For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैंने तन्हाई को भी पाला है। गजल

बह्र:- 2122-1212-22

जिसके तलवे में निकला छाला है।।
घर उसी हौसले ने पाला है।।।

पहले टूटा तिरा वही रिश्ता।
नौ महीने जिसे सभाला है।।

बाद मुद्दत के आज लौटी हो।
मौत कितना तुम्हे खंगाला है।।

मुश्क!.. ये ऐतबार देती है।
दिल नही जी जेहन भीआला है।।

साथ मेरे ही लौट आती है।
मैंने तन्हाई को भी पाला है।।

अप्रकाशित/ मौलिक
आमोद बिन्दौरी

Views: 634

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 7, 2017 at 1:09pm

आदरनीय आमोद भाई , अच्छी गज़ल कही है , हार्दिक बधाइयाँ । 

Comment by amod shrivastav (bindouri) on March 7, 2017 at 12:20pm
आ मोहम्मद आरिफ साहब , आ महेंद्र कुमार साहब जी ,
आ ब्रज कुमार ब्रज साहब जी
आ सुरेन्द्र नाथ सर जी
हौसला आफजाई का बहुत बहुत शुक्रिया
कृपया
अपना प्यार , आशीर्वाद ,मार्गदर्शन देते रहें
Comment by Mahendra Kumar on March 5, 2017 at 1:13pm
बढ़िया ग़ज़ल है आदरणीय आमोद जी। हार्दिक बधाई। सादर।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 5, 2017 at 7:53am
बहुत ही शानदार ग़ज़ल हुई अदरणीय
Comment by Mohammed Arif on March 4, 2017 at 2:43pm
आदरणीय अमोद जी आदाब, बहुत ही उम्दा ग़ज़ल । बधाई !
Comment by नाथ सोनांचली on March 4, 2017 at 6:12am
आद0 आमोद श्रीवास्तव जी सादर अभिवादन। उम्दा गजल के लिए बधाई।
Comment by amod shrivastav (bindouri) on March 3, 2017 at 10:04am
जी सर कनफुज हो गया था
शुक्रिया सर मार्गदर्शन के लिए

मतला पुनः
जिसके तलवे में निकला छाला है।।।
घर उसी हौसले ने पाला है।।।।।

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on March 3, 2017 at 9:49am

"तलवों"=बहुवचन

"छाला"= एकवचन 

मतले में वचन दोष आ रहा है भाई आमोद श्रीवास्तव जी. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
8 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service