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Euphonic Amit
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Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"नाहक जी, अपने अंदर विनम्रता लाएँ और उस्तादों का आदर करना सीखें। इस्लाह से संबंधित कोई शंका हो तो विनम्रता के साथ पूछें।। आप इस तरह बात करते हैं जैसे आपने मंच को ख़रीद लिया हो। कृतज्ञता तो दूर की बात आप मुँहज़ोरी करते हैं वो भी सादर, आदरणीय जैसे…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय dandpani nahak जी, "कहीं की ईंट, कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा"  कुतर्क की कोई सीमा नहीं होती। मुझे नहीं पता कि जिंदगी ने आपको ऐसा क्या दिया है कि आपके अंदर इतना अहम, इतना विद्रोह भरा हुआ है और सत्य को देखने समझने…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय Nilesh Shevgaonkar जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल और अच्छी गिरह के लिए बधाई स्वीकार करें।"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल और उम्द: गिरह के लिए बधाई स्वीकार करें।"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय Devesh Kumar जी आदाब, ओबीओ के मंच पर आपका स्वागत है। अच्छी ग़ज़ल कही है आपने। बधाई स्वीकार करें। ~ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" लिखे। ~तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय Rachna Bhatia जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें।  1 तेरा ही ऐब हूँ तुझमें छिपा हूँ लगाता रोज़ मैं चहरा नया हूँ सानी और उला की अदला-बदली से    मतला प्रभावशाली हो जाएगा।। 2 लड़ाई ख़ुद से ही इक लड़ रहा…"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय दिनेश कुमार जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें। मेरी धड़कन में सरगम गूँजती है मैं इक बज़्म-ए-सुख़न का दाइरा हूँ मचलता सुब्ह से है रिन्द मुझ में मैं आजिज़ मयकशी से आ गया हूँ //शुभकामनाएँ //"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय अजय गुप्ता 'अजेय' भाई ग़ज़ल के उम्द: प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें।  बँधा रिश्तों में हर दम नाचता हूँ सिवा कठपुतली के मैं और क्या हूँ कठपुतली में ली के मात्रा पतन से लय बाधित हो रही है।।  मैं कठपुतली नहीं तो और क्या…"
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय Richa Yadav जी आदाब ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। तुम्हारी राह तकते थक चुका हूँ मैं कब से जल रहा था बुझ गया हूँ 1 अँधेरों से  मैं कल  शब भर लड़ा हूँ मैं कब से जल रहा था बुझ गया हूँ  नहीं है और कोई ऐब…"
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"जी, दीवार 221 को दिवार 121 लेना ग़लत है "
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आदाब ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। गिरह अच्छी है। यद्यपि पूछो भी आदरसूचक है, मगर आप के साथ पूछें या पूछिए रखना चाहिए।     न पूछें  आप  मेरी बात मुझ से "मैं अपने आप से…"
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय Dayaram Methani जी आदाब ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। आदरणीय उस्ताद-ए-मुहतरम की बिहतरीन इस्लाह पर  ग़ौर-ओ-फ़िक्र करें और उसका लाभ उठाएँ। मेरी शुभकामनाएँ सदैव आपके साथ हैं।।"
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें।।  मैं अब हालात से लड़ने लगा हूँ । बिखरने और बनने चल पड़ा हूँ ।। 1 सानी को उला और उला को सानी की जगह रखने से मतला प्रभावशाली हो जाएगा बिखरने और सँवरने…"
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय dandpani nahak जी आदाब ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। ज़माने के सितम को जानता हूँ ज़माने से मैं  अपनों  में रहा  हूँ अपनों में रहकर तो अपनों के सितम मा'लूम हुए होंगे ज़माने के सितम कैसे जाने? मैं …"
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय नादिर ख़ान जी आदाब, ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। हज़ारों बार गिरकर फिर उठा हूँ ये किस मिट्टी का यारों मैं बना हूँ ...1 हजारों बार गिरकर उठ चुका हूँ    हज़ारों रंग मुझमें भर गए हैं मैं उससे मिल के यारो आ रहा…"
Friday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय Gurpreet Singh jammu जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। हूँ  में अनुनासिक (चंद्र बिन्दु) आएगा लगेगा आप को अच्छा भला हूँ मैं अंदर से मगर टूटा हुआ हूँ ज़बरदस्ती ग़ज़ल के क़ाफ़ियों में मैं अपने साथ तुमको बाँधता…"
Friday

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2122 1122 1122 22ख़्वाब से जाग उठे शाह सदा दी जाए पकड़े जायें अभी क़ातिल वो सज़ा दी जाएबख़्श दी जाए…See More
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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
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Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
""ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-161 को सफल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक…"
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Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"नाहक जी, अपने अंदर विनम्रता लाएँ और उस्तादों का आदर करना सीखें। इस्लाह से संबंधित कोई शंका हो तो…"
Saturday
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर जी नमस्कार। बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने। बधाई स्वीकार करें।"
Saturday
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय नीलेश जी आदाब। बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए बधाई स्वीकार करें। "
Saturday
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय Devesh Kumar जी नमस्कार। ओबीओ के मंच पर आपका स्वागत है। अच्छी ग़ज़ल कही है आपने। बधाई…"
Saturday
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है। बहुत बहुत बधाई"
Saturday
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161
"आदरणीय दिनेश कुमार जी नमस्कार। बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार करें। "
Saturday

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