कुछ न कुछ
मेरे शे-रों में कुछ न कुछ तो ज़रूर रहा होगा
वर्ना अश्क आपके,इस कदर न छलकते
अंधेरों में ही सही,चिराग जलाने चले आते हो
वर्ना मेरी मजार के आसपास,इस कदर बेबस न भटकते
मायूस होकर ना देखते,बंद फाइलों में तस्वीरें मेरी
मेरी यादों के लिए,इस कदर ना तरसते
यह तो 'दीपक कुल्लुवी' का वादा था याद रखेंगे
आप तो बेवफा थे,इस कदर बेवजह ना बदलते
दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'
०९१३६२११४८६
१५/०९/२०१०
Added by Deepak Sharma Kuluvi on September 15, 2010 at 11:16am —
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नवगीत:
संजीव 'सलिल'
*
*
अपना हर पल
है हिन्दीमय
एक दिवस
क्या खाक मनाएँ?
बोलें-लिखें
नित्य अंग्रेजी
जो वे
एक दिवस जय गाएँ...
*
निज भाषा को
कहते पिछडी.
पर भाषा
उन्नत बतलाते.
घरवाली से
आँख फेरकर
देख पडोसन को
ललचाते.
ऐसों की
जमात में बोलो,
हम कैसे
शामिल हो जाएँ?...
हिंदी है
दासों की बोली,
अंग्रेजी शासक
की…
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Added by sanjiv verma 'salil' on September 15, 2010 at 7:54am —
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आज हिन्दी दिवस है . लेकिन क्या हम सही मायने में हिन्दी को वो सम्मान दे पा रहे है जो चाहिये, आज हिन्दी केवल कहने मात्र की राष्ट्र भाषा रह गई है | आज के युग में जहाँ हर तरफ पश्चिमी सभ्यता का चलन है इसलिये हमे हिन्दी का अस्तित्व बचाने के लिए बहुत प्रयास करना होगा तभी हिन्दी की गरिमा बच सकेगी और हिन्दी सही मायने में भारत की राष्ट्र भाषा बन सकेगी |
जय हिंद |
Added by Pooja Singh on September 14, 2010 at 5:30pm —
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कल की बाते हुई पुरानी ये तो दुनिया मानी ,
देश की खातिर जान देते हैं हम हिन्दुस्तानी ,
आलग थलग हम बटे हुए थे छोटे छोटे राजो में ,
दम थी अपनी अपनी अलग अलग आवाजो में ,
मगर न थी एकता जो सब हमपे की मनमानी ,
देश की खातिर जान देते हैं हम हिन्दुस्तानी ,
समझ में आई बीत चूका आये मुंगल और अंग्रेज ,
त्राहिमाम हम कर रहे थे भूलने लगे मतभेद ,
अलग अलग जो हम बटे थे आये एक धारा में ,
पूरा हिदुस्तान हमारा बुलंदी आई इस नारा में ,
मर मिटने पर तैयार हुई एक टोली…
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Added by Rash Bihari Ravi on September 14, 2010 at 3:41pm —
5 Comments
:::::
हिंदी दिवस :::::
::::: (
क्या इस दिवस का नाम लेने भर की भी हैसियत है हमारी ?) :::: ©
हिंदी हिंदी हिंदी !!!
► . . . आज सभी इस शब्द केपीछे पड़े हैं, जैसे शब्द न हुआ तरक्की पाने अथवा नाम कमाने का वायस हो गया l खुद के बच्चे अंग्रेजी स्कूल में चाहेंगे और शोर ऐसा कि बिना हिंदी के जान निकल जाने वाली है l अरे मेरे बंधु यह दोगलापन किसलिए ? स्वयं को धोखा किस प्रकार दे लेते हैं हम ? किसी से बात करते समय खुद को अगर ऊँचे…
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Added by Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह on September 14, 2010 at 1:30pm —
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दो शब्द हिन्दी दिवस पर: 14 सितम्बर की बधाई
हिम तुल्य शितल, न्याय तुल्य निश्चल, दीप तुल्य उज्जवल
तीन अक्षर का संगम हिन्दी! सुबोध भाव अति निर्मल
अभिन्न भेष-भुषा सस्ंकृति से मान बढ़े लोकप्रियता का
केवल नागरिकता नहीं उचित परिचय राष्ट्रीयता का
भारतीयता का पूर्णतः प्रतीक हिन्दी बोल विशिष्ट विमल
वर्णित भारतीय सविंधान में है प्रस्तावना का प्रालेख
स्वीकृति सम्पूर्ण भारत में हो हिन्दी नियमित उल्लेख
कारण कई उत्तमता का लिपि सहज सरस सरल
गगन…
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Added by Subodh kumar on September 14, 2010 at 7:00am —
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तीन पद:
संजीव 'सलिल'
*
धर्म की, कर्म की भूमि है भारत,
नेह निबाहिबो हिरदै को भात है.
रंगी तिरंगी पताका मनोहर-
फर-फर अम्बर में फहरात है.
चाँदी सी चमचम रेवा है करधन,
शीश मुकुट नगराज सुहात है.
पाँव पखारे 'सलिल' रत्नाकर,
रवि, ससि, तारे, शोभा बढ़ात है..
*
नीम बिराजी हैं माता भवानी,
बंसी लै कान्हा कदम्ब की छैयां.
संकर बेल के पत्र बिराजे,
तुलसी में सालिगराम रमैया.
सदा सुहागन अँगना की सोभा-
चम्पा, चमेली, जुही में…
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Added by sanjiv verma 'salil' on September 13, 2010 at 11:33pm —
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तुम मुझे जो भी कह लो
सुन लूंगा चुपचाप
चाहे मुझे तुम
पाखंडी /देशद्रोही /बलात्कारी
व्यवस्थाओ को तोड़ने वाला
या फिर उग्रवादी विचारों वाला कह लो
तुम जानते हो /इन बातों से
मैं तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता ॥
भला , सिर्फ विचारों के प्रहार से
क्या बिगड़ेगा तुम्हारा
जरा ,..एक चोर को चोर कह कर देखो
कुरूरता के भयानक पंजे
चीथड़े -चीथड़े कर देगी तुम्हें
अरे ..छोड़ो ....
सच का सामना कितने लोग करते है ॥
जानता हूँ…
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Added by baban pandey on September 13, 2010 at 10:45pm —
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देखो ना यार मेरा दिल खो गया ,
प्यार प्यार प्यार प्यार प्यारहो गया ,
आखो में मेरे ओ आके बसे हैं ,
ना जाने क्यू ये मन यु झूमे हैं ,
लगता हैं ये दिल उनका हो गया ,
प्यार प्यार प्यार प्यार प्यारहो गया ,
उनके ही संग ये दिल चलना चाहे ,
उनकी ही राह देखे ये मेरी बाहे ,
ओ आये तो मौसम सुहाना ,
खुसबू से दिल हो जाये दीवाना ,
जानू ना यार मुझे क्या हो गया ,
प्यार प्यार प्यार प्यार प्यारहो गया ,
उनके ही चाहत में जियेंगे मरेंगे ,
उनके…
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Added by Rash Bihari Ravi on September 13, 2010 at 8:30pm —
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इंसानियत का फ़र्ज़
डेंगू का कहर देखकर
बेचारे मच्छर भी शरमा गए
अपनें तो पीछे हट गए
बेचारे मच्छर मदद को आ गए
कहनें लगे ना घबराना
हम इंसानियत का फ़र्ज़ निभाएँगे
आपके अपनें तो धोखा दे गए
हम ब्लड डोनेशन को ज़रूर आएँगे
अपना खून देकर भी
हम आपको ज़रूर बचाएँगे
जितना आपसे चूसा था
उससे दुगुना देकर जाएंगे
अपनी तो मज़बूरी थी
ना पीते तो कैसे जीते
लेकिन आपकी खातिर हम
बिन पिए मर जाएंगे
लेकिन आपके अपनों की तरह
पीठ…
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Added by Deepak Sharma Kuluvi on September 13, 2010 at 2:56pm —
1 Comment
पैरोडी
सखी सैयां तो खूब ही कमात है,महंगाई डायन खाए जात है की धुन पर आधारित
भाई मीडिया तो सच ही दिखात है
शीला जलत भुनत जात है
हत्थनी कुण्ड करे बँटाधार है
बरसात कहर ढाए जात है
भाई मीडिया तो सच -----
सारी दिल्ली है बेहाल
आई फ्लू ,डेंगू की है मार
डाक्टर हो रहे मालामाल
कॉमनवेल्थ सुसरी सर पे सवार है
बरसात कहर ढाए जा-------
भाई मीडिया तो सच ही-----
जहाँ भी देखो जाम ही जाम
सड़कों पर भी चल रही नाव
दिल्ली का जीवन…
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Added by Deepak Sharma Kuluvi on September 13, 2010 at 2:30pm —
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आग हूँ कुछ पल दहक जाने की मोहलत चाहता हूँ ,
दर्द को पीकर बहक जाने की मोहलत चाहता हूँ.
फिर बिखर जाऊँगा एक दिन पिछले मौसम की तरह ,
फूल हूँ कुछ पल महक जाने की मोहलत चाहता हूँ,
पहले कीलें ठोकिये पहनाईए काँटों का ताज ,
फिर मैं सूली पर लटक जाने की मोहलत चाहता हूँ.
आपकी इन बूढ़ी आँखों का सहारा बन सकूं ,
इसलिए बाबा शहर जाने की मोहलत चाहता हूँ.
कतरा कतरा चूसकर हर शख्स मीठा हो गया…
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Added by Abhinav Arun on September 12, 2010 at 10:38pm —
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इस तरह से तेरी मुहब्बत दिल में समाई है
यूं जिन्दगी मेरी है पर तेरी लगे परछाई है
चाहे शमा की रोशनी चाहे नूर आफताब की
बगैर तेरे हरसू ता़रीकी हर जगह सियाही है
दौलत शोहरत आगोश में रहे सियासत दुनिया का
जब तुं नहीं दिल में हर मोड़ पर तन्हाई है
तुझे यकीं हो न शायद है दिल को एहसास मगर
बदले करवट मेरे जज़्बात जब लेती तुं अंगराई है
धड़कन तेरे दम से है बरकरार सांस सीने में
वजूद मेरी निशां तेरी उल्फत की खुदनुमाई है
और क्या कहे शरद…
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Added by Subodh kumar on September 12, 2010 at 9:30pm —
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उनकी यादो से हमने दोस्ती कर ली,
उसकी परछाई से मोहब्बत कर ली,
उन्होंने बेवफा समजा तो क्या गम है,
बेवफाई से भी हमने वफ़ा कर ली.
Added by rohit kumar sahu on September 12, 2010 at 6:16pm —
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Added by Subodh kumar on September 12, 2010 at 9:00am —
2 Comments
ये जानता हूँ मैं कि जिंदगी में जिंदगी मिलती नहीं है कभी,
पर फिर भी जिंदगी भर जिंदगी को तलाश रहा हूँ मैं ,
ये जनता हूँ मैं कि वो आसंमा से उतरी परी है,
फिर भी आदमी हो कर उसे छु लेना चाहता हूँ मैं,
ये जानता हूँ मैं कि इजहारे मुहब्बत एक तूफ़ान है ,
पर फिर भी इस तूफ़ान से गुजर जाना चाहता हूँ मैं,
ये जनता हूँ मैं इस जहां से तनहा ही जाऊंगा मैं,
पर फिर भी हर लम्हा उसे याद करता हूँ मैं,
ये जानता हूँ मैं कि उस से लब्ज दो लब्ज भी कह नहीं…
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Added by vinay sharma on September 11, 2010 at 2:30pm —
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Added by Subodh kumar on September 11, 2010 at 11:00am —
4 Comments
भजन :
एकदन्त गजवदन विनायक .....
संजीव 'सलिल'
*
*
एकदन्त गजवदन विनायक, वन्दन बारम्बार.
तिमिर हरो प्रभु!, दो उजास शुभ, विनय करो स्वीकार..
*
प्रभु गणेश की करो आरती, भक्ति सहित गुण गाओ रे!
रिद्धि-सिद्धि का पूजनकर, जन-जीवन सफल बनाओ रे!...
*
प्रभु गणपति हैं विघ्न-विनाशक,
बुद्धिप्रदाता शुभ फलदायक.
कंकर को शंकर कर देते-
वर देते जो जिसके लायक.
भक्ति-शक्ति वर, मुक्ति-युक्ति-पथ-पर पग धर तर जाओ रे!...
प्रभु गणेश की…
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Added by sanjiv verma 'salil' on September 11, 2010 at 9:09am —
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यह ब्लॉग लिखकर मैने इन महाकवियो के महा कुंभ मे सिर्फ़ एक डुबकी लगाने की कोशिस की है.
यह एक ऐसी महारानी है जिनका नाम शायद ही किसी के मधुर वाणी का मोहताज हो.मतलब सॉफ है की द्देश् के हर मध्यम और निम्न वर्ग के लोग के मुह से अक्सर ही इनका नाम निकल ही जाती है, आख़िर महारानी जो है, भाई पूरे देश पर राज करती है यह महारानी.
पहले तो इनकी चर्चाए या नाम चुनाव के समय ही सुनने को मिलते थे, पर आजकल तो…
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Added by Ratnesh Raman Pathak on September 10, 2010 at 6:30pm —
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क़दम
उन्ही के कदमों में जा गिरा ज़माना है
इश्क़-ओ-मुहब्बत का जिनके पास ख़ज़ाना है
वफ़ा की सूली पे जो हँसता हुआ चढ़ जाए
नाम-ए-बेवफ़ाई से बिल्कुल जो अंजाना है
ईद और दीवाली में जो फ़र्क़ नहीं करता
अल्ला और राम को एक जिसने माना है
आसां नहीं है जीना ऐसे जनू वालों का
शॅमा की मुहब्बत में हँसकर जल जाते परवाने हैं
'दीपक कुल्लवीउन सबको करता है सलाम
इंसानियत का बोझ जो हंसकर उठाते हैं
दीपक शर्मा कुल्लवी
09136211486
Added by Deepak Sharma Kuluvi on September 10, 2010 at 4:25pm —
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