For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकथा-कुत्ता संस्कृति

मॉर्निंग वॉक के दो मित्र कुत्ते आपस में बतिया रहे थे । उन्हें अपने कुत्तेपन पर बड़ा अभिमान हो रहा था । इंसान के गिरते निकम्मेपन पर ठहाके भी बीच-बीच में लगाते जा रहे थे । पहला कुत्ता बोला-"हमें अपने कुत्तेपन पर नाज़ है ।" तब दूसरा कुत्ता उछलकर बोला -"व्हाय नॉट । वी आर सो फेथफुल ।"
पहला-"हममें से कुत्तापन के संस्कार धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे है । हम तेज़ी से सभ्य हो रहे हैं ।"
दूसरा-"एब्सोल्यूटली ! अगली सदी हमारी ही होगी ।"
पहला-"बेशक! हमारा आधिपत्य बढ़ता ही जा रहा है । हमने इंसान के हर क्षेत्र पर अधिकार कर लिया है । एक दिन ऐसा भी आएगा जब वह हमारे सामने बेबस-लाचार दिखेगा ।"
दूसरा-"यस ! हम उसका कौन-सा काम नहीं कर सकते है । घर की रखवाली, वफादारी , छोटी-मोटी चीज़े लाकर देना, उसके साथ फुटबॉल खेलना,वॉलीबाल खेलना, गेंद लाकर देना, बच्चों के साथ खेलना, मनोरंजन करना आदि ।"
पहला-" हमने उसकी सारी ऐशो आराम की चीज़ों जैसे सोफा,पलंग बेडशीट, गद्दे को भी इस्तेमाल करते और बढ़िया-बढ़िया डिशेस का भी आनंद लेते हैं ।"
इतने में सामने से मॉर्निंग वॉक पर अपने-अपने कुत्तों को लिए शर्मा जी, मेहरा जी और डॉ. हर्ष आते दिखाई दिए । दोनों ने ज़ोर का ठहाका लगाया-"आहा !आहा !!हा .....हा...हा..हा...
कुत्ता संस्कृति ज़िंदाबाद ! कुत्ता संस्कृति ज़िंदाबाद!!"
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 998

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on August 2, 2017 at 9:39am

लघु कथा में चित्रण बहुत ही अच्छा हुआ है। बधाई, मोहम्मद आरिफ़ भाई।

Comment by Mohammed Arif on August 1, 2017 at 10:50pm
बहुत-बहुत आभार आदरणीया मनीषा सक्सेना जी ।
Comment by Manisha Saxena on August 1, 2017 at 9:06pm

क़रारा व्यंग्य ,बड़ा अजा आया ,बधाई |

Comment by Mohammed Arif on August 1, 2017 at 1:30pm
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बहुत-बहुत आभार ।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 1, 2017 at 7:08am
बेहतरीन कटाक्ष भरी कथा..हार्दिक बधाई।
Comment by Mohammed Arif on July 29, 2017 at 11:28pm
आदरणीया नीता कसार जी लघुकथा में अपनी अमूल्य उपस्थिति देकर कृतार्थ करने का बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Nita Kasar on July 29, 2017 at 9:37pm
कुत्तों को प्रतीक बना अच्छी कथा रची है पर ये दोनों मित्र सुशिक्षित है लगता है ।हालाँकि वफ़ादारी कुत्तों की बेमिसाल है बधाईँ आपको आद० मोहम्मद आरिफ़ जी ।
Comment by Mohammed Arif on July 27, 2017 at 10:25pm
बहुत-बहुत आभार आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी । लेखन सार्थक हो गया ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on July 27, 2017 at 9:31pm
करारे कटाक्ष करती बढ़िया प्रस्तुति के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहब।
Comment by Mohammed Arif on July 27, 2017 at 5:21pm
आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब लघुकथा पर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया देने और हौसला अफज़ाई का बहुत-डहुत आभार ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
yesterday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
yesterday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
yesterday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"प्रवृत्तियॉं (लघुकथा): "इससे पहले कि ये मुझे मार डालें, मुझे अपने पास बुला लो!" एक युवा…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service