ग़ज़ल
1212 1122 1212 22 / 112
यही समाज की उलझन है क्या किया जाए
कि भाई भाई का दुश्मन है क्या किया जाए
हर एक शख़्स गरानी के दौर में देखो
ख़ुद अपने आप से बदज़न है क्या किया जाए
सभी ये कहते हैं यारो हम आशिक़ों के लिये
ये शब अज़ल ही से बैरन है क्या किया जाए
सफ़र प जाने से पहले ये सोचना है हमें
हर एक गाम प रहज़न है क्या किया जाए
जो तू नहीं है तो तेरे बग़ैर ऐ जानम
बहुत उदास ये मधुबन है क्या किया जाए
ये सोच सोच के दिल मेरा बैठा जाता है
ख़फ़ा फिर आज वो चितवन है क्या किया जाए
'समर' ख़ुशी का तसव्वुर करें तो कैसे करें
क़दम क़दम यहाँ शेवन है क्या किया जाए
"समर कबीर"
मौलिक/अप्रकाशित
Comment
जनाब आज़ी तमाम जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका आभारी हूँ ।
वाह गुरु क्या खूबसूरत ग़ज़ल है
हर इक शे'र लाजबाब है
शे र दर शे र बधाई स्वीकार करें
जनाब सालिक गणवीर जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।
उस्ताद -ए -मुहतरम समर कबीर साहिब
आदाब
मुरस्सा ग़ज़ल के लिए शैर दर शैर दाद -ओ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
जनाब सुशील सरना जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।
जनाब अनीस अरमान जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ।
बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है सर हर शेर लाजवाब है लफ़्ज़ों की कमाल की कलाकारी की है आपने बहुत कुछ सीखा जा सकता है इससे बहुत बहुत मुबारक
आदरणीय समर कबीर साहब, आदाब! सर, 'चितवन' बिल्कुल ठीक है, मैं उक्त मिसरा में चितवन के विकल्प के बारे में पूछ रहा था! मेरी आप में आस्था है, मैं काफिया 'चितवन' पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं लगा रहा हूँ । सादर
//मेरा आशथ , मौसम सम्बंधित कुछ जैसे, कानन, अथवा, प्रेयसी इंगित बिम्ब है, तो आपकी भाषानुसार 'जोबन ( यौवन )//
भाई, 'चितवन' शब्द आपको क्यों ठीक नहीं लग रहा?,कृपया स्पष्ट करने का कष्ट करें ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online