातिर हमके
पर ऊ त देखेलन,
हमार घर, हमारा बाप के हैसियत
कहेलन ऊ लोग,
दो चार रोज में बताएम
पर हमके पता बा
ऊ लोग नइखे आवे वाला
काहे कि, लइका वाला देखले बा
हमरा दुआरी पर
नाही खडा बा कार
हमरा ड्राईंग रूम मे
सोफा नईखे ,…
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Added by Raju on April 6, 2010 at 9:07pm —
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इंसान एक बार जीता है, एक बार मरता है और एक बार ही प्यार करता है...
जिंदगी में इंसान को कई बार प्यार हो सकता है। यह बात दूसरी है कि पहला प्यार कोई भुला नहीं पाता। लेकिन सच्चा प्यार बड़ी ही मुश्किल से किसी को नसीब होता है...आज की हाईटेक लाइफस्टाइल में प्यार की परिभाषा बदल गई है...प्यार भी हाईटेक हो गया है...लोग प्यार कई चीजें देखकर करने लगे हैं...मसलन जेब...सैलरी...लाइफस्टाइल...और इन सबसे बढ़कर ये मायने रखता है कि आप सामनेवाले से ज्यादा हाईप्रोफाइल…
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Added by Ratnesh Raman Pathak on April 6, 2010 at 7:30pm —
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फिल्म-- हँसते जख्म
गाना-- हां ये माना मेरी जान मोहब्बत सजा है
गायक-- मोहम्मद रफ़ी
तौबा तौबा ये जवानी ये जवानी का गुरूर
इश्क के सामने सर फिर भी झुकाना ही परा
कैसा कहते थे ना आयेंगे ना आयेंगे
मगर दिल ने इस तरह पुकारा तुम्हे आना ही परा
ये माना मेरी जान मुहब्बत सजा है
मजा इसमें इतना मगर किसलिए है
वो इक बेकरारी जो अब तक इधर थी
वोही बेककारी उधर किसलिए है
बहलना ना जाने बदलना ना जाने
तमन्ना मचल के सम्हलना…
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Added by PREETAM TIWARY(PREET) on April 5, 2010 at 11:48pm —
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1...हमें दूसरो के गुणों की प्रशंशा अवस्य करनी चाहिए/
2...सुनना तो हमें सबकी बातों को चाहिए,लेकिन करना हमेशा अपने मन का चाहिए/
3...हमें किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले अच्छी तरह से तैयारी कर लेनी चाहिए/साथ ही हमें बुरे परिणामो के लिए भी तैयार रहना चाहिए
4...अपने गुणों का स्वयं ही बखान करने से पाप और पुण्य दोनों का प्रभाव क्षीण हो जाता है/
5...किसी व्यक्ति को आप अच्छी खबर दे या ना दे,पर बुरी खबर देने से हमेशा बचे/
6...जो कार्य अगले दिन करनी हो,उसकी रूप-रेखा रात को… Continue
Added by PREETAM TIWARY(PREET) on April 4, 2010 at 12:58pm —
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1...पृथ्वी पर प्रति मिनट लगभग 6000 बार बिजली कड़कती है।
2...छींक हमारे मुख से लगभग 100 मील प्रति घंटा की गति से बाहर आती है।
3...डॉल्फिन मछली एक आंख खुली रखकर सोती है।
4...मनुष्य अपने जीवनकाल में लगभग 60 हजार पाउण्ड भोजन सामग्री खा जाता है जो लगभग 6 हाथियों के वजन के बराबर है।
5...किसी जमाने में आइसलैण्ड के एक शहर में कुत्ता पालना गैरकानूनी था।
6...हर चार में से एक अमरीकी कभी न कभी टेलीविजन पर दिखाया जा चुका है।
7...जन्म के समय हमारे शरीर में 300 हड्डियां होती हैं…
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Added by PREETAM TIWARY(PREET) on April 3, 2010 at 11:36pm —
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हमर मन कहत बा ,
जेतना नेता बा लोग ,
ओ लोग के दे दी लम्बा छुट्टी ,
छुट्टी पर जे ना जाई ,
ओ लोग के राऊआ इ बुझी ,
इ चोर के सरदार हा,
हमर मन कहत बा
येके गोली मारी,
इ ता देश के लुटी ,
एकरा के छोरी मत ,
जल्दी तारा (चाहेटी) करी ,
आज के नेता अब नइखन ,
भाई हो देश के बेटा ,
हमर मन कहत बा,
गेरुआ देख के अब राऊआ ,
झट से सर ना झुकाई,
भक्ति से सरबोर कम ,
बेसी गुंडा पाइब ,
पता चलल गेरुआ वाला ,
कुछ बाबा दलाली…
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Added by Rash Bihari Ravi on April 2, 2010 at 6:56pm —
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प्यार वो ख़ुश्बू है जिससे सारा चमन महक उठता है
प्यार वो समझ है जिससे सारी दुनिया शांत हो उठती है
प्यार वो विश्वास है जहाँ अटूट बंधन बाँध लेता है
प्यार वो रंग है जो हर रंग मे मिल जाता है
प्यार बचपन से लेकर जवानी तक एक कहानी लिख जाता है
प्यार जवानी से बुढ़ापे तक एक नई दास्तान बताता है
काश ! हर तरफ़ प्यार ही होता
तो आज दुनिया का एक नया रूप होता
Added by Raju on April 2, 2010 at 6:00pm —
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मास्टर बलास्टर रन मशीन कहल जाला सचिन के ,
भरेसे मंद आउर दिवार नाम राहुल द्रविर के ,
धोनी तूफान बन के आइले उर ग़ाईळ महाराजा .
युवराज के देख के कपिल के याद भइल ताजा ,
कुछु कही बात एगो बाटे जेहन में रहिआन दादा ,
बिरेंदर अइसन बीर खिलारी भज्जी के सहारा ,
सपना कब पूरा होई आई बिश्वा कप दोबारा ,
शान ता गौतम पठान के बात न्यारा ,
बड़े एक से एक धुरंधर , राज नित के सहारा ,
एकरा के आगे बधाई नेता बाहर करी गिन के ,
मास्टर बलास्टर रन मशीन कहल जाला सचिन के ,
Added by Rash Bihari Ravi on April 2, 2010 at 4:41pm —
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दिन,प्रतिदिन,
हर एक पल,
आपन सभ्यता अउर संस्कृति में
निखार आ रहल बा,
हमनी के हो गईनी,केतना सभ्य,
कौआ ई गीत गा रहल बा
पहिले बहुत पहिले,
जब हमनी के एतना सभ्य ना रहीं,
त रहे चारों तरफ खुशहाली,
लोगन के मिलजुल के,
विचरण रहे जारी,
जेतना पावत रहनी,
प्रेम से खात रहनी,
दोस्तन के भी खिआवत रहनी,
आ कबो-कबो भूखे सुत जात रहनी।।
आज जब हमनी के सभ्य हो गइल बानी,
बाटे सोहात नाही,
दोसरा के रोटी,
छिन के खा रहल… Continue
Added by Raju on April 2, 2010 at 12:41pm —
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सोचत बानी हम ,
हम बाबा बन के लुटब ,
जवान देश में होखे ,
बरका बरका मुरख ,
उहा काहे हम ,
अपन नसीब के कुटब,
सोचत बानी हम ,
हम बाबा बन के लुटब ,
रोज सुबेरे पाठ पढ़ाएम ,
सदा जीवन जिये के ,
संगे इ तरकीब लगायेम,
अपन पाकिट भरे के ,
लोग जे हम पे बिस्वास करी ,
जंगली पता घुटब,
सोचत बानी हम ,
हम बाबा बन के लुटब ,
बाजार में जब नाम होई ,
आपन दवाई बेचाब ,
संगे संगे कुछ नेता लेम ,
आपन पाटी ठोकब,
नेता लोग जैसे…
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Added by Rash Bihari Ravi on April 1, 2010 at 7:30pm —
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शांति आदमी के कमजोर बना देला ,
शक्ति इन्सान के सैतान बना देला ,
अगर सम्पति पाके जे संभल गइल ,
ओकर स्वरुप भगवान के रूप होला .
सैयम के संगे सादगी ता सफलता मिली ,
आउर समृधि अपने आप होई ,
त संस्कार खिली ,
जब स्वास्थ बढ़िया रही त सन्मान मिली ,
आउर सरस्वती जहा रहिआन ,
त उहा स्नेह मिलबे करी ,
जब सनेह मिली ता उहा शांति रही ,
ता रौआ जानते बानी ,
शांति आदमी के कमजोर बना देला ,
Added by Rash Bihari Ravi on April 1, 2010 at 6:59pm —
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जीवन हमार लेके आइल बहार ,
हमारा तोहरा से प्यार हो गइल,
नाही रतिया के नींद ,
नाही दिन के करार ,
इ ता जीवन हो गइल तोहर,
हमारा तोहरा से प्यार हो गइल,
जेने देखि ओने तुही दिखेलु ,
मनवा पे हमारा तू राज करेलू ,
लगे आवेलु आवे ला बहार ,
हमारा तोहरा से प्यार हो गइल,
सपना में तुही खुली अखीया में तुही ,
हर दम हमारा बतिया में तुही ,
दूर जालू ता तरपे मन हमार ,
हमारा तोहरा से प्यार हो गइल,
Added by Rash Bihari Ravi on April 1, 2010 at 6:40pm —
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जे जीवन से खुबे कईलास प्यार ,
ओकर जीवन बेकार हो गईल ,
ये भरम में त मत रहा इयर ,
की इ जीवन हमर हो गईल ,
चाहे जेतना तू पाउडर लगाला ,
आई बुढ़ापा सूरत बेकार हो गईल ,
कबो माई बाबूजी कबो भाई भौजाई ,
पत्नी आउर बचवान पर मनवा हेराइल ,
जवानी बितावाला तू मस्ती में ईयार ,
लागल जीवन साकार हो गइल ,
जे परभू के चरण में दिनवा बितावल ,
उहो ता भव सागर पर हो गइल ,
अब का पछताई करबा त ईयार ,
सारी उमर जब पार हो गइल…
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Added by Rash Bihari Ravi on April 1, 2010 at 5:20pm —
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बाह रे भगवान तहार अजबे बा माया ,
कही बाटे धुप त कही बाटे छाया ,
जेकरा लागे बाटे,
ओके खूब देत बारs ,
जेकरा लागे नइखे ,
ओकर पेटो ना भरत बारs ,
बाह रे भगवान तहार अजबे बा माया ,
कही बाटे धुप त कही बाटे छाया ,
जेकरा लागे पाईसा बा ,
उ भगवान के जइसन बा
तहरे अइसन इहो ,
अब कम त करत बा ,
जेकरा लागे बाटे ,
ओकरे के पूछत बा ,
जेकरा लागे नइखे ,
ओके दूर से नमस्कार ,
बाह रे भगवान तहार अजबे बा माया ,
कही बाटे धुप त कही बाटे…
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Added by Rash Bihari Ravi on March 31, 2010 at 4:11pm —
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( इ कविता बा हमारा उ सब भाई लोग खातीर जे एड देख के दोस्ती करे ला लोग ओ
लोग के सावधान करे खातीर अंत में जिगोलो सब्द आइल बा जिगोलो मर्द बेस्या के
कहल जाला धन्यवाद राउर आपन रवी कुमार गिरी गुरु )
दोस्त बनाई किस्मत चमकाई,
अइसन एड अक्सर ,
न्यूज़ पेपर में आवे ला ,
जवन मन के भावे ला ,
भईया इ मन भावन एड से ,
रहीआ दुरी बनाई ,
इ किस्मत ना चमकाई ,
एक जाना इ एड के देखी ,
दिहले फोन मिलाई ,
दूसरा तरफ से आवाज ,
खनखनात महिला के आइल…
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Added by Rash Bihari Ravi on March 31, 2010 at 2:26pm —
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This poem is not written by me......This is my one of favourite poem
एक ‘था’…
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Added by Raju on March 31, 2010 at 1:57pm —
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अइसन तू दिहलू ग़म प्यार में हमके सनमजीयल अब जाई ना बिन तोहरा…
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Added by PREETAM TIWARY(PREET) on March 31, 2010 at 11:04am —
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आज रात के बात, पुरी तरह से बावे याद,
एक छोटी सी,नन्ही सी, प्यारी सी गुड़िया,
करत रहल बहुत ही कातर गुहार,
माई तनिक बतावS मोहे, का हो गईल हमसे कसूर,
दुनिया मे आवे से पहिले, कईल चाहेलू तू अपना से दूर,
तोहरे खून से सिचिंत बानी, तोहरे हई हम त अंश,
अपने हाथ से अपना के मिटा के, कईसे सहबू इ पाप के दंश,
अपने से ही बनावल गुड़िया, कईसे देबू हपने से तूर,
माई तनिक बतावS मोहे, का हो गईल हमसे कसूर,
दुनिया मे आवे से पहिले, कईल चाहेलू तू अपना से दूर,…
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Added by Er. Ganesh Jee "Bagi" on March 30, 2010 at 2:30pm —
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परिँदे बोलते नहीँ हैँ, लेकिन महसूस तो करते ही हैँ। इन्सान कुछ कहना चाहे तो उसके पास जुबान है किन्तु इन के पास नहीँ हैँ।इस गर्मी मे इन पंक्षीयो का प्यास से बुरा हाल हो रहा हैं। हमने तो धीरे-धीरे इनका प्राकृतिक जल स्रोत नष्ट कर दिया। ये बेचारे प्यास से मर रहे हैँ। आइये हम और आप मिलकर इनके लिये अपने छत पे, बालकनी मे, अहाते मे इनके लिए दाना-पानी रखे।इसमे अपना क्या जाता है। कवी जी ने सही लिखा है-
राम जी के चिरइ, राम जी के खेत।
खा ले चिरइ भर-भर पेट।।
Added by Mahesh Jee on March 29, 2010 at 10:02pm —
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माई हिमालय से भी…
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Added by Raju on March 29, 2010 at 7:53pm —
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