For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हम भी कारोबार करें

मिल कर आँखे चार करें
आजा रानी, प्यार करें

जग पर तम गहराया है
भेद इसे, उजियार करें

कैसे  कैसे लोग  यहाँ           
छुपछुप  पापाचार करें

नया पैंतरा दिल्ली का
भोजन का अधिकार करें

लीडर तेरा क्या होगा
वोटर जब यलगार करें

चलो यहाँ से  'अलबेला'
हम भी  कारोबार  करें

-अलबेला खत्री
मौलिक / अप्रकाशित

Views: 765

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on April 9, 2014 at 9:40am

एक अविश्वसनीय समाचार फेस बुक पर सुन के दिल दहल गया कि अलबेला जी आकस्मिक हम सब को छोड़ चले। … क्या हुआ कैसे हुआ अभी तक कोई ठीक खबर नहीं एक नेक इंसान प्यारा दोस्त दुनिया में हँसते हंसाते सब को विदा हो गया ??? हम सब की श्रद्धांजलि प्रभु उनकी आत्मा को शांति दे और घर परिवार को ये दुःख सहने की शक्ति। ।
भ्रमर ५

Comment by Albela Khatri on August 27, 2013 at 11:13pm

आपका  अन्दाज़  भी गज़ब का है आदरणीय विजय मिश्र जी, आपकी सराहना  ने प्रफुल्लित कर दिया .  
आभारी हूँ 

Comment by Albela Khatri on August 27, 2013 at 11:11pm

आपका  स्नेहसिक्त समर्थन पा कर  रचनाकार धन्य हुआ आदर्य अन्नपूर्णा जी, आभारी हूँ 

Comment by annapurna bajpai on August 27, 2013 at 10:40pm

आ० अलबेला जी आपके नाम की तरह ही आपकी रचना भी है , बहुत खूब , आपको हार्दिक बधाई । 

Comment by विजय मिश्र on August 27, 2013 at 5:41pm
वाह ! क्या खूब बात कही ! बारिशों का मौसम है |सबकुछ अति पर है ,सम्भवतः कारोबारियों का व्यापर भी . प्यारा सा तंज भा गया अलबेलाजी .
Comment by Albela Khatri on August 27, 2013 at 12:59pm

आभारी हूँ आदरणीय शिज्जू जी
धन्यवाद


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on August 27, 2013 at 12:46pm

//नया पैंतरा दिल्ली का 
भोजन का अधिकार करें

लीडर तेरा क्या होगा 
वोटर जब यलगार करें//  वाह आदरणीय अलबेला जी बहुत खूब इस बेहतरीन रचना के लिये दाद कुबूल करें

Comment by Albela Khatri on August 27, 2013 at 11:14am

इस प्यारी  सराहना  के लिए आपका धन्यवाद  बन्धुवर  अरुन शर्मा अनंत जी,

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 27, 2013 at 11:13am

वाह सर वाह गज़ब की प्रस्तुति है मजा आ गया हार्दिक बधाई स्वीकारें.

Comment by Albela Khatri on August 27, 2013 at 11:12am

शुक्रिया  आशीष श्रीवास्तव जी,  सराहना  के लिए धन्यवाद

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service