For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

March 2012 Blog Posts (129)

बहुत जरूरी है|

पिछली बातों को दुहराना बहुत जरूरी है|

कल को सब बातें बतलाना बहुत जरूरी है|

बहुत जरूरी है अपनी सब भूलों को लिखते जाना,

आशाओं के दीप जलाना बहुत जरूरी है|…

Continue

Added by मनोज कुमार सिंह 'मयंक' on March 11, 2012 at 6:33pm — 11 Comments

सनम मैं क्या लिखूं.....

सनम मैं क्या लिखूँ .............

नयनों से बहते हुए नीर को,

या दिल में चुभते तीर को.

दिखे चेहरा तेरा जिसमे, उस दर्पण को,

या, प्यार में सब कुछ समर्पण को .

या फिर लिखें अपनी फूटी तकदीर को.

नयनों से बहते हुए नीर को,

या दिल में चुभते हुए तीर को.

सनम मैं क्या लिखूँ .............



लिखूँ तुम्हारे रेशमी बालों को,

या उनमे उलझे सारे सवालों को.

लिखूँ अपने दिल की पुकार को,

या तुम जैसे संगदिल यार को.

बंध गई जिसमे मुहब्बत, लिखूँ उस…

Continue

Added by praveen singh "sagar" on March 11, 2012 at 4:00pm — 10 Comments

"पहाड़ी नदी"

मैं पहाड़ी नदी हूँ…

उसी स्वामी के अस्तित्व से उद्भूत होती

उसी का सीना चीरती, काटती

अपने गंतव्य का पथ बनाती

विच्छिन्न करती प्रस्तरों-शिलाओं को

विखंडनों को भी चाक करती…

Continue

Added by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 11, 2012 at 2:32pm — 17 Comments

साहिल पॆ जिसनॆ मुझकॊ,,,,,,,

साहिल पॆ जिसनॆ मुझकॊ,,,,,,,

---------------------------------

आँचल हया का सर सॆ सरकनॆ नहीं दिया ॥

चॆहरॆ पॆ दिल का ग़म भी झलकनॆ नहीं दिया ॥

 

तॆबर अना कॆ, उनकॆ, कभी ख़म नहीं हुयॆ,…

Continue

Added by कवि - राज बुन्दॆली on March 11, 2012 at 1:42am — 15 Comments

भरोसा

दिल की धडकनों को महसूस करके देखो.

कुछ देर मेरे साथ चल के देखो.

तुम्हारे सारे ग़म में अपने सीने में छुपा लुंगी.…

Continue

Added by Monika Jain on March 11, 2012 at 12:30am — 6 Comments

हम बेघर भले

कौन कहता है जन्नत इसे,

हम से पूछो जो घर में फंसे।

न हिफाजत, न इज्जत मिली,

कर- कर कुर्बानी हम मर गए।

दुश्मनों की जरूरत किसे,

जुल्म अपनों ने ही हम पे किए।

हमने हर शै संवारी मगर,

खुद हम बदरंग होते गए।

अपने हाथों बनाया जिन्हें,

हाथ उनके ही हम पर उठे।

घर के अंदर भी गर मिटना है,

तो संभालों ये घर, हम…

Continue

Added by Harish Bhatt on March 10, 2012 at 1:44pm — 5 Comments

मांग मत अधिकार अपना

मांग मत अधिकार अपना, ये अनैतिक कर्म है,
ठेस लगती है, हुकूमत का बहुत दिल नर्म है.
 
हक हमारा कुछ नहीं, पुरखे हमारे लापता,
हर तरक्की के लिए, बस 'द्रष्टि उनकी' मर्म है.
 
सैर को आये कभी जब, मान उपवन गाँव को,
खेत सूखे देख कर, गर्दन झुकी है, शर्म है.
 
कह दिया गर, 'भूख से हम मर रहे है ऐ खुदा!'
ज्ञान मिलता, सब्र और विश्वास रखना धर्म…
Continue

Added by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' on March 10, 2012 at 11:00am — 25 Comments

हर दिल अज़ीज़....

हर दिल अज़ीज़....

रिश्तों को निभा लेने की जिसमे तमीज है,
यकीन मानिये   वो ,   हर-दिल- अज़ीज़ है.
#
ठहरा रहे जमीं को, क्योंकर कुसूरवार,
पौधे  वही  उगेंगे,  बोये  जो  बीज है!
#
उनको दवा न दीजिये,आँखों क़े मर्ज़ की,
नज़रें   चुरा  रहें  वो, दिल क़े मरीज़ हैं.
#
पत्थर सा सख्त चेहरा,रखते हैं जो यहाँ,
दो  घडी  में  पर  वो,  जाते  पसीज…
Continue

Added by AVINASH S BAGDE on March 10, 2012 at 10:51am — 14 Comments

तेरे साथ की जरुरत है

तन की नक्काशी कही धोखा ना देदे

मन से पुकारे की एक आवाज की जरुरत है

साथ तेरे चलने से जले या ना जले दुनिया

पर क़यामत तक चले की तेरे साथ की जरुरत है

 

 

झुर्रियाँ बाल सफ़ेद

सब उम्र के फरेब

तन…

Continue

Added by shashiprakash saini on March 10, 2012 at 2:00am — 7 Comments

"समर्पण"



मुझे दुनिया नहीं, मुझे तुम्हारा साथ चाहिए.

जीवन पथ पर तुम्हारा स्नेह चाहिए .

प्रेम की पराकाष्ठ में ही नहीं,

कंटीले पथ पर भी तुम्हारी बाँहें…

Continue

Added by Monika Jain on March 10, 2012 at 1:00am — 2 Comments

होली की शुभकामनाएं... (अनुष्टुप)

बज उठे नगाड़े हैं, फाग फगुन गा रहा |

सज गया पलासों से, कानन इठला रहा ||

 

रस भरे नज़ारे हैं, फूल महकते सभी,

भँवरे अकुलाए हैं, बाग उन्हें बुला रहा ||

 

गगन में गुलालों का, इंद्रधनुष भी खिला,

कारवां खुशहाली का, मंगलमय छा रहा ||

 

रंग बिरंग राहें भी, भूल बैर गले मिलीं,

भोर मगन वीणा ले, गीत गुनगुना रहा ||

 

मन मयूर नाचे है, झूम कर बसंत सा,

हबीब मस्त नैनों से, रंग है बरसा रहा…

Continue

Added by Sanjay Mishra 'Habib' on March 9, 2012 at 2:24pm — 7 Comments

होली मुबारक

बरसा है रंगों का सावन , धरती के आँगन में.
अब ना होगा काँटा , होगा गुल ही गुल गुलशन में.
मैल दिलों का धुल जाते हैं , होते सब खुशहाल.
ये है होली का मस्त धमाल .
OBO परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभ कामनाएं
                                      -------- सतीश मापतपुरी…
Continue

Added by satish mapatpuri on March 9, 2012 at 12:40pm — 2 Comments

रिश्ते

जो हमारे साथ होते हैं,

हम उनके होकर भी,
उनके साथ नहीं होते...
जरा किस्मत तो देखिये....
हम जिनके होते है,
वो हमारे साथ होकर भी,
हमारे साथ नहीं होते....
रिश्तो की समझ तो,
हमारी अपनी सोच, 
से परे है...
यह बिलकुल सिक्को की,
खनक से होते है...
आवाज़ तो  नजदीकियों  की 
होती है,
एहसास में नजदीकियां नहीं 
होती…
Continue

Added by Yogyata Mishra on March 9, 2012 at 11:16am — 6 Comments


सदस्य कार्यकारिणी
मोहब्बत की खातिर

वो टूटा फिर से सितारा मोहब्बत की खातिर 

देख लो तुम भी नजारा मोहब्बत की खातिर 

आ जाओ तसव्वुर में घडी दो घडी 

ये वक़्त न मिलेगा दुबारा मोहब्बत की खातिर 

लोग तो इश्क में जीवन ही लुटा देते हैं 

दे  दो  बाँहों का सहारा मोहब्बत की खातिर

छूट गई है मेरे हाथों से पतंग की डोर

थाम लो इसका किनारा मोहब्बत की खातिर

खुशियों की ये दौलत मुझसे छीन ना लेना

ग़ुरबत में जीवन है…

Continue

Added by rajesh kumari on March 9, 2012 at 9:17am — 9 Comments

मेरा डर

जीता हूँ हर पल इस दुनिया में मगर 

डरता हूँ इस दुनिया से ,यह मुझे गुमनाम न बना दे 

लड़ता हूँ हर पल एक जंग सी खुद से
खो देता हूँ  सपनों के पूरा होने की आस 
टूट सा जाता है विश्वास खुद से 
सजाये थे जो ख्यालों के जो आशियाने 
उम्मीदों के बनाये थे जो शामियाने 
जैसे एक बवंडर सा आया और सब तबाह कर गया 
रह गयी तोह बस वोह नीव जिस पर सब टिका था 
कभी खुद की नज़रों का तारा था…
Continue

Added by Rohit Dubey "योद्धा " on March 9, 2012 at 1:53am — 5 Comments

होली नहीं तो क्या मज़ा!

जिंदगानी में अगर होली, नहीं तो क्या मज़ा.

गर नशे में भाँग की गोली, नहीं तो क्या मज़ा.

मानता त्यौहार हूँ, है भजन पूजन का दिन,

पर वोदका की बोतलें खोली, नहीं तो क्या मज़ा.

टेसुओं गुलमोहरो के रंग से मत रंगिये,

दो बदन में कीचड़ें घोली, नहीं तो क्या मज़ा.

छुप के गुब्बारे भरे, रंग फेकते बच्चे यहाँ!

खुल के रंगी चुनरे-चोली, नहीं तो क्या मज़ा.

रोकने से रुक गए क्योँ हाथ तेरे रंग भर,

भाभीयो ने गालियाँ तोली, नहीं तो क्या…

Continue

Added by राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी' on March 8, 2012 at 10:41pm — 6 Comments

होली एक रूप

 

गुरु गोविन्द   द्वारे  खड़े सबके  लागों पायं

स्वागत प्रभु आप  का  ई लेओं  भांग  लगाये.

 

 

बूढ़ा तोता बोले राम राम भंग पी अब बौराया है

बीत गया मधुर मास खेलो होली  फागुन आया है.

 

 

भांग नशा नहीं औषधि है प्रयोग बड़ा है  गुणकारी

पहले इसको अन्दर…

Continue

Added by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 8, 2012 at 9:09pm — 4 Comments

प्यार ( कविता )

तुझे पा लूं
बाहों में भरकर चूम लूं
है यह तो वासना |


प्यार कब…
Continue

Added by dilbag virk on March 8, 2012 at 8:00pm — 4 Comments

फगुनाई गज़ल

फागुन बुला रहा मन खोले

मितवा आज किसी का होले

बौराई आमों की डालें

कोयल कुहू कुहू स्वर बोले

झूम रही खेतों में सरसों

हवा चल रही हौले…

Continue

Added by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on March 8, 2012 at 8:00pm — 3 Comments

होली की मस्ती

बिना भंग की मस्ती छाई रे....   होली आई रे

आओ सारे लोग-लुगाई रे.....      होली आई रे

होली आई होली आई होली आई रे.....होली आई रे

 

 

सपा के सर पे ताज आज…

Continue

Added by Dr.Brijesh Kumar Tripathi on March 8, 2012 at 3:00pm — 1 Comment

Monthly Archives

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

2011

2010

1999

1970

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
14 hours ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"ठीक है "
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"शुक्रिया आ सादर हम जिसे अपना लहू लख़्त-ए-जिगर कहते थे सबसे पहले तो उसी हाथ में खंज़र निकला …"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"लख़्त ए जिगर अपने बच्चे के लिए इस्तेमाल किया जाता है  यहाँ सनम शब्द हटा दें "
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service