For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अभिव्यक्ति का संत्रास ...

अभिव्यक्ति का संत्रास ...

वरण किया
आँखों ने
यादों का ताज
पूनम की रात में

होती रही स्रावित
यादें
नैन तटों से
अविरल
तन्हा बरसात में

वीचियों पर
यादों की
तैरती रही
परछाईयाँ
देर तक
तन्हा अवसाद में

कर न सके व्यक्त
अधरों से
अन्तस् के
सिसकते जज्बातों की
अव्यक्त अभिव्यक्ति का संत्रास
शाब्दिक अनुवाद में

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 498

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on August 14, 2019 at 8:05pm

आदरणीय  C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार। 

Comment by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on August 14, 2019 at 10:34am

Sushil Sarna जी,
सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें | 

Comment by Sushil Sarna on August 12, 2019 at 1:13pm

आदरणीय  TEJ VEER SINGH जी सृजन पर आपकी मन मुदित करती प्रशंसा का दिल से आभार। 

Comment by TEJ VEER SINGH on August 10, 2019 at 6:20pm

हार्दिक बधाई आदरणीय सुशील सरना जी।लाज़वाब प्रस्तुति।

Comment by Sushil Sarna on August 8, 2019 at 7:47pm

आदरणीय Samar kabeer  जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया का दिल से आभार। 

Comment by Sushil Sarna on August 8, 2019 at 7:47pm

आदo Pratibha Pandey जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया का दिल से आभार। 

Comment by Sushil Sarna on August 8, 2019 at 7:46pm

आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया का दिल से आभार। 

Comment by Samar kabeer on August 8, 2019 at 3:50pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Pratibha Pandey on August 8, 2019 at 10:49am
आदरणीय "सुशिल सरना " जी अति सुन्दर , बधाई स्वीकार करें
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 7, 2019 at 4:52pm

आ. भाई सुशील जी, अच्छी रचना हुई है हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदाब, मुसाफ़िर साहब, अच्छी ग़ज़ल हुई खूँ सने हाथ सोच त्यों बर्बर सभ्य मानव में फिर नया क्या है।३।…"
14 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल के साथ मुशायरा का आग़ाज़ करने के लिए दाद के साथ…"
17 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, ध्यान दिलाने का बहुत शुक्रिया। ग़ज़ल दोबारा पोस्ट कर दी है। "
28 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"नमन, रिया जी , खूबसूरत ग़ज़ल कही, आपने बधाई ! मतला भी खूसूरत हुआ । "मूसलाधार आज बारिश है…"
28 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आसमाँ को तू देखता क्या हैअपने हाथों में देख क्या क्या है /1 देख कर पत्थरों को हाथों मेंझूठ बोले वो…"
29 minutes ago
Prem Chand Gupta replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"इश्क में दर्द के सिवा क्या है।रास्ता और दूसरा क्या है। मौन है बीच में हम दोनों के।इससे बढ़ कर कोई…"
37 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ओ.बी.ओ के नियम अनुसार तरही मिसरे को मिलाकर  कम से कम 5 और…"
45 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"नमस्कार, आ. आदरणीय भाई अमित जी, मुशायरे का आगाज़, आपने बहुत खूबसूरत ग़ज़ल से किया, तहे दिल से इसके…"
55 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 1212 22 बेवफ़ाई ये मसअला क्या है रोज़ होता यही नया क्या है हादसे होते ज़िन्दगी गुज़री आदमी…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"धरा पर का फ़ासला? वाक्य स्पष्ट नहीं हुआ "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Richa Yadav जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। हर तरफ शोर है मुक़दमे…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"एक शेर छूट गया इसे भी देखिएगा- मिट गयी जब ये दूरियाँ दिल कीतब धरा पर का फासला क्या है।९।"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service