For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Albela Khatri's Blog – July 2012 Archive (14)

साहित्यिक भाषा में बोलो बाबाजी

पहले अपने शब्द टटोलो बाबाजी

फिर तुम अपना श्रीमुख खोलो बाबाजी

साहित्य के इस मंच पे गर कुछ कहना है

साहित्यिक भाषा में बोलो बाबाजी

जीवन में सुख दुःख का सीधा मतलब है

थोड़ा हँस लो, थोड़ा रो लो बाबाजी

मान गया मैं, नहीं डरे तुम झूले पर

अब तो अपने कपड़े धोलो बाबाजी

ढाई बज गये, बाबी द्वार न खोलेगी

यहीं किसी फुटपाथ पे सो लो बाबाजी

हाथ में थी वो सारी फ़सल उड़ा डाली

साथ की खातिर भी कुछ बो लो बाबाजी

रोने से क्या संकट कम हो…

Continue

Added by Albela Khatri on July 26, 2012 at 7:00pm — 38 Comments

चार कह-मुकरियां

मुख मण्डल उसका सतरंगा

सबका भेद करे वह नंगा

आज हि काम का कल बेकार

क्या वह टीवी ? नहीं अखबार



देह है भूरी मुख है लाल

पिछवाड़े से मुँह में डाल

बारिश में हो जाती चीड़ी

क्या वह कीड़ी ? नहिं भाई बीड़ी



रोज़ रात को मुँह में डालूं

चूस चास के पूरा खा लूँ

हाय वो मीठे रस की खान

क्या रसगुल्ला ? नहिं भई पान



गुड़ से ज़्यादा मीठी लागे

उसके पीछे मनवा भागे

नूरी नूरी रौशन रौशन

क्या वह सजनी ? नहीं पड़ोसन …

Continue

Added by Albela Khatri on July 24, 2012 at 10:00am — 10 Comments

नाग पंचमी का त्यौहार है बाबाजी

फिर सावन का सोमवार है बाबाजी

फिर पूजा है, मन्त्रोच्चार है बाबाजी



आज हमारे जन्म दिवस के मौके पर

नाग पंचमी का त्यौहार है बाबाजी



सुबह सवेरे जल्दी उठ कर स्नान करूँ

घरवाली का ये विचार है बाबाजी



बीवी को वश में करने का मन्तर दो

विनती तुम से बार बार है बाबाजी



वोटर का दुःख उसे दिखाई न देगा

जब तक वो  कुर्सी सवार है बाबाजी



उम्मीदों पर बार बार जो वार करे

वही सही उम्मीदवार  है बाबाजी



जूतों की…

Continue

Added by Albela Khatri on July 23, 2012 at 10:00am — 8 Comments

आठ कह-मुकरियां

दांत भींच कर उसे दबाऊं

फिर भी उसको रोक न पाऊं

निकले बाहर लगती फाँसी

क्या सखि खाँसी? नहिं रे हाँसी



कदम-कदम पर उसका  पहरा

आँख का…

Continue

Added by Albela Khatri on July 22, 2012 at 6:00pm — 16 Comments

तुम भीतर तक भर जाओगे बाबाजी

मेहनत से यदि डर जाओगे बाबाजी

जीवन में क्या कर पाओगे बाबाजी



रोते रोते आये  जैसे दुनिया में

वैसे ही तुम घर जाओगे बाबाजी



बाइक पर मोबाइल से मत बात करो…

Continue

Added by Albela Khatri on July 22, 2012 at 10:30am — 18 Comments

लगता इसकी मति गई मारी बाबाजी

नीयत हो यदि साफ़ हमारी बाबाजी

नियति भी तब लगेगी प्यारी बाबाजी



पुस्तक, सी डी और  दवायें बेच रहे

सन्त नहीं, वे  हैं व्यापारी बाबाजी



कोई किसी का सगा नहीं है दुनिया में…

Continue

Added by Albela Khatri on July 21, 2012 at 11:00am — 19 Comments

जिनके सर पर बाल नहीं है बाबाजी

सुर है लेकिन ताल नहीं है बाबाजी

पॉकेट  है पर माल नहीं है बाबाजी



क्योंकर कोई चूमे हमको सावन में

अपने चिकने गाल नहीं है बाबाजी



दर्पण से उनको नफ़रत हो जाती है…

Continue

Added by Albela Khatri on July 20, 2012 at 12:00am — 32 Comments

परमपिता के श्रीचरणों में, महफ़िल सजे तिहारी

हमारे प्यारे काका राजेश खन्ना के देहावसान पर  अलबेला खत्री की शब्दांजलि

छन्न पकैया - छन्न पकैया, कहाँ चले तुम काका

छोड़ के अपना देश आपने रुख ये किया कहाँ का



छन्न पकैया - छन्न पकैया,  मुमताज़ रो पड़ेगी

दो दो हीरो एक साथ गये, दुःखड़ा किसे कहेगी…



Continue

Added by Albela Khatri on July 19, 2012 at 12:40am — 18 Comments

रिश्वत खाना पाप नहीं है बाबाजी

नयन लड़ाना पाप नहीं है बाबाजी

प्यार जताना पाप नहीं है बाबाजी



अगर पड़ोसन पट जाये तो उसके घर

आना -  जाना पाप नहीं है बाबाजी



बीवी बोर करे तो कुछ दिन साली से

काम  चलाना पाप नहीं है बाबाजी



पत्नी रंगेहाथ पकड़ ले तो उसके

पाँव दबाना पाप नहीं है बाबाजी



रोज़ सुबह उठ, अपनी पत्नी की खातिर

चाय बनाना पाप नहीं है बाबाजी



वेतन से यदि कार खरीदी न जाये

रिश्वत खाना पाप नहीं है बाबाजी



'अलबेला' हर व्यक्ति यहाँ…

Continue

Added by Albela Khatri on July 13, 2012 at 7:30pm — 30 Comments

बीवी को मत आँख दिखाओ बाबाजी

झूमो, नाचो, मौज मनाओ बाबाजी

जीवन का आनन्द उठाओ बाबाजी



ये क्या, जब देखो तब रोते रहते हो ?

घड़ी दो घड़ी तो मुस्काओ बाबाजी



मुझ जैसे मसखरे का चेला बन जाओ

दिवस रैन दुनिया को हँसाओ बाबाजी



ये सब नेता रक्तपिपासु कीड़े हैं

इनसे मत कुछ आस लगाओ बाबाजी



जनता के दुःख को जो अपना दुःख समझे

अब ऐसी सरकार बनाओ  बाबाजी



एक मिनट में ऐसी-तैसी कर देगी

बीवी को मत आँख दिखाओ बाबाजी



ओ बी ओ की परिपाटी है…

Continue

Added by Albela Khatri on July 13, 2012 at 9:00am — 34 Comments

कुश्ती का सरदार गया है बाबाजी

रुस्तमे-हिन्द  दारासिंह  के देहावसान पर  उनके  प्रशंसक अलबेला खत्री की विनम्र शब्दांजलि



नील गगन के पार गया है बाबाजी

छोड़ के यह संसार गया है बाबाजी



हरा सका न कोई जिसे अखाड़े में

मौत से वह भी हार गया है बाबाजी



देवों को कुछ दाव सिखाने कुश्ती के

कुश्ती का सरदार गया है बाबाजी



अपनी माता के संग भारत माता का

सारा  क़र्ज़ उतार गया है बाबाजी



हाय! रुस्तमे-हिन्द को कैसा रोग लगा

हर इलाज बेकार गया है…

Continue

Added by Albela Khatri on July 12, 2012 at 9:30pm — 25 Comments

बलिदानों का क्या फल पाया बाबाजी

हाय ! ये कैसा मौसम आया बाबाजी

देख के मेरा मन घबराया बाबाजी



पूरब में तो बाढ़ का तांडव मार रहा

उत्तर में है सूखा छाया बाबाजी



भीषण गर्मी के…

Continue

Added by Albela Khatri on July 12, 2012 at 8:30am — 15 Comments

शहरों में घर रूम रूम के बाबाजी

सावन आया झूम झूम के बाबाजी

बजे  नगाड़े  धूम धूम  के बाबाजी



छोरे ने छोरी के गाल भिगो डाले

चूम चूम के, चूम चूम के बाबाजी



घाट घाट का पानी पीने वालों ने

कपड़े पहने लूम लूम के बाबाजी



आँगन,वेह्ड़ा और वरांडा मत ढूंढो…

Continue

Added by Albela Khatri on July 10, 2012 at 9:00pm — 18 Comments

मास है ये श्री शिव महेश का बाबाजी





क्या बतलाऊं हाल देश का बाबाजी

झगड़ा, टंटा, हठ, क्लेश का बाबाजी



माल स्वदेशी कौन ख़रीदे  भारत में

सबको चस्का है विदेश का बाबाजी



कालिख भ्रष्टाचार की किस दिन जायेगी

धोला हो गया रंग केश का बाबाजी 



पाखंडियों  ने  इतना…

Continue

Added by Albela Khatri on July 10, 2012 at 12:15pm — 18 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"किसको लगता है भला, कुदरत का यह रूप। मगर छाँव का मोल क्या, जब ना होगी धूप।। ऊपर तपता सूर्य है, नीचे…"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह अशोक भाई। बहुत ही उत्तम दोहे। // वृक्ष    नहीं    छाया …"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   पीछा करते  हर  तरफ,  सदा  धूप के पाँव।   जल की प्यासी…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"     दोहे * मेघाच्छादित नभ हुआ, पर मन बहुत अधीर। उमस  सहन  होती …"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. अजय जी.आपकी दाद से हौसला बढ़ा है.  उस के हुनर पर किस को शक़ है लेकिन उस की सोचो…"
8 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"बहुत उत्तम दोहे हुए हैं लक्ष्मण भाई।। प्रदत्त चित्र के आधार में छिपे विभिन्न भावों को अच्छा छाँदसिक…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहे*******तन झुलसे नित ताप से, साँस हुई बेहाल।सूर्य घूमता फिर  रहा,  नभ में जैसे…"
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी को सादर अभिवादन।"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
20 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
20 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"ऐसे ऐसे शेर नूर ने इस नग़मे में कह डाले सच कहता हूँ पढ़ने वाला सच ही पगला जाएगा :)) बेहद खूबसूरत…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)

हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service