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ओबीओ परिवार के युवा साहित्यकार अरुन अनन्त की दैहिक विदाई

 

पहले सींचा नेह से, बाद सौंप दी पीर ।

निकली मेरी प्रेम में, दगाबाज तकदीर ।।

अरुन अनन्त 

मोह का हर एक, धागा तोड़कर,
दो मुझे अनुमति, विदाई का समय है,

मत बहाना हे प्रिये मोती नयन से,
जा रहा हूँ बाँध कर तुमको वचन से,
मुस्कुराहट, प्रेम, करुणा और सुख से,
जोड़कर रखना स्वयं को पूर्ण मन से,

छोड़ दो दामन, जुदाई का समय है,
दो मुझे अनुमति, विदाई का समय है

याद रखना प्रेम की प्रिय भावनाएँ,
भूल जाना ये विरह की वेदनाएँ,
तय करो बाकी सफर हँसकर जगत में,
दे रहा हूँ मैं तुम्हें शुभकामनाएँ,

बंधनों से अब, रिहाई का समय है
दो मुझे अनुमति, विदाई का समय है

अरुन अनन्त

 

तुम्हे जाने की इतनी जल्दी क्या थी ? ऐसे कौन छोड़ जाता है ?

काश यह झूठ होता...

वह भी आत्म हत्या !!!

तुम इतने कमजोर तो नहीं थे..

कितनी प्यारी बिटिया है तुम्हारी,

कैसे जियेगी तुम्हारे बिन, यह भी न सोचा, निष्ठुर ! 

अरुन..  अनंत की यात्रा पर निकल गया ...

ईश्वर आपकी आत्मा को शांति प्रदान करें 

****

ओबीओ परिवार 

गणेश जी बाग़ी

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अत्यन्त दुःखद समाचार है।

मेरी संवेदनाएं परिजनों के साथ हैं।

मृतात्मा को श्रद्धांजलि। ईश्वर उन्हें चरणों में स्थान दें।

इस दुखद समाचार से स्तब्ध हूँ । ईश्वर दिवंगत आत्मा को मुक्ति एवं संतप्त परिवार को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। मृतात्मा को श्रद्धांजलि।

इस घटना ने १९९० के आसपास एक युवा व्यंग्यकार द्वारा अपने अधिकारियों कि निरंतर प्रताड़ना से विवश हो आत्महत्या का स्मरण हो आया...

विनम्र श्रद्धांजलि

बहुत दुःखद!

ईश्वर दिवंगत की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिजनों को धैर्य व साहस प्रदान करें ।ॐ शान्ति !

सादर नमन

जब से समाचार मिला, स्तब्ध हूँ. किन परिस्थितियोंं ने मजबूर किया ऐसी दु:खद घटना को अंजाम देने के लिए न ही मैं जानता हूँ और न ही उस पर विमर्श का यह पल है. अरुन की दर्द में डूबी पंक्तियाँ बहुत कुछ कह रही हैं. नहीं, आपने जो किया उससे सहमत नहीं मैं. श्रद्धांजलि आपकी स्मृति को. शांति की तलाश में आप सफल हों, आपको अपनी मंज़िल मिले, यही कामना है.

विनम्र श्रद्धांजलि

अत्यंत दुःखद समाचार!

ईश्वर दिवंगत की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिजनों को धैर्य व साहस प्रदान करें । विनम्र श्रद्धांँजलि ऊँ शान्ति !

ओह्ह दुःखद! विनम्र श्रद्धांजलि

अभी तक इस खबर को समझ नहीं पा रही हूं कि आखिर क्यों यह कदम उठाया।इंसान इतना टूट क्यों जाता है?

बहुत दुखद है यह खबर।

अत्यन्त दुखद । श्रद्धांजलि। 

अत्यंत दुखी कर देने वाला समाचार है. एक युवा साथी ऐसे गुपचुप चला जाए, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. ईश्वर प्रिय अरुण शर्मा अनंत को अपने श्री चरणों में स्थान दे व परिवारजनों को यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करे. विनम्र श्रृद्धांजलि 

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