For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा-- बर्थ-डे गिफ्ट

राहुल और साक्षी के जीवन में तनाव उस समय उत्पन्न हो गया जब साक्षी ने अपने सात वर्षीय बेटे अंशुल की ज़िम्मेदारी उठाने की अर्ज़ी कोर्ट में लगा दी । दर असल राहुल काम के संबंध में लंदन जाना चाहता था । साक्षी को सतारा में ससुराल में रहने को कहा । मगर साक्षी को पुणे में रहकर ही जॉब करना था । विवाद यहीं से पैदा हुआ । एक दिन राहुल अंशुल को लेकर सतारा आ गया और उसकी पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था करने लगा । साक्षी को बस यही नगवारा लगा ।
अंशुल के बर्थ-डे वाले दिन ही दोनों ने अलग होने का निर्णय ले लिया ।
कोर्ट परिसर में ही अंशुल का बर्थ-डे मनाने के लिए दोनों पक्षों के वकील इकट्ठा हुए । दोनों पति-पत्नी ने साथ मिलकर केक काटा । बर्थ -डे सेलिब्रेट किया । दोनों ने अंशुल से रिटर्न गिफ्ट माँगा । अंशुल ने झट से माँ साक्षी को चिट्ठी थमा दी । जिसमें लिखा था-"डोन्ट फाइट, स्टॉप फाइटिंग , आई वाण्ट यू टू गेदर ।" राहुल और साक्षी की आँखों से आँसू छलक पड़े । फिर दोनों में समझौता हो गया ।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 775

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on August 6, 2017 at 10:27am
बहुत-बहुत आभार आदरणीया प्रतिभा पांडे जी ।
Comment by pratibha pande on August 6, 2017 at 10:12am
माता पिता के बीच अलगाव और बच्चे की दुविधा का चित्रण करती सार्थक रचना बधाई स्वीकार करें आदरणीय
Comment by Mohammed Arif on August 5, 2017 at 11:07pm
आदरणीय मोहित मुक्त जी आदाब , आपकी प्रतिक्रिया में बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था । लेकिन मुझे बड़ी निराशा हाथ लगी । मुझे तो उम्मीद थी कि इप इस लघुकथा को बेहतर लघुकथा बनाने का सुझाव देंगे । वरिष्ठ लघुकथाकार आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी , आली जनाब समर कबीर साहब और आदरणीय तस्दीक अहमद जी अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं । आपने इनकी प्रतिक्रियाएँ भली-भाँति पढ़ ली होगी । आप मेरे कहने का आशय समझ गए होंगे । सादर ।
Comment by Mohammed Arif on August 4, 2017 at 10:21pm
आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी लघुकथा का सूक्ष्मता से अकलोकन करने , सराहना और सुझाव देने का बहुत-बहुत शुक्रिया ।
Comment by Mohammed Arif on August 4, 2017 at 10:18pm
आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब लघुकथा पर अपनी अमूल्य टिप्पपणी देकर सफल बनाने का बहु-बहुत शुक्रिया ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on August 4, 2017 at 8:49pm
सकारात्मक संदेश वाहक बढ़िया प्रस्तुति के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत बधाई मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहब। बढ़िया कथानक पर सजीव सहज संवादों में बढ़िया प्रस्तुति। इंग्लिश माध्यम में पढ़ने वाले बच्चे इसी तरह भाव व्यक्त कर सकते हैं। रिटर्न गिफ्ट और सेलिब्रेट जैसे शब्द भी बोलचाल के शब्द हैं, संवादों में लिए जा सकते हैं और हिन्दी अनुवाद में भी। मैं आपका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहता हूं कि तकरीबन १७० शब्दों की इस बढ़िया रचना में नामों की पुनरावृत्ति हुई है :
राहुल - ४ बार
साक्षी - ७ बार
और
अंशुल - ६ बार

थोड़ा और समय देकर कुछ बदलाव कर ये पुनरावृत्तियां कम की जा सकती हैं।

शेख़ शहज़ाद उस्मानी
(४-८-२०१७)
Comment by Samar kabeer on August 4, 2017 at 6:43pm
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,बढ़िया लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Mohammed Arif on August 4, 2017 at 4:58pm
आदरणीय तस्दीक़ अहमद जी आदाब,आपने लघुकथा पर सच्ची प्रतिक्रिया देकर सफल लघुकथा की मुहर लगा दी । बहुत-बहुत शुक्रिया ।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on August 4, 2017 at 4:37pm
मुहतरम जनाब आरिफ साहिब आदाब ,अच्छी ,और सीख देती लघुकथा हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें
Comment by Mohammed Arif on August 3, 2017 at 8:04pm
आदरणीय मोहित जी आदाब, आपकी प्रतिक्रिया पाकर बड़ी प्रसन्नता हुई । लेकिन क्या आप बतलाने का कष्ट करेंगे कि--
(1) आपको इस कथानक में असफलता कहाँ नज़र आई ?
(2)आपकी निगाह से यह लघुकथा किस प्रकार सफल लघुकथा बन सकती है
(3)यदि इसी कथानक पर आपको लिखने को कहा जाय तो आप इसे एक सफल लघुकथा के रूप में कैसे लिखेंगे ?
(4) आप इस कथानक का आरोह-अवरोह किस प्रकार करेंगे ?
(5)इस लघुकथा को सशक्त आधार देने हेतु कैसे संवादों का प्रयोग करना चाहेंगे ?
आशा है, आप मेरे उपरोक्त प्रश्नों का उत्तर देकर मेरी लघुकथा को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभायेंगे । सादर ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service