For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दीवाली (सरसी छन्द)


दिल से दिल के तार मिलाएं, दीवाली के नाम
खाएं और खिलाएं सबको,दें अच्छा पैगाम

एक दीप सा बन जीवन में, करें सदा उल्लास
मन मंदिर में ज्ञानदीप से,नित ही करें प्रकाश

झूम झूमकर खुशी मनाएं,बैठें सबके संग
कर्म सुगम पथ सब अपनाएं,सीख हुनर औ ढंग

बोलें मीठी वाणी सबसे,करें नहीं विद्वेष
दुनिया में है सबसे न्यारा,प्यारा भारत देश

एक बनेंगे नेक बनेंगे,ऊँचा होगा नाम
सुन्दर समाज अपना होगा,नेक करेंगे काम

तन मन में हो भाईचारा, भेदभाव हो दूर
आपस में मिल दीप जलाएं, मदद करें भरपूर

दीवाली में दर्द मिटाएं,जाएं सबके द्वार
करें उजाला सभी घरों में, चमक उठे संसार

मन के भाव सदा हो निर्मल,छोड़ें सभी विकार
अंतर्मन में करें उजाला,बढ़े नहीं व्यभिचार

मिथ्या तम को दूर भगाएं, बाटें सत्य प्रकाश
सबल निबल सब आगे आएं, करें अधर्म विनाश

जगमग हो सबकी दीवाली,सुरभित हो सद्भाव, दीवाली के हर दीपक से,बरसे प्रेम लगाव

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 686

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on October 30, 2017 at 9:36pm
आदरणीया कल्पना भट्ट जी बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 30, 2017 at 9:07pm

बहुत ही सुंदर रचना हुई है आदरणीय, हार्दिक बधाई आपको|

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 29, 2017 at 11:44am
बहुत ही सुंदर रचना हुई आदरणीय..सादर
Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 26, 2017 at 9:57pm
आदरणीय सलीम रजा साहब ,आदरणीय आरिफ साहब और भाई सुरेन्द्र जी आप सभी को दिल से शुक्रिया
Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on October 26, 2017 at 9:53pm
परम आदरणीय समर साहब जी आपने हमें मान दिया और मार्गदर्शन भी किया इसके लिए आपको शत शत नमन
Comment by Samar kabeer on October 26, 2017 at 5:29pm
जनाब डॉ.छोटेलाल सिंह जी आदाब,दीपावली के मौक़े पर बहुत उम्दा सरसी छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
पहले छन्द के दूसरे पद में 'उल्लास'और 'प्रकाश'की तुकान्तता सही नहीं है,देखियेगा ।
Comment by SALIM RAZA REWA on October 26, 2017 at 3:15pm
आo ख़ूबसूरत रचना के लिए मुबारक़बाद
Comment by Mohammed Arif on October 26, 2017 at 7:33am
आदरणीय छोटे लाल जी आदाब, दीपावली पर्व को आधार बना बेहतरीन सरसी छंद की रचना । अच्छा संदेश देने का प्रयास किया गया । जनमानस में अवश्य ही सीख लेगा । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
Comment by नाथ सोनांचली on October 26, 2017 at 5:12am
आद0 भैया डॉ छोटेलाल सिंह जी सादर अभिवादन। बहुत बढ़िया सरसी छःन्द का अभ्यास हुआ है। कोटिश बधाइयाँ इस सृजन पर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service