For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जो अपने माँ-बाप के - सलीम रज़ा

22 22 22 22 22 2
जो अपने माँ-बाप के दिल को दुखाएगा
चैन-ओ- सुकूँ वो जीवन भर ना पाएगा
-
हक़ बातें तू हरगिज़ ना कह पाएगा
अहसानों के तले  अगर दब जाएगा
-
उस दिन दुनिया ख़ुशिओं से भर जाएगी
जिस दिन प्रीतम लौट के घर को आएगा
-
भूँखा -प्यासा जब देखेगी बेटों को
माँ का दिल टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा
-
उसकी मुरादें सब पूरी हो जाएंगी
दर पे उसके जो दामन फैलाएगा
-
मेरी ग़ज़लों के कुछ शे'र सुना दीजे
जख़्म-ए-दिल को कुछ तो दवा मिल जाएगा 
-
क्यूं दौलत पे लोग रज़ा इतराते हैं
ये सब कुछ तो मिट्टी में मिल जाएगा
..
मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 772

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SALIM RAZA REWA on January 9, 2018 at 9:26pm
जनाब अफ़रोज साहब यक़ीनन आप सही फ़रमा रहें हैं,
इस ग़लती को सही कर लिया जाएगा...
आपकी नज़र की दाद के साथ शुक्रिया.. क़ुबूल करें
Comment by SALIM RAZA REWA on January 9, 2018 at 9:23pm
जनाब समर साहब आदाब,
बच्चो के सवाल करने पर बड़े नाराज़ नहीं होते.. दुआओं में साथ रखे.
Comment by SALIM RAZA REWA on January 9, 2018 at 9:21pm
आ. राम अवध जी,
ग़ज़ल को पसंद करने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया.
Comment by Afroz 'sahr' on January 9, 2018 at 3:50pm
जनाब सलीम रज़ा साहिब इस रचना पर बधाई स्वीकार करें।
मिसरा " ज़ख़्म ए दिल को कुछ तो दवा मिल जाएगा"
में लफ़्ज़ "दवा" मुअन्नस अर्थात स्त्रीलिंग है। आपने पुल्लिंग बाँधा है। देखिएगा,,,
Comment by Samar kabeer on January 9, 2018 at 2:27pm

जनाब सलीम रज़ा साहिब आदाब,अच्छी ग़ज़ल है, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 9, 2018 at 6:37am

खूबसूरत ग़ज़ल के लिये बधाई आदर्णीय सलीम रज़ा साहब

Comment by SALIM RAZA REWA on January 8, 2018 at 5:46pm
भाई सुरेन्द्र नाथ सिंह जी,
आपकी नवाज़िश के लिए शुक्रगुजार हूँ.
Comment by SALIM RAZA REWA on January 8, 2018 at 5:45pm
जनाब आरिफ साहिब आपकी,
आपकी मुबारक़बाद का तहे दिल से शुक्रिया.. बांकी गुणी जानो का इंतज़ार....
Comment by SALIM RAZA REWA on January 8, 2018 at 5:43pm
आ. काली प्रसाद जी,
आपकी तारीफ के लिए तहे दिल से शुक्रिया.
Comment by नाथ सोनांचली on January 8, 2018 at 1:47pm

आद0 सलीम रज़ा साहब सादर अभिवादन। बेहतरीन ग़ज़ल। मतला बेहतरीन। दूसरे शेर पर अतिरिक्त तालियाँ। बहुत बहुत बधाई इस ग़ज़ल पर।सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Feb 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service