For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दो शब्द हिन्दी दिवस पर...

दो शब्द हिन्दी दिवस पर: 14 सितम्बर की बधाई

हिम तुल्य शितल, न्याय तुल्य निश्चल, दीप तुल्य उज्जवल
तीन अक्षर का संगम हिन्दी! सुबोध भाव अति निर्मल

अभिन्न भेष-भुषा सस्ंकृति से मान बढ़े लोकप्रियता का
केवल नागरिकता नहीं उचित परिचय राष्ट्रीयता का
भारतीयता का पूर्णतः प्रतीक हिन्दी बोल विशिष्ट विमल

वर्णित भारतीय सविंधान में है प्रस्तावना का प्रालेख
स्वीकृति सम्पूर्ण भारत में हो हिन्दी नियमित उल्लेख
कारण कई उत्तमता का लिपि सहज सरस सरल

गगन में अनेंको तारे परन्तु चन्द्र सबों में उत्तम
पदवी राजभाषा धारी हिन्दी भाषाओं में सर्वोत्तम
शरद ऋतु सा अनोखा है वर्ण उच्चारण में कोमल

राजनीतिक दाव पेंचो ने छवि बनाया कुछ इस प्रकार
बाहरी भाषा पनप रही है हिन्दी संग में दुव्र्यवहार
अदभुत गुण का स्वामिनी देवनागरी किन्तु है निष्फल

तब हीं संभव है , हे देशवासी! भारत का उत्थान
जब कार्मिक किसान कर्णधार हिन्दी को देंगे मान
जो सभ्यता को जीवन मिले तभी राष्ट्र को आत्मबल

हो किसी भी प्रांत का कोई सिख मराठा सिन्धी
मातृभूमि का सम्मान कर कार्यक्षेत्र में प्रयोग हिन्दी
अतएव सभी भाषा पूजनीय किन्तु राजभाषा पुष्प कमल

केवल यह कविता नहीं है सुशब्द ह्यदय का उदगार
हिन्दी! हिन्दू! हिन्द! हीं है भारत का विनीत आधार
सम्पूर्ण विश्व में कृति पताका जो हो जाए हिन्दी सफल!

सबोध कुमार शरद

Views: 531

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Subodh kumar on September 22, 2010 at 6:46pm
यही तो बात है अपर्णा जी ..अपने ही घर में हिंदी मेहमान बनकर रह गई है ... इसका काफी हद तक जिम्मेदार हमसब ही हैं..
Comment by Aparna Bhatnagar on September 22, 2010 at 5:09pm
हिंदी हमारी शान है .. फिर इसे अपनाने में लोग हिचक क्यों महसूस करते हैं ?
Comment by Subodh kumar on September 15, 2010 at 8:30pm
धन्यबाद बागी जी...भाई आपलोग की सरहाना ही तो मुझे लिखे को प्रेरित करती है ...

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 14, 2010 at 9:11pm
केवल यह कविता नहीं है सुशब्द ह्यदय का उदगार
हिन्दी! हिन्दू! हिन्द! हीं है भारत का विनीत आधार
सम्पूर्ण विश्व में कृति पताका जो हो जाए हिन्दी सफल!

शानदार रचना कही जायेगी यह सुबोध बाबु, हिंदी दिवस की बधाई स्वीकार करे ...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लघुकथा पर आपकी उपस्थित और गहराई से  समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मिथिलेश जी"
Tuesday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आपका हार्दिक आभार आदरणीया प्रतिभा जी। "
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"लेकिन उस खामोशी से उसकी पुरानी पहचान थी। एक व्याकुल ख़ामोशी सीढ़ियों से उतर गई।// आहत होने के आदी…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"प्रदत्त विषय को सार्थक और सटीक ढंग से शाब्दिक करती लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदाब। प्रदत्त विषय पर सटीक, गागर में सागर और एक लम्बे कालखंड को बख़ूबी समेटती…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मिथिलेश वामनकर साहिब रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर प्रतिक्रिया और…"
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"तहेदिल बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब मनन कुमार सिंह साहिब स्नेहिल समीक्षात्मक टिप्पणी और हौसला अफ़ज़ाई…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी प्रदत्त विषय पर बहुत सार्थक और मार्मिक लघुकथा लिखी है आपने। इसमें एक स्त्री के…"
Tuesday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"पहचान ______ 'नवेली की मेंहदी की ख़ुशबू सारे घर में फैली है।मेहमानों से भरे घर में पति चोर…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service