22-22-22-22-22-22-22-2
उस लड़की को डेट करूँ ये मेरी पहली ख़्वाहिश है।
और ये ख़्वाहिश पूरी हो जाए बस ये दूजी विश है।
हँसना, शर्माना, भरमाना और फिर ना ना ना करना,
उस लड़की का हर इक नख़रा सचमुच कितना गर्लिश है।
मेरा बांकपना और उसकी मस्ती जब आपस में मिले,
ये जो प्यार हमारा है ये उस पल की पैदाइश है।
मेरे ख़्वाब में आना हो तो छाता लेकर आना तुम,
मेरी आँखों के ख़ित्ते में अक्सर रहती बारिश है।
क्यों न हुई वो मेरी?…
ContinuePosted on December 2, 2021 at 7:39pm — 8 Comments
22-22-22-22-22-2
तुम कोई पैग़ाम कभी तो भिजवाओ।
वरना मेरे कबूतर वापिस दे जाओ।
जिसको तुमने अपने दिल से भुलाया है,
क्या ये वाजिब है खुद उसको याद आओ ?
मैने कहा जब,तुमने दिल को ज़ख़्म दिया,
वो बोले, कितना गहरा है, दिखलाओ।
जब से तुम बिछड़े हो, खुद से दूर हूं मैं,
प्लीज़ किसी दिन मुझ को मुझ से मिलवाओ।
आंखों में हैं ख्वाब भरे, पर नींद उड़ी,
गर ये प्यार नहीं तो क्या है, समझाओ।
'वो' कब के…
ContinuePosted on November 15, 2021 at 11:30am — 6 Comments
1.
शमअ देखी न रोशनी देखी ।
मैने ता उम्र तीरगी देखी ।
देखा जो आइना तो आंखों में,
ख़्वाब की लाश तैरती देखी ।
टूटे दिल का हटाया मलबा तो,
आरज़ू इक दबी पड़ी देखी ।
एक इक पल डरावना सा लगा,
इतने पास आ के ज़िन्दगी देखी ।
मैने इंसानियत रह ए हक़ पर,
दो कदम चल के हांफती देखी
2.
आप ने क्या कभी परी देखी ।
मैने यारो अभी अभी देखी ।
उसकी आँखों में सुब्ह सी…
ContinuePosted on July 14, 2019 at 12:30pm — 7 Comments
(2122-2122-2122-212)
मुश्किलें कितनी हैं अपने दरमियाँ गिनता रहा ।
बैठ कर मैं राह की दुश्वारियाँ गिनता रहा ।
आँखों में अश्कों का दरिया चढ़ के जब उतरा तो फ़िर,
मैं तो बस ख़्वाबों की डूबी कश्तियाँ गिनता रहा ।
और करता भी तो क्या वो नौजवां बेरोज़गार,
दी हैं कितनी नौकरी कीअरज़ियाँ गिनता रहा ।
राजनेता को न था मतलब किसी इंसान से,
वो तो केवल धोतियाँ और टोपियाँ गिनता रहा ।
वो रहे गिनते मुनाफ़ा कारख़ाने का उधर,…
ContinuePosted on July 8, 2018 at 7:50am — 17 Comments
आदरणीय गुरप्रीत सिंह जी, आप नई चर्चा आरम्भ कर सकते हैं किन्तु ग़ज़ल के सम्बन्ध में "ग़ज़ल की कक्षा" और "ग़ज़ल की बातें" में पूर्व से ही कई चर्चाएँ चल रही है. जहाँ तक मुझे लगता है उन चर्चाओं में ग़ज़ल के लगभग सभी पहलुओं पर चर्चा हुई है और सतत हो रही है. अतः जिस विषय पर चर्चा पूर्व में ही आरम्भ हो चुकी है उसे आप निरंतर कर सकते है. वहीं अपने प्रश्न भी पूछ सकते हैं. गुनीजन स्वमेव ही उत्तर के साथ वहां उपस्थित हो जायेंगे. सादर
आपका अभिनन्दन है.
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