For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा - प्यास  –

 लघुकथा - प्यास  –

फ़ौज़ी सौदान सिंह रात के गस्त पर था। उसकी पीने के पानी की बोतल खाली हो गयी। उसे प्यास लगी थी| इधर उधर नज़र दौड़ाई। यूनिट की चौकी बहुत दूर थी।

अचानक उसकी नज़र एक किसान पर पड़ी जो खेत में सिंचाई कर रहा था। सौदान सिंह को लगा कि उसके पास पानी अवश्य मिलेगा। अतः वह उसके पास चला आया,

"भाई जी, क्या आपके पास पीने का पानी मिलेगा"?

"वीर जी, तुम्हारी कौम क्या है"?

"भाई जी, आपके इस सवाल का पानी से क्या ताल्लुक़ है"?

" वीर जी, ताल्लुक़ है तभी तो पूछा है, वरना क्यों पूछता"?

"भाई जी,वैसे मैं राजपूत हूँ।पर आपके सवाल का मतलब अब भी नहीं समझा"।

"वीर जी, मैं आपको अपने मटके का पानी नहीं पिला सकता। मैं अछूत हूं।आपका धर्म खराब हो जायेगा"।

"कौनसी सदी में जी रहे हो भाई जी। आजकल कौन मानता है जाति पांति को"।

"वीर जी, आप पढ़े लिखे लोग हो, इसलिये इन बातों से कोसों दूर हो। लेकिन गाँव देहात में तो आज भी लोग हमारी परछाँई से भी बच कर निकलते हैं"।

"भाई जी, आप परछाँई की बात करते हो, मैं तो आपको गले लगाता हूं,  आप मुझे  पानी पिलाओ| देखता हूँ  मेरा धर्म कितना खराब होगा"।

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 517

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on January 31, 2018 at 10:27pm

हार्दिक आभार आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब जी।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 31, 2018 at 9:24pm

मुहतरम जनाब तेजवीर साहिब ,जितना अच्छा कथानक उतनी अच्छी पेशकश ,सुन्दर लघुकथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं।

Comment by TEJ VEER SINGH on January 29, 2018 at 2:41pm

हार्दिक आभार आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी।

Comment by नाथ सोनांचली on January 29, 2018 at 5:19am

आद0 तेजवीर जी सादर अभिवादन। एक अच्छी लघुकथा, एक बुराई को खूबसूरती से सामने रख सोचने को मजबूर करती। बहुत बहुत बधाई इस प्रस्तुति पर। सादर

Comment by TEJ VEER SINGH on January 28, 2018 at 10:22pm

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on January 28, 2018 at 10:21pm

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 28, 2018 at 9:15pm

चिर-परिचित कथानक और कथ्य की उम्दा बढ़िया पेशकश। हार्दिक बधाई आदरणीय तेज वीर सिंह जी।

Comment by vijay nikore on January 28, 2018 at 2:54pm

लघु कथा अच्छी लिखी है । हार्दिक बधाई, आ० तेज वीर सिहं जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on January 28, 2018 at 9:32am

हार्दिक आभार आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी।यह सच है कि इस विषय पर बहुत कुछ लिखा जा चुका है। परंतु यह बुराई समाज में अभी भी व्याप्त है। इसलिये इस बारे में बार बार लिखा जायेगा।सादर।

Comment by Mohammed Arif on January 28, 2018 at 8:02am

आदरणीय तेजवीर सिंह जी आदाब,

                               छुआछूत की पृष्ठभूमि पर लिखी गई यह अच्छी लघुकथा है । लेकिन इस विषय पर हज़ारों लघुकथाएँ लिखीं जा चुकी है । कथानक में ताज़गी नहीं है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service