For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लगता इसकी मति गई मारी बाबाजी

नीयत हो यदि साफ़ हमारी बाबाजी
नियति भी तब लगेगी प्यारी बाबाजी

पुस्तक, सी डी और  दवायें बेच रहे
सन्त नहीं, वे  हैं व्यापारी बाबाजी

कोई किसी का सगा नहीं है दुनिया में
सब मतलब की रिश्तेदारी बाबाजी

दाज नहीं तो दूल्हा बैरंग लौट गया
इसको कहते दुनियादारी बाबाजी

तुम पूछो या मत पूछो, मैं कहता हूँ
क़र्ज़ है सबसे बड़ी बीमारी बाबाजी

ऊँची एड़ी वाले सैंडिल फिसले तो
लग जायेगी चोट करारी बाबाजी 

अलबेला खत्री तो कुछ भी लिखता है
लगता इसकी मति गई मारी बाबाजी

-अलबेला खत्री

Views: 775

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 23, 2012 at 12:48am

नजरों से कुछ आज न बचना हो मुमकिन.

ऐसे घातक तीर चला दो बाबाजी ..     जय हो जय हो अलबेला जी ! :-)

Comment by Albela Khatri on July 22, 2012 at 11:08pm

हा हा हा
आदरणीय आपने तो गज़ब कर दिया
जैसे लड्डू के ऊपर चमकीला वर्क  अलग ही दिखता है
उसी भान्ति आपके शब्द अलग ही छटा  बिखेरते हैं
__धन्य हो प्रभु !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 22, 2012 at 11:01pm

अलबेला खत्री तो कुछ भी लिखता है
लगता इसकी मति गई मारी बाबाजी

इस शैली में शेर निकाले, बच रहना
लोग करेंगे  ’सानी-पानी’  बाबाजी

वैसे, लोगों का काम है कहना.. .  उनको रहने-कहने-बकने दें.  आप अपनी जिम्मेदारियों को ऐसे ही निभाते चलें.

आपका सादर आभार, भाई जी.

 

Comment by Albela Khatri on July 22, 2012 at 2:31pm

जय हो उमाशंकर जी जय हो........
आपकी अनुकम्पा  ऊर्जा देती है
___सादर

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 22, 2012 at 9:00am

बहुत सुन्दर रचना मन प्रफुल्लित हुवा प्रभु ....सभी लाईन एक से बढ़ कर एक है सभी में जनसन्देश है

अलबेला खत्री तो कुछ भी लिखता है
लगता इसकी मति गई मारी बाबाजी.......  कुछ भी लिखने  का मतलब.....आत्मा की आवाज उतरती है मति तो उनकी मारी  गई है

बहुत बहुत बधाई अलबेला जी

Comment by Albela Khatri on July 22, 2012 at 8:24am

बाबा लोगों के ख़ूब मज़े हैं वीनस जी,
एक बार बाबाजी बन जाओ
फिर कुछ करने की ज़रूरत नहीं ...हा हा हा

__आपकी टिप्पणी सर आँखों पर..........

Comment by वीनस केसरी on July 22, 2012 at 1:46am

आपके बाबाजी का होते रहना मुझे भी बाबामय कर गया ...
इसका परिणाम जल्द ही दिख सकता है
जय हो .....

Comment by Albela Khatri on July 21, 2012 at 8:28pm

बहुत बहुत धन्यवाद अविनाश जी
सादर

Comment by Albela Khatri on July 21, 2012 at 7:20pm

धन्यवाद आदरणीय राज जी
सादर

Comment by Albela Khatri on July 21, 2012 at 6:45pm

आपका स्नेह सर आँखों पर संदीप जी
सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
2 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service