प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ... दिनेश कुमार
( सुधार और इस्लाह की गुज़ारिश के साथ, सुधिजनों के समक्ष, गीत विधा पर पहली कोशिश... )
प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ...
मौन अधर हैं दिल में कम्पन
महक रहा हर सू बस चन्दन
पतझड़ का मौसम भी सावन
फूल खिले हैं गुलशन गुलशन
मन के भाव सुकोमल पंछी
इनको एक घरौंदा क्या दूँ
प्रेम की मैं परिभाषा क्या दूँ....
मोहन की हर सांस में राधा
जहाँ राम हैं वहीं है…
Posted on December 18, 2024 at 8:00pm
221--2121--1221--212
दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही
जी कर भी क्या करोगे जो इज़्ज़त नहीं रही
झूठों की सल्तनत में हुआ सच का सर क़लम
ऐसा भी सब में कहने की हिम्मत नहीं रही
जो फ़ाइलों में पुल था बना, कब का ढह गया
सरकारी काम काज में बरक़त नहीं रही
संसार लेन देन का बाज़ार बन गया
रिश्तों में अब लगाव की क़ीमत नहीं रही
देखो तो काम एक भी हमने कहाँ किया
पूछो तो एक पल की भी फ़ुर्सत नहीं…
ContinuePosted on March 12, 2024 at 5:16am — 1 Comment
1212--1122--1212--22
अदब की बज़्म का रुतबा गिरा नहीं सकता
ग़ज़ल सुनो! मैं लतीफ़े सुना नहीं सकता
ग़मों के दौर में जो मुस्कुरा नहीं सकता
वो ज़िंदगी से यक़ीनन निभा नहीं सकता
ख़ुद अपने सीने पे ख़ंजर चला नहीं सकता
हर एक दोस्त को मैं आज़मा नहीं सकता
वो जिसकी ताल ही है मेरी धड़कनों का सबब
वही तराना-ए-उल्फ़त मैं गा नहीं सकता
वो आसमाँ का सितारा है, मैं ज़मीं का परिंद
मैं ख़्वाब में भी क़रीब…
ContinuePosted on March 10, 2024 at 7:10am — 2 Comments
2122--1212--22
वोदका, व्हिस्की और कभी रम से
दिल को निस्बत है क़िस्सा ए ग़म से
ख़्वाब झरते हैं चश्मे पुर-नम से
हम बहलते हैं अपने ही ग़म से
उसकी मर्ज़ी ही अपनी मर्ज़ी है
क्यूँ गिला ज़िंदगी को फिर हम से
छूट जाता जो मोह अपनों का
बुद्ध बन जाते हम भी गौतम से
कब तलक देखें हम तेरी तस्वीर
प्यास बुझती नहीं है शबनम से
शाम होने लगी है जीवन की
रंग उड़ने लगे हैं मौसम…
ContinuePosted on March 9, 2024 at 8:30am
आदरणीय दिनेश जी आपकी रचना को यह सम्मान मिलना ही था इस उपलब्धि पर आपको हार्दिक बधाई
आदरणीय दिनेश कुमार जी.
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी ग़ज़ल - सर से छप्पर ले गया को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" सम्मान के रूप मे सम्मानित किया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |
आपको प्रसस्ति पत्र यथा शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस निमित कृपया आप अपना पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
आदरणीय दिनेश जी ,आपकी सक्रियता निर्विवाद रूप से स्वीकार्य है |मेरी ग़ज़लों पर भी आपका स्नेह निरंतर बरसता रहा है |आपको महीने का सक्रिय सदस्य चुने जाने पर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है |आपकी उत्कृष्ट रचनाओं ने मंच को साहित्य से परिपूर्ण किया है और आगे भी करती रहेगी |सादर अभिनंदन |
AADARNEE DINESH JEE
सक्रिय सदस्य चुने जाने पर आपको हार्दिक बधाई i सादर i
आदरणीय दिनेश भाई जी "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) चुने जाने पर बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें |
आदरणीय
दिनेश कुमार जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
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