For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जन्माष्टमी दोहे

आई है जन्माष्टमी , धूम मची चहुँ ओर
जन्मदिन मनाओ सखी, मनवा नाचे मोर ||

विष्णु जी बाद आठवें ,कृष्ण हुए अवतार
ब्रज भूमि अवतरित हुए, दिया कंस को मार ||

जन्मोत्सव की आज तो, मची हुई है धूम
गोकुलवासी हैं सभी, रहे ख़ुशी से झूम ||

पूत देवकी वासु के ,यशोदा लिया पाल
तारे सबकी आँख के,गोकुल के हैं लाल ||

आतताई खत्म किया,छाया ब्रज उल्लास
चमत्कार कर नित नए,बढ़ा रहे विश्वास ||

राधा अदभुत प्रीत की ,दे रही है मिसाल
मीराबाई भाँवरी , कान्हा बिन बेहाल ||

बाँधा रक्षासूत्र जो ,कृष्ण बचाई लाज
प्रीत कृष्ण से जोड़ लो,पूरण होंगे काज ||

अर्जुन के बन सारथी ,दिया उसे निर्देश
दूर किये संशय सभी, दे गीता उपदेश ||

        ..........................

       मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 6025

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on August 31, 2013 at 2:48pm

सरिताजी राधे-राधे , और कृष्ण लीला को सुंदर दोहे में ढालने की बधाई ॥

Comment by Sarita Bhatia on August 28, 2013 at 7:53pm

आदरणीय लक्ष्मण जी हार्दिक आभार 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 28, 2013 at 7:22pm

जन्माष्टमी पर सुंदर दोहे रचे है | बधाई |

कृष्णं वन्दे जगद्गुरु के जन्म दिवस की आपको हार्दिक शुभकानाए आदरणीया सरिता जी 

Comment by Sarita Bhatia on August 28, 2013 at 6:41pm

आदरणीया विजय श्री जी हार्दिक अभीनंदन 

Comment by Sarita Bhatia on August 28, 2013 at 6:35pm
भाई विजय जी हार्दिक आभार इस उत्साहित टिप्पिनी के लिए
Comment by vijayashree on August 28, 2013 at 12:56pm

जन्मोत्सव की आज तो, मची हुई है धूम 
गोकुलवासी हैं सभी, रहे ख़ुशी से झूम ||

सुंदर दोहे सरिताजी 

आज सारा वातावरण ही कृष्णमय हो रहा है ...जन्माष्टमी की आपको हार्दिक शुभकामनाएं 

Comment by विजय मिश्र on August 28, 2013 at 12:18pm
"बाँधा रक्षासूत्र जो ,कृष्ण बचाई लाज
प्रीत कृष्ण से जोड़ लो,पूरण होंगे काज ||" शतशः सत्य और ध्यान देने योग्य .

आज कृष्ण जन्मोत्सव के शुभ उपलक्ष्य में , सरिता बहन एवं सभी आत्मीय मित्रों को हार्दिक बधाई और सुना है कि इसबार की शुभतिथि है बहुत दिनों के बाद आयी तो क्यूँ न जाए अबकी थोड़ा जमके इसे मनाई !
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 28, 2013 at 11:29am

अति सुंदर दोहे, जन्माष्टमी की शुभकामनाओं के साथ बधाई आदरणीया सरिता जी

Comment by vandana on August 28, 2013 at 7:10am

बाँधा रक्षासूत्र जो ,कृष्ण बचाई लाज 
प्रीत कृष्ण से जोड़ लो,पूरण होंगे काज ||

वाह सरिता जी बहुत सुन्दर दोहे जन्माष्टमी के अवसर पर शुभकामनायें 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
46 minutes ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आपका हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी।"
Mar 31
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुंदर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 31
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
Mar 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
Mar 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service