आदरणीय साथिओ,
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आपका भी स्वागत है आदरणीय गणेश बाग़ी जी ।
सुस्वागतम अभिनंदन आपका और सभी सहभागी सुधिजन का।
आप सभी का हार्दिक हार्दिक स्वागत है .
सभी साथियों का स्वागत और हार्दिक आभार।
ओ बी ओ लघुकथा गोष्ठी में आप सभी गुणीजनों का वंदन है।अभिनंदनों है ।
विदाई
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" मैंने शैलजा की स्वीकृति ले ली है । वह पूरी तरह से सहमत है ।" आनंद जी ने पत्नी को खुश होकर कहा ।
" क्या कहा ! ज़रा फिर से तो कहना , मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है । " शारदा देवी ने बड़े आश्चर्य से कहा ।
" यह सच है भाग्यवान । शैलजा ने हामी भर दी है ।"
" मुझसे भी अब उसका दु:ख देखा नहीं जाता । इसी दिन का इंतज़ार कर रही थीं । "
" हम शैलजा को बहू नहीं बेटी की तरह विदा करेंगे । आज से पाँच साल पहले हमारी बहू बनकर आई थी मगर ईश्वर को कुछ और ही मंज़ूर था । हमारा बेटा असमय ही काल का ग्रास बन गया और शैलजा तभी से घुट -घुट जी रही है । बहुत अच्छा हुआ जो शैलजा ने सही समय पर हामी भर दी । पिता समान ससुर का मान रख लिया । " कहते-कहते उनकी आँखों से आँसू छलक पड़े । इतने में आनंद जी के परम मित्र समाज सेवी और मानव अधिकार कार्यकर्ता नवीन प्रताप जी का आगमन हुआ ।
" क्यों भई ! किस बात को लेकर आँसू बहाए जा रहे हैं ?"
" आइए ! आइए ! नवीन भाई । आपने जो सलाह दी थी वो कारगर हो गई । बहू ने शादी के लिए हाँ कर दी है । मैंने लड़का तो पहले ही देख लिया था । उसके घर वाले भी राज़ी है ।"
" मैंने आपको कोई ग़लत सलाह नहीं दी थी आनंद जी । ज़माना तेज़ी बदल रहा है । पुराने समीकरणों को हम नहीं बदलेंगे तो फिर कौन बदलेगा ? जवान विधवाओं को भी जीने का अधिकार है ।"
" सच कहा आपने ।" आनंद जी ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा ।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।
विधवा विवाह के बदलते समीकरण पर बहुत बढ़िया रचना के साथ बेहतरीन विचारोत्तेजक व प्रेरक आग़ाज़ के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद और शुक्रिया मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब।
लघुकथा पर सटीक और सकारात्मक टिप्पणी से पोषित करने का हार्दिक आभार आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी ।
बिल्कुल सही ,आरिफ साहब। पुराने समीकरणों को हम नहीं बदलेंगे तो कौन बदलेगा।
बहुत अच्छी लघुकथा है ,बधाई
हार्दिक बधाई आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ साहब जी। गोष्ठी का शुभारंभ एक बेहतरीन लघुकथा से करने हेतु।आपने जो विषय चुना है वह मार्मिक भी है और समय की माँग भी है।यदि युवावस्था में स्त्री विधवा होती है तो इस तरह की पहल अति आवश्यक है।लाज़वाब प्रस्तुति।
हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी ।
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