For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओ बी ओ की तीसरी वर्षगाठं पर - दोहे -लक्ष्मण लडीवाला

मुझे आज ही ज्ञात हुआ की 1 अप्रैल 2013 को ओबीओ की

तीसरी वर्ष गाँठ है। तीन वर्षो में इस मंच ने मुझ जैसे सैकड़ों लेखको को तैयार किया

है | इस अवसर पर दोहों के रूप में सभी सदस्यों में सहर्ष पुष्प समर्पित है ।-

 

बढे साथ का हाथ 

 

वर्षगाँठ है तीसरी,  ओ बी ओ की  आज,

मन की कलियाँ खिल उठीं,देख ख़ुशी का राज

 

खुशबू यह फैला रहा, सौरभ है चहुँ ओर,

ई-पत्रण के मंच पर,ओ बी ओ सिरमौर । 

 

ऋतु बसंत के मध्य ही, बागी लाये साज,

योगराज के यत्न से, नित सजता यह काज । 

 

सब ओ बी ओ में मिले, इक दूजे के संग,

हर दिल में खिलते यहाँ,  प्रेम प्रीत के रंग । 

 

काव्य विधा सब सीखते,विज्ञजनों के संग,

प्रेम और सहयोग से, होता नित सत्संग । 

 

काव्य विधा के पारखी, गजल पढ़े सब साथ,

छंद रचें मनभावना, बढे साथ का हाथ । 

 

दूर देश से जुड़ रहे, नित बढ़ता आकार,

रखते ध्यान संस्कृति का, रचें सभी रसधार । 

 

- लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर 

 

Views: 752

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 1, 2013 at 9:21pm

ओबीओ के प्रादुर्भाव दिवस पर लिखी गयी इस बहुत सुन्दर दोहावली के लिए हार्दिक साधुवाद आदरणीय लक्ष्मण जी.

Comment by ram shiromani pathak on April 1, 2013 at 4:39pm

आदरणीय लक्ष्मण सर ओ बी ओ की तीसरी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर उत्तम दोहे रचे हैं,

आपको बहुत

बहुत बधाई

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 1, 2013 at 2:37pm

आदरणीय लक्षमण सर जी सादर प्रणाम
बहुत ही सुंदर दोहे रचे हैं आपने साधुवाद सर जी
साथ ही साथ आपको भी बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ प्रेषित हैं अनुज की ओर से सादर
स्नेह यूँ ही मंच पर बना रहे
सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 1, 2013 at 1:50pm

आदरणीय लक्ष्मण सर ओ बी ओ की तीसरी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर उत्तम दोहे रचे हैं, आदरणीय योगराज सर, आदरणीय सौरभ सर एवं आदरणीय भ्राताश्री बागी जी के नाम का सुन्दर उपयोग और मंच के प्रति उनकी निष्ठा एवं अथाह प्रेम का सुन्दर उदाहरण, हार्दिक बधाई स्वीकारें.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 1, 2013 at 10:48am

हर सदस्य को है नमन, सबसे मिलकर मंच 

भाषा का हित लक्ष्य हो, तज निज द्वेष-प्रपंच .. .

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी.. .

आपके विशिष्ट दोहों के लिए आपको बधाइयाँ तथा ओबीओ के प्रादुर्भाव दिवस की अनेकानेक शुभकामनाएँ .. .

शुभ-शुभ

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 1, 2013 at 8:17am

काव्य विधा सब सीखते,विज्ञजनों के संग,

प्रेम और सहयोग से, होता नित सत्संग ।........... वाह ! सौ फीसदी सही.

 आदरणीय लड़ीवाला साहब सादर प्रणाम, आपको भी मंच की सफल तीसरी वर्षगाँठ पर सहयोगी बनने के लिए हार्दिक बधाई. मंच संचालक मंडल और सभी सदस्यों को ओ बी ओ की तीसरी वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई.

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 1, 2013 at 6:09am

सुन्दर दोहे और ओ बी ओ की वर्ष गाँठ पर शुभकामनाएँ !

Comment by vijay nikore on April 1, 2013 at 3:12am

दोहों के लिए और जन्मदिन के लिए बधाई।

सादर,

विजय निकोर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by sharadindu mukerji on April 1, 2013 at 1:58am

आदरणीय श्री लक्ष्मण जी, ओ.बी.ओ. की आत्मा को शब्दों की भाषा देने में आप सफल हुए हैं. आपकी उपरोक्त पंक्तियों के लिये तथा ओ.बी.ओ. के एक भाई सदस्य के नाते इस मंच के जन्मदिन की हार्दिक बधाई स्वीकार करें.

Comment by coontee mukerji on April 1, 2013 at 12:42am

लक्ष्मण जी आपके सुंदर दोहे बड़े अच्छे लगे . खुशी हुई जानकर कि 1अप्रेल को ओ ब ओ  की 3री वर्षगाँठ  है. आपको बहुत

बहुत बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
16 hours ago
Admin posted discussions
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"बंधुवर सुशील सरना, नमस्कार! 'श्याम' के दोहराव से बचा सकता था, शेष कहूँ तो भाव-प्रकाशन की…"
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
Monday
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बंधु, लघु कविता सूक्ष्म काव्य विवरण नहीं, सूत्र काव्य होता है, उदाहरण दूँ तो कह सकता हूँ, रचनाकार…"
Monday
Chetan Prakash commented on Dharmendra Kumar Yadav's blog post ममता का मर्म
"बंधु, नमस्कार, रचना का स्वरूप जान कर ही काव्य का मूल्यांकन , भाव-शिल्प की दृष्टिकोण से सम्भव है,…"
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"अच्छे दोहे हुए हैं, आदरणीय सरना साहब, बधाई ! किन्तु दोहा-छंद मात्र कलों ( त्रिकल द्विकल आदि का…"
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service