For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सब्र दशकों से किये है -लक्ष्मण धामी'मुसाफिर' (गजल)

२१२२/२१२२/२१२२/२१२


कौन कहता है कि उनसे और वादा कीजिए
है निवेदन जो किया था वो ही पूरा कीजिए।१।

*
सब्र दशकों से किये  है  आमजन इस देश का
अब गरीबी भूख का कुछ तो सफाया कीजिए।२।

*
बस चुनावों में विरोधी बाद उस के सब सखा
मूर्ख जनता को समझ ऐसे न साधा कीजिए।३।

*
जल रहा कश्मीर तुमको फिक्र अपने कुनबे की
सिर्फ  कुर्सी  के  लिए  ऐसा  न  सौदा  कीजिए।४।


सूखी जनता को निचोड़ो किसने रोका है मगर
पेट अपना बढ़ गया  जो  पहले आधा कीजिए।५।

*
सिर्फ अपना सुख न देखो कहके सेवक हैं स्वयम्
सेवकाई का  हुनर  रख  दिल  भी  जीता कीजिए।६।

मौलिक/अप्रकाशित

लक्ष्मण धामी'मुसाफिर'

Views: 737

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 13, 2020 at 9:11pm

आ. भाई by बृजेश कुमार जी सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 13, 2020 at 9:07pm

आ. भाई सालिक गणवीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 12, 2020 at 9:22pm

बड़ी अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय...

Comment by सालिक गणवीर on December 11, 2020 at 6:28pm

भाई लक्षमण धामी 'मुसाफ़िर' जी
आदाब
एक और तंज करती हुई अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 5, 2020 at 12:32pm

आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति व सराहना के लिए हार्दिक बधाई ।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on December 5, 2020 at 11:42am

जनाब लक्षमण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 4, 2020 at 6:39pm

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति व प्रशंसा के लिए आभार।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 4, 2020 at 6:38pm

आ. भाई विजय शंकर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और सराहना के लिए धन्यवाद ।

Comment by Samar kabeer on December 4, 2020 at 5:24pm

जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Dr. Vijai Shanker on December 4, 2020 at 10:56am


आदरणीय लक्षमण धामी मुसाफिर जी , बहुत ही सधी हुयी पंक्तियाँ , विगत सात दशकों की कथा। बधाई इस प्रस्तुति के लिए। सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"    शिकस्त-ए-नारवा     ------------------ रिवाज के विरुद्ध काम, शायरी का एक ऐब…"
21 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय Dayaram Methani जी आदाब ग़ज़ल के प्रयास पर बधाई स्वीकार करें  ग़ज़ल — 212 1222…"
25 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब आज़ी तमाम साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। भाई-चारा का…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी, ऐसा करना मुनासिब होगा। "
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service