For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहा त्रयी- सागर

दोहा त्रयी : सागर

सागर से बादल चला, लेकर खारा नीर ।
धरती को लौटा रहा, मृदु बूँदों का क्षीर ।।

जाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर ।
पीते -पीते हो गया , खारा उसका नीर ।।

लहरों से गीले सदा, रहते सागर तीर ।
बन कर कितने ही मिटे, यहाँ स्वप्न प्राचीर ।।

सुशील सरना / 31-10-22

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 385

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on November 12, 2022 at 12:47pm
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।
Comment by Sushil Sarna on November 12, 2022 at 12:46pm
आदरणीय अशोक रक्ताले जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।
Comment by Sushil Sarna on November 12, 2022 at 12:45pm
आदरणीय समर कबीर जी आदाब सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 9, 2022 at 6:08pm

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहे उत्तम रचे हैं। हार्दिक बधाई स्वीकारें।

Comment by Ashok Kumar Raktale on November 8, 2022 at 8:11am

आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, तीनों ही दोहे उत्तम रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर

Comment by Mahendra Kumar on November 7, 2022 at 7:39pm

आदरणीय सुशील सरना जी, इस बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी से सहमत हूँ।

Comment by Sushil Sarna on November 7, 2022 at 2:51pm
आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सादर प्रणाम सर - सृजन के भावों को मान देने एवं अपना अमूल्य सुझाव देने के लिए दिल से आभार आदरणीय । मैं इस पर अवश्य प्रयास करूँगा । सादर नमन सर

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 6, 2022 at 9:21pm

आदरणीय सुशील सरना जी. 

प्रस्तुति, दोहा त्रयी, का तीसरा दोहा अर्थबोध के निकष पर तनिक और समय की मांग करता प्रतीत हो रहा है. 
प्रयास के लिए हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें. 

शुभ-शुभ

 

Comment by Sushil Sarna on November 6, 2022 at 1:20pm
आदरणीय समर कबीर जी आदाब, सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर
Comment by Samar kabeer on November 5, 2022 at 6:51pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छी प्रस्तुति  है, बधाई स्वीकार करें I 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
17 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
21 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
21 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
21 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service