For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Dr.Prachi Singh's Blog – March 2017 Archive (4)

मन में रोंपा है हमने तो केवल केसर ..... नवगीत //प्राची

सौंधा-सौंधा

चहका-चहका

मन में रोंपा है हमने तो

केवल केसर...



बन फुहार कुछ तुम भी बरसो

ख़ुद को आज तरल होने दो,

उहापोह अब छोड़ो सारी

ख़ुद को ज़रा सरल होने दो,



गुमसुम पल बस प्यार भरी इक

आहट से ही खिल जाएँगे,

प्रश्न सदा जो रहे निरुत्तर

उनके भी हल मिल जाएँगे,



कठिन कहाँ है

मन को छूना ?

छू लोगे तो, रंग न छूटेगा

जीवन भर...



सूखा भावों का दरिया तो

जीवन होगा मरुधर जैसा,

फिर बबूल औ' नगफनी… Continue

Added by Dr.Prachi Singh on March 29, 2017 at 3:00pm — 3 Comments

किसे ये सब समझाऊँ .... स्त्री की ज़िंदगी का एक पहलू // डॉ० प्राची

रात सिसकती सुबह सुलगती, है जीवन का लेख

दर्द भरा सागर आँखों में, कौन सका है देख ?

कहाँ मैं अश्रु बहाऊँ ?

किसे मैं व्यथा सुनाऊँ ?



बेटी थी जिस घर की उसने छीन लिए अधिकार

हक़ माँगा तो रिश्तों में पहुँचेगी बड़ी दरार !

क्या बोलूँ ? किससे बोलूँ ? समझेगा मुझको कौन ?

अपने हक़ की बात करूँ या रह जाऊँ फिर मौन ?

कौन सा क़दम उठाऊँ ?

कभी ये समझ न पाऊँ !!!



कठपुतली सा नाच नचाती है मुझको ससुराल

घर की लक्ष्मी का दासी से भी बद्तर है हाल,

जितना… Continue

Added by Dr.Prachi Singh on March 7, 2017 at 9:00am — 12 Comments

हिस्सेदारी आज हमारी बिल्कुल सेम टु सेम .....अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष /डॉ० प्राची

नया रंग, तस्वीर नयी है, आज नया है फ़्रेम

हिस्सेदारी आज हमारी बिल्कुल सेम टु सेम



बड़े-बड़े कामों को झटपट देती हूँ अंजाम

अपनी क़ाबिलियत से मैं छूती हूँ नये मुक़ाम,

सैटेलाइट लाउंचिंग हो या हो अंतरिक्ष अभियान

फ़ाइटर जैट पायलट हो या हो दंगल का मैदान,



जीवन के हर इक पहलू में आज कमाया नेम

हिस्सेदारी...



मैं सूरज से आँख मिला कर जब करती हूँ बात

हर डर को, हर बंधन को तब-तब देती हूँ मात,

जब आवाज़ उठा कर पाया ख़ुद अपना सम्मान

सच्ची… Continue

Added by Dr.Prachi Singh on March 6, 2017 at 12:21pm — 9 Comments

Monthly Archives

2022

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

1999

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
10 hours ago
Admin posted discussions
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"बंधुवर सुशील सरना, नमस्कार! 'श्याम' के दोहराव से बचा सकता था, शेष कहूँ तो भाव-प्रकाशन की…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
yesterday
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बंधु, लघु कविता सूक्ष्म काव्य विवरण नहीं, सूत्र काव्य होता है, उदाहरण दूँ तो कह सकता हूँ, रचनाकार…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Dharmendra Kumar Yadav's blog post ममता का मर्म
"बंधु, नमस्कार, रचना का स्वरूप जान कर ही काव्य का मूल्यांकन , भाव-शिल्प की दृष्टिकोण से सम्भव है,…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"अच्छे दोहे हुए हैं, आदरणीय सरना साहब, बधाई ! किन्तु दोहा-छंद मात्र कलों ( त्रिकल द्विकल आदि का…"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service