For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

होली की शुभकामनाएं... (अनुष्टुप)

बज उठे नगाड़े हैं, फाग फगुन गा रहा |

सज गया पलासों से, कानन इठला रहा ||

 

रस भरे नज़ारे हैं, फूल महकते सभी,

भँवरे अकुलाए हैं, बाग उन्हें बुला रहा ||

 

गगन में गुलालों का, इंद्रधनुष भी खिला,

कारवां खुशहाली का, मंगलमय छा रहा ||

 

रंग बिरंग राहें भी, भूल बैर गले मिलीं,

भोर मगन वीणा ले, गीत गुनगुना रहा ||

 

मन मयूर नाचे है, झूम कर बसंत सा,

हबीब मस्त नैनों से, रंग है बरसा रहा ||

_____________________________

होली की सादर बधाईयां....

Views: 511

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on March 12, 2012 at 5:02pm

सर्वादरनीय प्रदीप कुमार जी, राजेश कुमारी जी, वाहिद भाई, अभिनव भाई... उत्साह वर्धन के लिए सादर आभार.

स्नेह बना रहे. सादर...

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on March 12, 2012 at 5:00pm

सादर आभार सौरभ बड़े भईया... निवेदन कि आपका मार्गदर्शन अनुज को मिलता रहे...

सादर.

Comment by Abhinav Arun on March 11, 2012 at 3:59pm

क्या कहने श्री हबीब जी वाह प्रकृति और फागुन का अदभुत समन्वय !!

Comment by संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी' on March 10, 2012 at 7:20pm

मन मयूर नाचे है, झूम कर बसंत सा,

हबीब मस्त नैनों से, रंग है बरसा रहा

आदरणीय हबीब जी,

होली के अवसर पर लाजवाब प्रस्तुति| बधाई स्वीकार करें|


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 9, 2012 at 5:41pm

वाह हबीब जी बेहतरीन अनुष्टुप 

गगन में गुलालों का, इंद्रधनुष भी खिला,

कारवां खुशहाली का, मंगलमय छा रहा ||

 vaah...


Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 9, 2012 at 4:32pm

sundar prastuti, badhai, shubh holi.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 9, 2012 at 2:47pm

छंद सभी निराले हैं, शिल्प-कथ्य सधे हुए   

संजय जो सुनाते हैं,  लगे, फागुन गा रहा ॥

बहुत-बहुत बधाई व होली की शुभकामनाएँ, संजय ’हबीब’ जी.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service