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Sanjay Shukla
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Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद"
Feb 25
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय अमीर जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। "
Feb 25
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीया रचना जी। अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। ३, ४ ऊला का वज़न देख लें। "
Feb 25
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय ज़ैफ़ जी, बहुत धन्यवाद"
Feb 24
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय समर कबीर सर, बहुत शुक्रिया"
Feb 24
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय समर कबीर सर, अगर एक और मतला कहना हो क्या ये ठीक रहेगा?  "आप की खामोशियों का ही बयाँ बनता गयाआग तो कोई न थी लेकिन धुआँ बनता गया""
Feb 24
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय अजय जी। अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।  १ ऊला का वज़न देखें। लम्हा २२ होना चाहिए।  ३ सुझाव...  "जो कभी होता था घर वो फिर दुकाँ बनता गया""
Feb 24
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय गुरप्रीत जी, बहुत धन्यवाद। "
Feb 24
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय अजय जी, बहुत धन्यवाद। "
Feb 24
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय रवि जी, बहुत धन्यवाद। "
Feb 24
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय अनिल जी, बहुत धन्यवाद। आप के सुझाव विचारणीय हैं। "
Feb 24
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय समर कबीर सर, हौसला अफ़ज़ाई और इस्लाह का तहे दिल से शुक्रिया।  क्या 4 ऊला यूँ ठीक रहेगा? "टिमटिमा कर बुझ गए वो सब जो सालिम थे मगर""
Feb 24
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीया ऋचा जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।  2 सुझाव...  "हो गया था इश्क़ बीमार और महब्बत चल बसी 3 सुझाव...  ".... काम मेरे आ गए जोड़ कर उन पत्थरों को आशियाँ बनता गया" ४ सुझाव....  "कौन सी वो बात थी जो…"
Feb 24
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय अमित जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें।  १ ऊला का वज़न देखें। "मेहमाँ" 22 होना चाहिए।  ३ बेहतर रब्त के लिये सुझाव...  "पर जहाँ में इश्क़ उन का जाविदाँ बनता गया" गिरह. "मशअल" 22 होना…"
Feb 24
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय चेतन जी, ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिये बधाई स्वीकार करें। "
Feb 24
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-152
"आदरणीय ज़ैफ़ जी, अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। ४ सानी में शायद "मकाँ बन गया" ज़ियादा तर्कसंगत हो। "
Feb 24

Profile Information

Gender
Male
City State
Gurgaon
Native Place
Lucknow
Profession
Retired

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय."
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक 143 in the group चित्र से काव्य तक
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