For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेघदूत गीत 

नयनों के गमले सूख रहे 
ऐ! मेघदूत कब आओगे 

तकते तकते अम्बर घट को 
चातक का मन टूट गया 
ज्वाला जैसी तपती काया 
बैरी सावन रूठ गया 
अब किस विध इतनी पीर सहे 
कब मेघा जल बरसाओगे 

व्याकुल कजरा व्याकुल गजरा 
व्याकुल कंगन ये बिंदिया 
काँटों के बिस्तर पर तन है 
चैन नहीं पावै निंदिया 
साँसों साँसों में पीर दहे
कब सुख घट तुम छ्लकाओगे 

साजन को तू जाकर देना 
ये कुछ भीगे मोती हैं 
मन की तुलसी तन की बेला 
चुपके चुपके रोती हैं 
वो समझेंगे बिन शब्द कहे 
कब ये पाती ले जाओगे 
ऐ मेघदूत कब आओगे 


मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 768

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 5, 2018 at 8:36pm

आद० बसंत कुमार जी आपको गीत पसंद आया दिल से बहुत बहुत आभार आपका. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 5, 2018 at 8:36pm

आदरणीय समर भाई जी सबसे पहले तो प्रतिउत्तर देने में देरी   के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ .आज कल वक़्त नहीं मिल रहा .आपको ये गीत पसंद आया मेरा लिखना सार्थक हुआ दिल से आभारी हूँ 

Comment by Naveen Mani Tripathi on July 31, 2018 at 10:08pm

आ0 राजेश कुमारी  जी बहुत सुंदर रचना लिखी है आपने   । हार्दिक बधाई ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 29, 2018 at 2:26pm

वाह आदरणीया बहुत ही सुन्दर और सरस विरह गीत हुआ है...

Comment by Neelam Upadhyaya on July 27, 2018 at 12:30pm

आदरणीया अर्पणा  शर्मा जी, अच्छी लघुकथा की प्रस्तुति के लिए  बधाई स्वीकार करें । 

 
 

Comment by Shyam Narain Verma on July 26, 2018 at 5:32pm
सुंदर गीत के लिए कोटिशः बधाई ... सादर
Comment by TEJ VEER SINGH on July 26, 2018 at 4:07pm

हार्दिक बधाई आदरणीय राजेश कुमारी जी।बेहतरीन गीत।

Comment by Mohammed Arif on July 26, 2018 at 1:50pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी आदाब,

                                    बहुत ही बेहतरीन मेघदूत गीत की रचना । बाक़ी आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब इशारा कर ही चुके हैन । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 26, 2018 at 1:24pm

वाह अनुपम गीत हुआ है आदरणीया , बहुत बहुत बधाई आपको 

Comment by Samar kabeer on July 26, 2018 at 12:14pm

बहना राजेश कुमारी जी आदाब,बहुत उम्दा 'मेघदूत गीत' रचा आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

बारिश तो पूरे देश में अच्छी हो रही है,फिर इस गीत में ये बेचैनी क्यों?

साजन को तू जाकर देना

इस पंक्ति में 'तू' को "तुम" करना उचित होगा ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
5 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुइ है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"शुक्रिया ऋचा जी। बेशक़ अमित जी की सलाह उपयोगी होती है।"
Saturday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"बहुत शुक्रिया अमित भाई। वाक़ई बहुत मेहनत और वक़्त लगाते हो आप हर ग़ज़ल पर। आप का प्रयास और निश्चय…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service