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अरकान : 221 2121 1221 212
इक दिन मैं अपने आप से इतना ख़फ़ा रहा
ख़ुद को लगा के आग धुआँ देखता रहा
दुनिया बनाने वाले को दीजे सज़ा-ए-मौत
दंगे में मरने वाला यही बोलता रहा
मेरी ही तरह यार भी मेरा अजीब है
पहले तो मुझको खो दिया फिर ढूँढता रहा
रोता रहा मैं हिज्र में और हँस रहे थे तुम
दावा ये मुझसे मत करो, मैं चाहता रहा
कुछ भी नहीं कहा था अदालत के सामने
वो और बात है कि मैं सब जानता…
ContinuePosted on December 10, 2019 at 10:00am — 4 Comments
अरकान : 2122 1122 22
चाहा था हमने न आए आँसू
उम्र भर फिर भी बहाए आँसू
कोई तो हो जो हमारी ख़ातिर
पलकों पे अपनी सजाए आँसू
मार के अपने हसीं सपनों को
ख़ून से मैंने बनाए आँसू
वक़्त बेवक़्त कहीं भी आ कर
याद ये किसकी दिलाए आँसू
कोई भी तेरा न दुनिया में हो
रात दिन तू भी गिराए आँसू
दुनिया में इनकी नहीं कोई क़द्र
इसलिए मैंने छुपाए आँसू
आपसे मिल के ये पूछूँगा मैं
आपने…
Posted on December 3, 2019 at 5:46pm — 4 Comments
बह्र : 1222 1222 122
तुम्हारे शहर से मैं जा रहा हूँ
बिछड़ने से बहुत घबरा रहा हूँ
वहाँ दुनिया को तू अपना रही है
यहाँ दुनिया को मैं ठुकरा रहा हूँ
उठा कर हाथ से ये लाश अपनी
मैं अपने आप को दफ़ना रहा हूँ
तुम्हारे इश्क़ में बन कर मैं काँटा
सभी की आँख में चुभता रहा हूँ
नहीं मालूम जाना है कहाँ पर
न जाने मैं कहाँ से आ रहा हूँ
मुहब्बत रात दिन करनी थी तुमसे
तुम्हीं से…
ContinuePosted on January 31, 2019 at 7:51pm — 8 Comments
बह्र : 2122 1122 1122 22/112
मैंने देखा है कि दुनिया में क्या क्या होता है
मुझसे मत बोलिए मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है
इश्क़ ही सबसे बड़ा ज़ुर्म है इस दुनिया में
ये ख़ता कर लो तो हर शख़्स ख़फ़ा होता है
जो गलत करते हैं, वो लोग सही होते हैं
और जो अच्छा करे तो वो बुरा होता है
मैं भी इस ज़ख़्म को नासूर बना डालूँगा
दर्द बतलाओ मुझे कैसे दवा होता है
कभी दिखता था ख़ुदा मुझको भी मेरे अन्दर
और अब इस पे भी…
ContinuePosted on January 27, 2019 at 11:30am — 10 Comments
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