For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (इबादतों में अक़ीदत की सर-कशी न मिला)

1212 - 1122 - 1212 - 112

इबादतों में अक़ीदत की सर-कशी न मिला  

महब्बतों में मेरे यार दुश्मनी न मिला

हवाओं में न कहीं अब ये ज़ह्र घुल जाए 

फ़ज़ा को साफ़ ही रहने दे शोरिशी न मिला 

कहीं नहीं है कोई ग़ैर दूर-दूर तलक

मगर क़रीब भी मुझको मेरा कोई न मिला 

सिहर उठा हूँ किया याद वक़्त वो जब जब

चिता को आग लगाने को आदमी न मिला 

मिले हैं यूँ तो हज़ारों हसीं ज़माने में

जिसे तलाशता रहता हूँ बस वही न मिला 

रहा था साथ मेरे उम्र भर जो साया बन

बिछड़ के फिर वो मुझे उम्र भर कभी न मिला 

कहाँ गये जो मुझे अपने ही से दिखते थे

'अमीर' कब से ज़माने में आदमी न मिला 

"मौलिक व अप्रकाशित"

अक़ीदत की सर-कशी - स्वेच्छारी आस्था,

शोरिशी - उपद्रव होने की अवस्था। 

Views: 614

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on May 10, 2022 at 1:48pm

मुहतरम समर कबीर साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का शुक्रिया। 'वो वक़्त याद किया... पर आपसे पूर्णतया सहमत हूँ, फ़ोन पर हुई चर्चा में आपके अनुमोदन से "सिहर उठा हूँ किया याद वक़्त वो जब जब" कर रहा हूँ। दुआओं का तालिब। 

Comment by Samar kabeer on May 9, 2022 at 8:08pm

जनाब अमीरूद्दीन 'अमीर' जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें I 

'वो वक़्त याद किया ख़ुद सिहर उठा मैं जब'-- मुझे इस मिसरे का वाक्य विन्यास ठीक नहीं लगा, उचित लगे तो यों कर सकते हैं :-

'वो वक़्त याद किया जब सिहर उठा था मैं "

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on May 9, 2022 at 1:02pm

आदरणीय दयाराम मेठाणी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।

Comment by Dayaram Methani on May 9, 2022 at 12:49pm

आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, बहुत अच्छी एवं संदेश परक गज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें। गज़ल का मुखड़ा ही बहुत सुंदर संदेश दे रहा है —
इबादतों में अक़ीदत की सर-कशी न मिला
महब्बतों में मेरे यार दुश्मनी न मिला

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on May 6, 2022 at 9:01pm

आदरणीय सुशील सरना जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन हेतु आभार। सादर।

Comment by Sushil Sarna on May 6, 2022 at 8:30pm
वाहहहहहह आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, बहुत ही खूबसूरत गजल बनी है । दिल से मुबारक कबूल फरमाएं ।
Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on May 6, 2022 at 2:10pm

मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का शुक्रिया। जी, ज़ह्र को भूलवश 12 पर लिया गया है ध्यान दिलाने के लिए शुक्रिया, मिसरे को कृपया यूँ पढ़ा जाए -

"हवाओं में न कहीं अब ये ज़ह्र घुल जाए"  सादर। 

Comment by Rachna Bhatia on May 6, 2022 at 11:46am

आदरणीय अमीरुद्दीन "अमीर" जी अच्छी ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार करें। आदरणीय ज़ह्र का वज़्न क्या लिया है।

सादर।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on May 6, 2022 at 8:25am

आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का शुक्रिया। सादर।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 5, 2022 at 1:38pm

आ. भाई अमीरूद्दीन जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
35 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
38 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
46 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
46 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
47 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
48 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
50 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
52 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। तेरे चेहरे पे शर्म सा क्या…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service