(फऊलन -फऊलन -फऊलन -फऊलन)
मेरे प्यार का शम्स ढलने से पहले |
कोई आ गया दम निकलने से पहले |
बहुत होगी रुसवाई यह सोच लेना
रहे इश्क़ में साथ चलने से पहले |
तेरे ही चमन के हैं यह फूल माली
कहाँ तू ने सोचा मसलने से पहले|
कहे सच हर इक आइना सोच लेना
बुढ़ापे में इसको बदलने से पहले |
ख़यालों में आ जाओ कटती नहीं शब
मिले चैन दिल को मचलने से पहले |
अज़ल से है उल्फ़त का दुश्मन ज़माना
लगाए यह ठोकर संभलने से पहले |
है शतरंज का खेल तस्दीक़ उल्फ़त
न दिल की तू सुन चाल चलने से पहले |
(मौलिक व अप्रकाशित )
Comment
आदरणीय Tasdiq Ahmed Khan साहब , सुंदर गजल है । हार्दिक बधाई ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online