For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भिखारी छंद - 24 मात्रिक - 12 पर यति
पदांत-गा ला

जब -जब सर्दी आती ,कब वृद्धों को भाती ।
गिरे  आँख  से पानी ,खाँसी  बहुत  सताती ।
रोटी  गिर -गिर  जाती ,चाल संभल न पाती ।
लड़ते-लड़ते  आख़िर ,काया चुप  हो  जाती ।
                         * * *
     ठहर जरा दीवानी , तेरी  उम्र  सयानी ।
     आशिक़ नज़रें घूरें, तेरी मस्त  जवानी ।
     अक्सर मीठे धोखे ,इन  राहों  पर होते ।
      पड़ न जाए महंगी , थोड़ी सी नादानी ।

            सुशील सरना / 25-12-22

                मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 182

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on December 31, 2022 at 1:58pm
आदरणीय समर कबीर जी आदाब, सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा और सुझाव का दिल से आभारी है सर । 'चाल संभल न पाती '12 मात्रा शेष सहमत एवं संशोधित
Comment by Sushil Sarna on December 31, 2022 at 1:51pm
आदरणीय बृजेश जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय
Comment by Sushil Sarna on December 31, 2022 at 1:51pm
आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार
Comment by Samar kabeer on December 30, 2022 at 2:28pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब, छंदों का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।

'चाल संभल न पाती'--11 मात्रा?

'आशिक नजरें घूरे, तेरी मस्त  जवानी'

इस पंक्ति में 'घूरे' को "घूरें" कर लें ।

'पड़ न जाए महँगी'--11 मात्रा?

टंकण त्रुटियाँ:-

संभल--'सँभल'

आखिर--'आख़िर'

आशिक--'आशिक़'

नजरें--'नज़रें'

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 28, 2022 at 6:58pm

सुन्दर सरस छंद के लिए बधाई आदरणीय ...

Comment by Shyam Narain Verma on December 27, 2022 at 8:54pm
नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर और समसामयिक प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर
Comment by Sushil Sarna on December 27, 2022 at 8:51pm
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 26, 2022 at 9:21am

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे छंद रचे हैं। हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

नाथ सोनांचली posted a blog post

ग़ज़ल (गर आपकी ज़ुबान हो तलवार की तरह)

माना  नज़र  है  तेरी  ख़रीदार  की तरहलेकिन न लूट तू  मुझे  बाज़ार  की तरहरिश्ते  बिगड़ते  देर  तनिक भी…See More
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बरसों बाद मनायें होली(गीत-२०)-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति, स्नेह एवं मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए आभार। "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, क्या यह अब ठीक है ? जीवटता जो लिए कुटज सी, है वही समय से जीता ।हठी न जिसकी रही…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"जी, सादर आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय."
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"बात तो उचित है. आप संशोधित रचना यहीं, इसी आयोजन में पोस्ट कर दें, आदरणीय."
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य, आदरणीय."
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"लक्ष्मण भाई पिछले आयोजन में यही भूल मुझसे हुई थी। तो इस संबंध में थोड़ी जानकारी जुटाई थी। वो भी OBO…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। छंदों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"रचना पर उपस्थिति तथा मूल्यवान सुझावों के लिए आपका अति आभार है सौरभ जी। आपका मार्गदर्शन तथा प्रशंसा…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी रचना पर उपस्तिथि और सराहना के लिये हार्दिक आभार। "
Sunday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service