For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चंद क्षणिकाएँ :जीवन

चंद क्षणिकाएँ :जीवन 

बदल गया
जीवन
अवशेषों में
सुलझाते सुलझाते
गुत्थियाँ
जीवन की

आदि द्वार पर
अंत की दस्तक
अनचाहे शून्य का
अबोला गुंजन

अवसान
आदि पल की
अंतिम पायदान

प्रेम
अंतःकरण की
अव्याखित
अनिमेष
सुषमा रशिम


ज़माने को

लग गई
नई नेम प्लेट
बदल गई
घर की पहचान
शायद चली गई
थककर
दीवार पर टंगे टंगे
पुरानी

नेम प्लेट में
लिपटी

घर की जान 


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 586

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on November 5, 2019 at 4:40pm

आदरणीया सुरेन्द्र नाथ जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है ।

Comment by Sushil Sarna on November 5, 2019 at 4:39pm

आदरणीया ऊषा जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है ।

Comment by Sushil Sarna on November 5, 2019 at 4:38pm

आदरणीया डॉ गीता चौधरी जी सृजन पर आपकी हृदयग्राही प्रशंसा का तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by Sushil Sarna on November 5, 2019 at 4:36pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब .... बन्दे के सृजन पर बेशकीमती तारीफ़ का तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by Sushil Sarna on November 5, 2019 at 4:35pm

आदरणीय शेख़ उस्मानी साहिब, आदाब .... बन्दे के सृजन पर आपकी हृदयग्राही प्रशंसा का तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by नाथ सोनांचली on November 2, 2019 at 4:59pm

आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। हर बार की तरह पुनः एक बेहतरीन रचना,, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार कीजिये। सादर

Comment by Usha on November 2, 2019 at 11:32am

आदरणीय श्री सुशील सरना जी, दो अकाट्य सत्यों 'जीवन और मृत्यु' जिनसे हम भली-प्रकार अवगत होते हुए भी सुलझने से ज़्यादा उलझते हुए हम इस सफ़र पर को निभाते हैं। आपने बड़ी ही खूबसूरती से इनके महत्व को व्यक्त किया। हार्दिक बधाई। सादर।

Comment by Dr. Geeta Chaudhary on November 2, 2019 at 6:57am

आदरणीय सुशील सरना जी नमस्कार, फिर आपकी सुंदर क्षणिकाएं आ गई मंच पर नहीं दिल पर दस्तक देने.. हर क्षणिका अपने में पूरा जीवन दर्शन समेटे हुएI सुंदर  भावों को सुंदर शब्दों में ढालने के लिए बहुत बधाई!

Comment by Samar kabeer on November 1, 2019 at 2:21pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी क्षणिकाएँ हुई हैं,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 31, 2019 at 10:16pm

आदाब। बेहतरीन भाषा-शिल्पमय बेहतरीन क्षणिकायें।  दार्शनिकता, मनौवैज्ञानिकता,  व्यावहारिकता.. सब कुछ शाब्दिक होता है आपकी रचनाओं/क्षणिकाओं में। हार्दिक बधाई और आभार आदरणीय सुशील सरना साहिब।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी ।सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए। अच्छी ग़ज़ल हेतु आपको हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए।  ग़ज़ल हेतु बधाई। कंटकों को छूने का.... यह…"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा यादव जी ।सादर नमस्कार।ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।गुणीजनों के इस्लाह से और निखर गई है।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय euphonic amit जी आपको सादर प्रणाम। बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय त्रुटियों को इंगित करने व…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका इतनी बारीक़ी से हर बात बताने समझाने कनलिये सुधार का प्रयास…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय, अमित जी, आदाब आपने ग़ज़ल तक आकर जो प्रोत्साहन दिया, इसके लिए आपका आभारी हूँ ।// आज़माता…"
4 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA आदाब ग़ज़ल के उम्द: प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। मुश्किलों की आँधी…"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service