A pulmonologist householder asked me for some guidance on meditation since she feels overwhelmed with time pressures and finds it difficult to find time for regimented meditation.Following is my…Continue
Started by vijay nikore Sep 19, 2023.
Our personal relationship with God begins with the belief that there is God, like a father or mother. When we start depending on this belief like we depend on our father or mother, a respect…Continue
Started by vijay nikore. Last reply by Dr. Vijai Shanker Sep 12, 2023.
PAIN .. PRAYER.. AND GRATITUDE … a perspective So true. .... sometimes people come close to you, nay, very close to you, not necessarily because their affection for…Continue
Started by vijay nikore. Last reply by vijay nikore Oct 4, 2018.
Time "IS" and Time is "NOT.... this is the greatest philosophic discovery by our sages as well as by scientists like Einstein.Given the undue importance to TIme, it envelopes every person, every…Continue
Started by vijay nikore Oct 4, 2018.
Comment
आशा जी,
इस समूह पर आपका स्वागत है।
आशा है हम सभी के चिंतन के लिए आप अपने विचार शीघ्र लिखेंगी।
विजय निकोर
अपने आपको वह चीज करते या होते या पाते सोंचे या कल्पना करें जिसके लिए आप मेहनत कर रहें हैं |सभी विवरण भरें |महसूस करें ,देंखे ,चंखे ,स्पर्श करें ,सुने !अपनी नई स्थिति पर दूसरे लोगों की प्रतिक्रियाओ पर ध्यान दें |चाहें उनकी प्रतिक्रियाएं जों
भी हों ,कहें की आपके लिए सब ठीक हैं |
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जब आप रात को सोने जातें हैं तो अपनी आँखे बंद किजीयें और फिर से अपने जीवन की सभी अच्छी बातों के लिए आभार जताएं |इससे और भी अच्छी बातें होंगी |
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शान्ति से सोने जाएँ |भरोसा रखें की जीवन की प्रक्रिया आपके पक्ष में हैं और वह आपकी बेहतरी तथा खुशियों का ध्यान रख रही हैं|
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आपके हृदय में इतना प्रेम हैं की आप पूरी पृथ्वी का उपचार कर सकते है|लेकिन फ़िलहाल चलो इस प्रेम को केवल अपने उपचार के लिए इस्तेमाल के लिए इस्तेमाल करें |अपने हृदय के केन्द्र में एक गर्माहट ,एक सौम्यता ,एक नरमी आतें देखे |इस भावना को अपने सोचने और बोलने के तरीको को बदलनें दें |
आप गहरे विश्वास के साथ जों भी अपेक्षा करते हैं ,वह स्वयं पूरी होने वाली भविष्यवाणी बन जाती हैं[self fulfilling prophecy]|आपको जिंदगी में वही मिलता हैं जिसकी आप अपेक्षा करते हैं |
आपकी जों खुद से अपेक्षाएं होती हैं ,आप उनसे ऊँचे कभी नही उठ
सकतें |चूँकि वे पूरी तरह से आपके नियंत्रण में होंती हैं इसलिए यह सुनिश्चित करना हैं की आपकी अपेक्षाएं उस जीवन के अनुरूप हों,जिसे आप भविष्य में सच होने की आशा रखतें हैं |खुद से हमेशा सर्वश्रेष्ठ की अपेक्षा रखें |
सिर्फ सकारात्मक अपेक्षाओ की शक्ति ही आपके पूरे व्यक्तित्व को बदल सकती हैं …..साथ ही आपकी जिंदगी को |
प्रिय मित्रो,
इस समूह पर नए सदस्यों का हार्दिक स्वागत है,
और अन्य सदस्यों को भी मेरा सादर अभिनन्दन!
इस समूह को आरम्भ हुए अभी केवल ११ दिन हुए हैं,
और अब हम १९ सदस्य हैं। स्पष्ट है कि इस चिंतन-क्षेत्र
में obo पर पर्याप्त रूचि है।
यह समूह बनाने के लिए obo admin को धन्यवाद।
आशा है कि अब आगे बढ़ने के लिए हम सभी यहाँ
अपने योगदान से एक-दूसरे के चिंतन को समृद्ध करेंगे।
इस पर ४ लेख post हो चुके हैं.. उन पर भी शीघ्र अपने
अमूल्य दार्शनिक विचार दें, और नए लेख लिख कर
अपने विचारों का रसास्वादन कराएँ।
सादर और सस्नेह,
विजय निकोर
जब ज्ञान दें / गुरु तभी नर/ निज स्वार्थ से/ मुँह मोड़ता।
तब आत्म को / परमात्म से / आध्यात्म भी / है जोड़ता।।
( छंद विधान: हरिगीतिका X 4 = 11212 की चार बार आवृत्ति)
Welcome to new members of this Group ... Deepti Sharma ji and Dinesh Pareek Ji.
Looking forward to your active participation.
Vijay Nikore
My "dear" friends:
I just saw that we now have 10 members. The last I saw was a number "6".
Every member is going to add more enrichment and fun for us all. Thank you and congratulations. You may wish to offer this " enrichment" to your friends of "like mind", by extending to them an invitation to join this आध्यातमिक चिंतन group.
With regards and care,
Vijay Nikore
Shukriya mujhe aamantrit karne ka...thodi samay ki asuvida hai...parantu aane ki koshish karungi...main jyada samay nahi de paati...chhama prarthi....naman
अध्यात्म पर पहली पोस्ट पढ़ी अच्छी लगी धीरे धीरे समझने कि कोशिश करूँगी हार्दिक आभार आदरणीय
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