For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीतिका
आधार छंद - चौपई (जयकरी छंद )-15 मात्रिक -पदात-गाल

साँसें   जीवन  का  शृंगार ।
बिना साँस सजती दीवार ।

कब जीवित का होता मान ,
चित्रों   को   पूजे   संसार ।

मिलता अपनों  से  आघात ,
इनका  प्यार   लगे   बेकार  ।

पल-पल  रिश्ते  बदलें  रूप ,
मतभेदों   से  पड़ी दरार ।

बड़ा अजब जग का दस्तूर ,
भरे   प्यार   में  ये   अंगार ।

सुशील सरना / 17-10-22

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 363

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on November 3, 2022 at 12:44pm
आदरणीय बृजेश जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर
Comment by Sushil Sarna on November 3, 2022 at 12:43pm
आदरणीय विजय निकोर जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 1, 2022 at 6:54pm

बहुत ही बढ़िया आदरणीय सुशील जी...बधाई

Comment by vijay nikore on November 1, 2022 at 12:05pm

बहुत ही सुन्दर गीतिका, मित्र सुशील जी। हार्दिक बधाई।

Comment by Sushil Sarna on October 31, 2022 at 12:53pm
आदरणीय अशोक रक्ताले जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय
Comment by Ashok Kumar Raktale on October 27, 2022 at 5:17pm

आदरणीय सुशील सरना साहब सुंदर गीतिका रची है. सादर

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on October 23, 2022 at 10:01am

आदरणीय सुशील कुमार सरना जी आदाब, वास्तविकता पर आधारित सुंदर गीतिका हुई है, हार्दिक बधाई स्वीकार करें। 

Comment by Mahendra Kumar on October 21, 2022 at 11:22am

कब जीवित का होता मान ,
चित्रों   को   पूजे   संसार । ...बहुत ख़ूब।

इस अच्छी प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए आदरणीय सुशील सरना जी। 

Comment by Samar kabeer on October 19, 2022 at 11:43am

जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छी गीतिका हुई है, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 19, 2022 at 4:02am

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर गीतिका हुई है। हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"मुशायरे की अच्छी शुरुआत करने के लिए बहुत बधाई आदरणीय जयहिंद रामपुरी जी। बदलना ज़िन्दगी की है…"
4 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, पोस्ट पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
9 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम जी मुशायरे में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश नूर जीआपको बारिशों से जाने क्या-क्या याद आ गया। चाय, काग़ज़ की कश्ती, बदन की कसमसाहट…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, मुशायरे के आग़ाज़ के लिए हार्दिक बधाई, शेष आदरणीय नीलेश 'नूर'…"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"ग़ज़ल — 1222 1222 122 मुझे वो झुग्गियों से याद आयाउसे कुछ आँधियों से याद आया बहुत कमजोर…"
13 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"अभी समर सर द्वारा व्हाट्स एप पर संज्ञान में लाया गया कि अहद की मात्रा 21 होती है अत: उस मिसरे को…"
13 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service