For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (दिल से बाहर ही न निकले दिलरुबा तेरा ख़याल )

(फाइलातुन -फाइलातुन -फाइलातुन - फाइलुन /फाइलात )

शाम होते ही सितम ढाए सदा तेरा ख़याल |
दिल से बाहर ही न निकले दिलरुबा तेरा ख़याल |

देखता हूँ जब भी मैं नाकाम दीवाना कोई
यक बयक आता है मुझको बे वफ़ा तेरा ख़याल |

उम्र भर कैसे निभेगा साथ मुश्किल है यही
है अलग मेरा तसव्वुर और जुदा तेरा ख़याल |

हो न हो तुझको यकीं लेकिन है सच्चाई यही
किस ने आख़िर है किया मेरे सिवा तेरा ख़याल |

ढोंग तू फिरक़ा परस्ती को मिटाने का न कर
नफ़रतों में देख है डूबा हुआ तेरा ख़याल |

फ़र्हतें मिलते ही इन्सा भूल जाता है तुझे
वक़्ते मुश्किल आए सबको ही ख़ुदा तेरा ख़याल|

ज़िंदगानी का सफ़र तस्दीक़ कट पाएगा यूँ
मेरा तू और मैं रखूं जाने अदा तेरा ख़याल |

( मौलिक व अप्रकाशित )

Views: 542

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on August 28, 2017 at 9:33pm
जनाब राज़ नवादवी साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on August 28, 2017 at 9:32pm
जनाब सलीम रज़ा साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by राज़ नवादवी on August 27, 2017 at 9:28pm

जनाब तस्दीक साहब, बहुत ही उम्दा ग़ज़ल हुई है, दाद के साथ मुबारकबाद. मतला भी ख़ूबसूरत है. ये अशआर भी दिल को लुभा गए:

उम्र भर कैसे निभेगा साथ मुश्किल है यही 
है अलग मेरा तसव्वुर और जुदा तेरा ख़याल |

हो न हो तुझको यकीं लेकिन है सच्चाई यही 
किस ने आख़िर है किया मेरे सिवा तेरा ख़याल |

फ़र्हतें मिलते ही इन्सा भूल जाता है तुझे 
वक़्ते मुश्किल आए सबको ही ख़ुदा तेरा ख़याल|

सादर 

Comment by SALIM RAZA REWA on August 27, 2017 at 9:15pm
जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब, बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई,दाद के साथ मुबारकबाद,
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on August 21, 2017 at 8:19pm
मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब आदाब, ग़ज़ल में आपकी शिरकत एयर हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया, महरबानी
Comment by Samar kabeer on August 21, 2017 at 6:07pm
जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on August 20, 2017 at 10:15pm
जनाब लक्ष्मण धामी साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत औऱ हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 20, 2017 at 9:05pm
आ. भाई तस्दीक अहमद जी, सुंदर गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on August 19, 2017 at 9:34am
जनाब ब्रजेश कुमार साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on August 18, 2017 at 10:44pm
हो न हो तुझको यकीं लेकिन है सच्चाई यही
किस ने आख़िर है किया मेरे सिवा तेरा ख़याल | वाह वाह आदरणीय बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुआ..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
1 hour ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहा सप्तक. . . . . मित्र जग में सच्चे मित्र की, नहीं रही पहचान ।कदम -कदम विश्वास का ,होता है…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर,…"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"गीत••••• आया मौसम दोस्ती का ! वसंत ने आह्वान किया तो प्रकृति ने श्रृंगार…"
18 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आया मौसम दोस्ती का होती है ज्यों दिवाली पर  श्री राम जी के आने की खुशी में  घरों की…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी दोहावली अपने थीम के अनुरूप ही प्रस्तुत हुई है.  हार्दिक बधाई "
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी दोहावली के लिए हार्दिक धन्यवाद.   यह अवश्य है कि…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी प्रस्तुति आज की एक अत्यंत विषम परिस्थिति को समक्ष ला रही है. प्रयास…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . पतंग
"आवारा मदमस्त सी, नभ में उड़े पतंग ।बीच पतंगों के लगे, अद्भुत दम्भी जंग ।।  आदरणीय सुशील…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"दुःख और कातरता से विह्वल मनस की विवश दशा नम-शब्दों की रचना के होने कारण होती है. इसे सुन्दरता से…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढिया भावाभिव्यक्ति, आदरणीय. इस भाव को छांदसिक करें तो प्रस्तुति कहीं अधिक ग्राह्य हो जाएगी.…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service