For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तेरे मेरे दोहे ....

तेरे मेरे दोहे ....

द्रवित हुए दृग द्वार से , अंतस के उदगार।
मौन रैन में हो गए, घायल सब स्वीकार।।

रेशे जीवन डोर के, होते बड़े महीन।
बिन श्वासों के देह ये, लगती कितनी दीन।।

दृशा दूषिका से भरी, दूषित हुए विचार।
वर्तमान में हो गए, खंडित सब संस्कार।।

लोकतंत्र में है मिला, हर जन को अधिकार।
अपने वोटों से चुने, वो अपनी सरकार।।

हर भाषण में हो रही, प्रजातंत्र की बात।
प्रजा झेलती तंत्र के ,नित्य नए आघात।।

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 434

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on May 2, 2019 at 4:37pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'  जी सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on May 2, 2019 at 4:37pm

आदरणीय Samar kabeer जी सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 2, 2019 at 10:54am

आ. भाई सुशील जी, सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।

Comment by Samar kabeer on May 2, 2019 at 10:40am

जनाब सुशील सरना जी आदाब,बहुत अच्छे दोहे लिखे आपने,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sushil Sarna on April 29, 2019 at 8:10pm

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी सृजन पर आपकी मनभावन प्रशंसा का दिल से आभार। सर मैं पूरा प्रयास करूंगा।

Comment by नाथ सोनांचली on April 28, 2019 at 2:53pm

आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। बहुत बेहतरीन दोहे रचे आपने। बधाई स्वीकार कीजिये।

एक निवेदन-"समयानुसार दूसरों की रचनाओं पर भी अपनी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया दीजिये। सादर"

Comment by Sushil Sarna on April 28, 2019 at 1:18pm

आदरणीय  डॉ छोटेलाल सिंह जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार। 

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on April 28, 2019 at 1:11pm

आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बेहतरीन दोहे बधाई हो 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बेहतरीन 👌 प्रस्तुति और सार्थक प्रस्तुति हुई है ।हार्दिक बधाई सर "
Monday
Dayaram Methani commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, अति सुंदर गीत रचा अपने। बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"सही कहा आपने। ऐसा बचपन में हमने भी जिया है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
Sunday
Sushil Sarna posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
Dharmendra Kumar Yadav posted a blog post

ममता का मर्म

माँ के आँचल में छुप जातेहम सुनकर डाँट कभी जिनकी।नव उमंग भर जाती मन मेंचुपके से उनकी वह थपकी । उस पल…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Nov 30

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service