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pratibha pande
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pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी //नदियों का भिन्न रंग, बहने का भिन्न ढंग, एक शांत एक तेज, दोनों में खो जाइए//वाह..वाह..कुंभ घुमा दिया आपने...बहुत सुन्दर भावमय प्रवाहमय छंद रचना। हार्दिक बधाई आपको "
Feb 23
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"मैं प्रथम तू बाद में,वाद और विवाद में,क्या धरा कुछ  सोचिए,मीन मेख भाव में धार जल की शांत है,या गर्म है विवाद से,सोच सारे छोड़ आओ,घूमते हैं नाव में पुुण्य पाप से परे है,पर्व अपना खास है, बोलते कुछ लोग हैं,आँय बाँय ताव में प्रश्न भी हैं उठ…"
Feb 23
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी  प्रयास पर आपकी उपस्थिति और मार्गदर्शन मिला..हार्दिक आभारआपका //जानिए कि रचना की कुड़माई हो गयी// वाह "
Jan 19
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
" इस अनुमोदन के लिये हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी। शब्दों की इस हेर फेर से गेयता निश्चय ही बहुत सुन्दर है गई है"
Jan 19
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"इस अनुमोदन के लिये हार्दिक आभार आदरणीय अखिलेश जी। तीसरी पंक्ति को लेकर आपके भाव सुंदर और स्पष्ट हैं.."
Jan 19
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंभ का मेला और जीवन के विविध रंगों को आपने बहुत सुन्दर ढंग से शाब्दिक किया है हार्दिक बधाई आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
Jan 19
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह..बहुत सुन्दर..कुंभ की हर बारीकी शामिल कर ली आपने..हार्दिक बधाई आदरणीय अखिलेश जी"
Jan 19
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह..बहुत ही सुन्दर और जीवंत..हार्दिक बधाई आदरणीय अशोक जी छंद में ही आपने तो,कुंभ घुमवा दिया है,ऐसे लिख पाना आप,हमें भी सिखाइये"
Jan 19
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी _________ लो कुंभ का मेला जमा,भाव भक्ति मन रमा,धर्म का झंडा उठाये,भीड़ में उमंग है डुबकियाँ लगा रहे,पुण्य सब कमा रहे,कुंभ की तो शान देख,आसमान दंग है तीर संगम के नहीं,भेदभाव कुछ कहीं,एक ही विश्वास और,एक धर्म रंग है शीत की हो क्यों…"
Jan 19
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी बहुत सुन्दर भाव..हार्दिक बधाई इस सृजन पर"
Dec 22, 2024
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह..बहुत ही सुंदर भाव,वाचन में सुन्दर प्रवाह..बहुत बधाई इस सृजन पर आदरणीय अशोक जी"
Dec 22, 2024
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय अखिलेश जी। तुकांत में हुई असावधानी की आगे के अभ्यासों मे पुनरावृति न हो ऐसी कोशिश रहेगी..सादर"
Dec 22, 2024
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी   उत्साहवर्धन करती इस प्रतिक्रिया के लिये हार्दिक आभार। आपके कहे से सहमत हूँ कि तुकांत में असावधानी हुई है.  "
Dec 22, 2024
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"अंतिम दो पदों में तुकांंत सुधार के साथ  _____ निवृत सेवा से हुए, अब निराली नौकरी,बाऊजी को चैन से न, बैठने दें पोतियाँ माँगतीं वह रोज हैं, कहानियों की टोकरी,जान से प्यारी मगर, बाऊजी को पोतियाँ कभी-कभी तो प्रश्न भी, बड़े अजीब पूछतीं, हैं बड़ी…"
Dec 22, 2024
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी _____ निवृत सेवा से हुए अब निराली नौकरी,बाऊजी को चैन से न बैठने दें पोतियाँ माँगतीं वह रोज हैं कहानियों की टोकरी,जान से प्यारी मगर बाऊजी को पोतियाँ कभी-कभी तो प्रश्न भी बड़े अजीब पूछतीं, क्या सुनाऊँ अब इन्हें बाऊजी हैं सोचते नहीं…"
Dec 22, 2024
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
Dec 15, 2024

Profile Information

Gender
Female
City State
Ratlam Madhya Pradesh
Native Place
Almora Uttarakhand
Profession
was a teacher , currently house wife and a social worker
About me
I am from a sahitya premi family ,love to read and write

Pratibha pande's Blog

रामभरोसे को कोई नहीं ढूँढ रहा ( अतुकान्त)

रामभरोसे को कोई नहीं ढूँढ रहा
 
कब वो पिट्ठू बैग लादे 
पगलाया घबराया सा निकल लिया
वापस गाँव को
किसी को नहीं पता 
कोई ढूँढे भी क्यों …
Continue

Posted on May 15, 2020 at 11:00pm — 8 Comments

एहतियातन( लघुकथा)

मेमना और भेड़िया फिर उसी नाले के पास टकरा गये। भेड़िये को देखकर मेमना मिमियाने लगा।

"  देखिये आपका पानी बिल्कुल जूठा नहीं कर रहा हूँ। मैं तो ... मैं तो...पानी पी ही नहीं रहा हूँ। घर से पीकर आया हूँ।" 
" और क्या क्या करता है तू घर में?" भेड़िया उसके पास आ गया।
"जी..जी पढ़ाई करता हूँ। बारवीं कर ली।"मेमना पीछे हटने लगा।
"अच्छाss और अब काॅलेज जायगा?" 
 "जी..जी.. जी हाँ।"…
Continue

Posted on January 7, 2020 at 7:30pm — 8 Comments

राज़ [ लघुकथा प्रतिभा पाण्डे ]

“ कब से इंतज़ार कर रहा हूँ तेरा I एक राज़ की बात बतानी है I’’ राधा के बाहर आते ही अब्दुल ड्राईवर झट उसके पास आ गया I

“जल्दी बता, बहुत काम पड़ा है I” झटके का कपड़ा कमर में खोंसती राधा बोली I

“ कल तू बता रही थी ना कि मेमसाब आजकल बदली बदली हैं, बहुत मीठा बोलती हैं , टूट फूट में चिल्लाती  भी नहीं हैं I’’

“ हाँ तो ?’’

“दोनों कड़वे करेलों की दरियादिली का राज़ आज खुल गया है I’’ अब्दुल का अंदाज़ भेद भरा था  I

“दोनों मतलब ?’’

“ साहब भी आजकल मीठे हो रहे हैं I…

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Posted on July 6, 2017 at 6:00pm — 9 Comments

मेरी दादी [गीत ] प्रतिभा पांडे

ऊन सलाई संग दादी का

बहुत पुराना था याराना

चपल उँगलियों का दादी की  

जाड़े ने भी लोहा माना

 

छत पर जब दादी को पाती

धूप गुनगुनी  मिलने आती

ख़ास सहेली बन दादी की  

वो भी फंदों से बतियाती

 

सीधे पर दो उल्टे फंदे

बुनता जाता ताना बाना

 

कल जो था बाबा का स्वेटर

अब छोटू का टोपा मफलर

नई पुरानी ऊनों के संग

चपल उँगलियाँ चलतीं सर सर

 

इस रिश्ते से उस रिश्ते तक

गर्माहट का आना…

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Posted on December 18, 2016 at 1:00pm — 8 Comments

Comment Wall (21 comments)

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At 9:54am on November 18, 2019, TEJ VEER SINGH said…

आदरणीय प्रतिभा पांडे भाई जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवम शुभ कामनांयें।

At 3:07pm on November 18, 2018, Sheikh Shahzad Usmani said…

 

आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय साहिबा, जन्मदिन की हार्दिक बधाई और  शुभकामनाएँ।

At 1:39pm on November 18, 2018, राज़ नवादवी said…

आदरणीया प्रतिभा पांडे साहिबा, जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ. ईश्वर आपको सदैव स्वस्थ एवं प्रसन्न रखे. सादर 

At 12:19pm on November 18, 2018, TEJ VEER SINGH said…

आदरणीय प्रतिभा पांडे जी को जन्म दिन की हार्दिक बधाई एवम शुभ कामनायें।प्रभु आपकी समस्त मनोकामनायें पूर्ण करें।माता रानी का सदैव आशीर्वाद मिले। जीवन में सुख, शाँति,समृद्धि और सेहत से मालामाल रहें।सदैव उन्नति के पथ पर अग्रसर रहें।

At 7:55am on June 24, 2016, सुरेश कुमार 'कल्याण' said…
आदरणीया प्रतिभा पांडे जी आपको कविता पर कविता पसंद आई हार्दिक आभार।
At 7:35pm on June 23, 2016, kanta roy said…
इस बीच मैने महसूस किया है कि कई गहरे आत्मीय संबंध मेरी मित्र सूची में शामिल नहीं है तो अचरज से भर गई । वास्तव में हमारा रिश्ता बहुत गहरा है । अपनी सौम्य ,सहज साझीदार को हृदय से अभिनंदन प्रेषित करती हूँ । :)))
At 6:57pm on November 19, 2015, maharshi tripathi said…

धन्यवाद  आ.प्रतिभा जी |

At 3:58pm on November 19, 2015, लक्ष्मण रामानुज लडीवाला said…

जन्म दिवस पर शुभ कामनाएं व्यक्त करने अनुग्रहित करने के  लिए ह्रदयतल से आभारी हूँ आपका  आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी, सादर   -
ईश कृपा से ही हुऐ,सात दशक ये पार,
मित्रों इस सद्भाव का, बहुत बहुत आभार ।

- लक्ष्मण रामानुज लडीवाला,जयपुर

At 6:27pm on November 18, 2015, Sushil Sarna said…

आदरणीया प्रतिभा जी आपको सपरिवार जन्मदिन की ढेरों बधाईयाँ एवं शुभकामनाएं। 

At 5:24pm on November 18, 2015, नादिर ख़ान said…

जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीया प्रतिभा जी । 

 
 
 

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