For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

(1) इबादत ,भक्ति और संवाद है माँ,
कोमल,निश्छल और निर्विवाद है माँ,
दुखों की गठरी कांधों पे ढोहती,
ममता की वर्षा से आबाद है माँ ।
(2)रोशनी, दीपक कभी राहत है माँ,
घरेलू नुस्खा कभी हिक़मत है माँ,
लय,छंद,गति,पाठ कभी शब्द साग़र,
संबल-सहारा कभी चाहत है माँ ।
(3)शीतल छाया कभी सहूलत है माँ,
आँसू ,सिसकी कभी हिदायत है माँ,
पंचतंत्र, जातक कथाओं-सी सीख,
घरेलू झगड़ों की अदालत है माँ ।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 717

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on July 16, 2017 at 5:42pm

बहुत सुंदर मुक्तक हुए हैं आदरणीय |

Comment by Mohammed Arif on June 10, 2017 at 9:47pm
बहुत-बहुत आभार आदरणीय रवि शुक्ला जी ।
Comment by Mohammed Arif on June 10, 2017 at 9:46pm
हार्दिक आभार आदरणीय बसंत शर्मा जी । लेखन सार्थक हुआ ।
Comment by Mohammed Arif on June 10, 2017 at 9:45pm
मुक्तकों की सराहना और हौसला अफजाई का हार्दिक आभार आदरणीय सुशील सरना जी ।
Comment by Mohammed Arif on June 10, 2017 at 9:40pm
मुक्तकों पर अपनी प्रतिक्रिया लेखन को सार्थक करने का बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी ।
Comment by Mohammed Arif on June 10, 2017 at 9:38pm
मुक्तकों की सराहना और हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय महेंद्र कुमार जी ।
Comment by Mohammed Arif on June 10, 2017 at 9:36pm
मुक्तकों की सराहना के लिए हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी ।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 10, 2017 at 8:32pm
बहुत ही सुन्दर सार्थक भावपूर्ण मुक्तक सृजित हुए हैं आदरणीय..सादर
Comment by Mahendra Kumar on June 7, 2017 at 8:15pm

शानदार मुक्तक हैं आ. मोहम्मद आरिफ़ जी. वाकई माँ दुखों की गठरी (अपने) कांधों पे ढोती है. इस सुन्दर सृजन हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on June 7, 2017 at 4:21pm
बेहतरीन मुक्तकों की चलचित्र-त्रिवेणी हेतु​ हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं आदरणीय Mohammed Arif साहब

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
12 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
58 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। आदरणीय ग़ज़ल तक आने व बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service