For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

है ईश्वर तुल्य वो , जो अपने वतन पर मरने वाला है .......

बडा मंदिर न मस्जिद , न कोई गिरजा शिवाला है
न कोई अर्चना , पूजा बडी , अरदास , माला है
वतन सबसे बडा मंदिर , वतन सबसे बडी पूजा
है ईश्वर तुल्य वो , जो अपने वतन पर मरने वाला है ।

जो सच की पैरवी और झूठ का प्रतिकार करता है ,
मोहब्बत हो जिसे इंसानियत से और एतबार करता है
जरूरी है नहीं हर शख्स सरहद पर लडे जाकर ,
वही सच्चा सिपाही है , जो वतन से प्यार से करता है ।

न कोई आरजू , ख्वाहि श , न कोई शर्त रखते हैं ।
न बोझा कोई सीने पर , न सर पे कर्ज रखते है।
वतन पर मरने वाले होते है हमऔर आप जैसे ही
मगर हर हाल में आगे वो खुद से , फर्ज रखते हैं ।

मौलिक व अप्रकाशित
अजय कुमार शर्मा

Views: 568

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 28, 2015 at 7:20am

aadarneey ajay jee ,,is sunder rachna ke liye tahe dil badhaaaye ..rachna mein mmatrik kram ka jikra nahee hai ..saadar

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 27, 2015 at 11:50am

आ0  अजय भाई, खूबसूरत प्रस्तुति, बधाई .

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 27, 2015 at 11:13am
देश - प्रेम पर बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, बधाई आदरणीय अजय शर्मा जी, सादर।
Comment by khursheed khairadi on January 27, 2015 at 10:59am

वतन सबसे बडा मंदिर , वतन सबसे बडी पूजा
है ईश्वर तुल्य वो , जो अपने वतन पर मरने वाला है ।

आदरणीय अजय शरमा जी , बहुत दिनों बाद देशभक्ति की रचना पढ़ने को मिली है |सुन्दर भाव ''शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले '  किंतु आज तो केवल नेताओं के जन्मदिन पर ही मेले लगते है |काश हम शहीदों की शहादत को मान देना सीख जायें |सादर अभिनन्दन |

Comment by ajay sharma on January 26, 2015 at 10:37pm

republic day ki sabhi ko bahut bahut badhayian

Comment by kanta roy on January 26, 2015 at 10:37pm
" वतन सबसे बडा मंदिर ,
वतन सबसे बडी पूजा
है ईश्वर तुल्य वो ,
जो अपने वतन पर मरने वाला है ।".... देशप्रेम से ओत प्रोत बेहद सुंदर रचना । आभार

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 26, 2015 at 9:38pm

आदरणीय अजय जी इस सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई ....

Comment by Hari Prakash Dubey on January 26, 2015 at 6:44pm

आदरणीय अजय कुमार जी , खूबसूरत प्रस्तुति ,बधाई आपको !

Comment by somesh kumar on January 26, 2015 at 4:35pm

जो सच की पैरवी और झूठ का प्रतिकार करता है , 
मोहब्बत हो जिसे इंसानियत से और एतबार करता है 
जरूरी है नहीं हर शख्स सरहद पर लडे जाकर , 
वही सच्चा सिपाही है , जो वतन से प्यार से करता है ।

बहुत खूब कितनीं यथार्थ भरी बात कही आप ने ,देश प्रेम के लिए बड़े-बड़े कार्य नहीं छोटे-छोटे कार्य पूरी शिद्दत से करने चाहिएं |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185

परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 185 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुति पर आपसे मिली शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..  सादर"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ कर तरक्की जो सभा में बोलता है बाँध पाँवो को वही छिप रोकता है।। * देवता जिस को…See More
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Nov 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service