For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हमर मन कहत बा ,
जेतना नेता बा लोग ,
ओ लोग के दे दी लम्बा छुट्टी ,
छुट्टी पर जे ना जाई ,
ओ लोग के राऊआ इ बुझी ,
इ चोर के सरदार हा,
हमर मन कहत बा
येके गोली मारी,
इ ता देश के लुटी ,
एकरा के छोरी मत ,
जल्दी तारा (चाहेटी) करी ,
आज के नेता अब नइखन ,
भाई हो देश के बेटा ,
हमर मन कहत बा,

गेरुआ देख के अब राऊआ ,
झट से सर ना झुकाई,
भक्ति से सरबोर कम ,
बेसी गुंडा पाइब ,
पता चलल गेरुआ वाला ,
कुछ बाबा दलाली करत बा ,
एकरा के फासी पर चढ़ाई ,
हमर मन कहत बा

Views: 526

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on September 6, 2010 at 9:36pm
बिलकुल सही बात.....गुरु जी आप आगे बढिए हम आपके साथ हैं|
Comment by Admin on April 3, 2010 at 2:38pm
Guru jee, bahut sundar aa vyangatmak rachna ba raur, Bahut bahut dhanyabad ba aeh rachna khatir, ab logan key biswaas uthal jaat ba e babawan sey, bahut badiya rachna,

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 2, 2010 at 8:42pm
गेरुआ देख के अब राऊआ ,
झट से सर ना झुकाई,
भक्ति से सरबोर कम ,
बेसी गुंडा पाइब ,
हम का कही गुरु जी शब्द नइखे मिलत इ कविता के तारीफ मे , बहुत बढ़िया कविता लिखले बानी, राउर कविता मे आम आदमी के आक्रोश झलक रहल बा, पहिले जनता खाकी से त्रस्त रहल वोकरा बाद खादी से और अब गेरुवा रंग वाला चोला से, अब ता इहे कहे के मन करत बा की " जागो जनता जागो "
Comment by Mahesh Jee on April 2, 2010 at 7:53pm
ए बाबा(नवका) अरे अब त इ बबवन के उपर कविता लिखल छोडी ना त हमनी के बहुते बदनामी होइ अउर हमनी के पार्टी बनला से पहिलही टूट जाई। hahahahahahaha..
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on April 2, 2010 at 7:48pm
bahut badhiay guru jee..raur man sahi kahat baa............
कुछ बाबा दलाली करत बा ,
एकरा के फासी पर चढ़ाई ,
हमर मन कहत बा
bahut badhiay guru jee

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service