For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सुरेश कुमार 'कल्याण'
  • Male
  • कैथल (हरियाणा)
  • India
Share on Facebook MySpace

सुरेश कुमार 'कल्याण''s Friends

  • शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप"
  • SudhenduOjha
  • Kalipad Prasad Mandal
  • स्वाति सोनी 'मानसी'
  • रामबली गुप्ता
  • Arpana Sharma
  • बृजेश कुमार 'ब्रज'
  • Rahila
  • सतविन्द्र कुमार राणा
  • asha jugran
  • Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan"
  • pratibha pande
  • Seema Singh
  • Manan Kumar singh
  • डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

सुरेश कुमार 'कल्याण''s Discussions

दीवाली

*कुंडलियां*हर घर की मुंडेर पर,दीप जले चहुँ ओर।दीवाली की रात है,बाल मचाएं शोर।बाल मचाएं शोर,शोर ये बड़ा सुहाना।भूलचूक सब भूल,रहा लग गले जमाना।खाओ रे *'कल्याण',* मिठाई डिब्बे भर - भर।खुशियाँ मिली…Continue

Started Oct 23, 2022

 

सुरेश कुमार 'कल्याण''s Page

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आया मौसम दोस्ती का होती है ज्यों दिवाली पर  श्री राम जी के आने की खुशी में  घरों की सफाई त्यों ही टोकरी भर-भर गिरा रहे  तरु पुराने पात  ज्यों स्वागत करना चाहते हों  यौवन भरते मदन का  मन मचलकर कह रहा  आया मौसम…"
Feb 15

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढिया भावाभिव्यक्ति, आदरणीय. इस भाव को छांदसिक करें तो प्रस्तुति कहीं अधिक ग्राह्य हो जाएगी. ऐसा मेरी समझ मात्र है.  हार्दिक बधाइयाँ "
Feb 14

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, दोहों पर आपके प्रयास सधे हुए हैं. किन्तु, कतिपय दोहे मूलभूत नियमों के अनुसार सधे होने आवश्यक है. जैसे, विषम चरणों का अंत रगण अथवा रगणात्मक शब्दों से होने चाहिए. ग्यारहवें वर्ण का लघु होना मात्र छंद की गेयता को प्रभावित…"
Feb 14
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग कब,सजता संगम घाट।1।तीर्थराज के घाट पर,आ पहुँचे वो संत।देव दनुज दल तरसते,दर्शन को अत्यंत।2।संगम नदियों संग ही,मानवता का खास।श्रद्धा औ विश्वास सह, परम तत्त्व का वास।3।गंगा यमुना संग मिल,सरस्वती का नीर।महाकुंभ भगवान बन, हरता जन की पीर।4।सन्यासी बन कुंभ में,देवलोक को छोड़।पहुँचे पावन स्नान को, खूब मची है होड़।5।हठयोगी की कुंभ में,शैय्या कांटेदार।कोई उलटा लटकता,को रखता सिर भार।6।अजब अखाड़े कुंभ…See More
Feb 9
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Feb 8
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Feb 5
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहे (प्रकृति)

  *दोहे (प्रकृति)* कुदरत पूजूँ प्रथम पद,पग - पग पर उपकार।अस्थि चर्म की देह मम, पंच तत्त्व का सार।1। दसों दिशाएं मन बसीं, करते कवि अरदास।धरा अग्नि रवि वायु सह, पूजूँ जल आकास।2।  पूजूँ धरती मात जो,जीवन का आधार।जीव अंक में खेलते,सहती सबका भार।3।  अग्नि तत्त्व बिन बदन में,कभी न हो व्यवहार।खादिम को आशीष दो,लेखन हो साकार।4। जगमग हो जग सूर्य से,अंधकार का नाश।नमस्कार कर जोड़कर,कण - कण तेरा वास।5। पवन देव नित जीव में,करें रक्त संचार।नतमस्तक 'कल्याण' हैं,श्वास बसो फनकार।6। जल से चलती जिंदगी,झुक-झुक करूँ…See More
Jan 19
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो प्रकृति का ही नियम है, वरना हम आज भी आदिकाल सरीखा ही रहते"
Jan 14
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
Jan 14
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मकर संक्रांति

 प्रकृति में परिवर्तन की शुरुआतसूरज का दक्षिण से उत्तरायण गमनहोता जीवन में नव संचारबाँट रहे तिल शक्कर मूंगफली वस्त्रढोल पर तक - धिन - तक - धिन थिरकतेयुवा बुजुर्गों संग बालकर्णप्रिय लोकगीतों की मधुर सी धुनदर के आगे आग जलाती माताएँ कुदरत के सोये कण - कण को जगानेसज आया मकर संक्रांति पर्व।मौलिक एवं अप्रकाशित सुरेश कुमार 'कल्याण' See More
Jan 14
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Jan 13
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post एक बूँद
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है । हार्दिक बधाई।"
Jan 7
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।।"
Jan 1

Profile Information

Gender
Male
City State
हरियाणा
Native Place
कैथल
Profession
प्राध्यापक (हिन्दी)

सुरेश कुमार 'कल्याण''s Blog

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

-----------------------------

देवलोक भी जोहता,

चकवे की ज्यों बाट।

संत सनातन संग कब,

सजता संगम घाट।1।

तीर्थराज के घाट पर,

आ पहुँचे वो संत।…

Continue

Posted on February 4, 2025 at 11:00am

दोहा अष्टक (प्रकृति)

*दोहा अष्टक* 

------------------

पहन पीत पट फूलते,

सरसों यौवन बंध।

चिकनाहट सी गात में,

श्वास तेल की गंध।1।

उड़ते हुए पराग कण,

मधुकर कर गुंजार।…

Continue

Posted on January 29, 2025 at 5:00pm — 3 Comments

छः दोहे (प्रकृति)

छः दोहे (प्रकृति)

----------

अलंकार सम रूख धर,

रंग बिरंगा रूप।

पुष्प पात फल वृन्त रस,

बाँट रहे ज्यों भूप।1।

धरा गगन के मध्य में,

मेघों का संचार।

शांत करें तन ताप मन,

ज्यों शीतल उद्गार।2।

हर्षाए से मेघ भी,

जल भर लाए थाल।

नव अंकुर मुँह खोलते,

ज्यों तरिणी…

Continue

Posted on January 24, 2025 at 5:30pm — 1 Comment

दोहे (प्रकृति)

  *दोहे (प्रकृति)*

 

कुदरत पूजूँ प्रथम पद,

पग - पग पर उपकार।

अस्थि चर्म की देह मम,

 पंच तत्त्व का सार।1।

 

दसों दिशाएं मन बसीं,

 करते कवि अरदास।

धरा अग्नि रवि वायु…

Continue

Posted on January 18, 2025 at 12:30pm — 1 Comment

Comment Wall (4 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 11:37pm on July 5, 2016, asha jugran said…

आद.सुरेश कुमार जी ,आपकी  कविताओं में  खूबसूरत बहाव है.सहजता है जो हर पाठक से  सहज में  जुड़  जाती  है. 

At 12:44pm on June 18, 2016,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीय

सुरेश कुमार 'कल्याण'  जी,

सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में विगत माह आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन

At 12:27am on May 5, 2016, स्वाति सोनी 'मानसी' said…
सादर धन्यवाद सुरेश कुमार कल्याण सर :)
At 9:17pm on April 11, 2016, सतविन्द्र कुमार राणा said…
सुस्वागतम्!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति और प्रशंसा से लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . पतंग
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय "
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने एवं सुझाव का का दिल से आभार आदरणीय जी । "
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सौरभ जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया एवं अमूल्य सुझावों का दिल से आभार आदरणीय जी ।…"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गीत रचा है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ। सादर "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहो *** मित्र ढूँढता कौन  है, मौसम  के अनुरूप हर मौसम में चाहिए, इस जीवन को धूप।। *…"
Monday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सुंदर दोहे हैं किन्तु प्रदत्त विषय अनुकूल नहीं है. सादर "
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, सुन्दर गीत रचा है आपने. प्रदत्त विषय पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, मौसम के सुखद बदलाव के असर को भिन्न-भिन्न कोण…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service