For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ की सालगिरह का तुहफ़ा"

2122 2122 212

.
देख साँसों में बसा है ओ बी ओ
मेरी क़िस्मत में लिखा है ओ बी ओ


कितने आए और कितने ही गए
शान से अब तक खड़ा है ओ बी ओ


बढ़ गई तौक़ीर मेरी और भी
तू मुझे जब से मिला है ओ बी ओ


हों वो 'बाग़ी' या कि भाई 'योगराज'
तू सभी का लाडला है ओ बी ओ

भाई 'सौरभ' शान से कहते यही
मेरे तो दिल की सदा है ओ बी ओ


सीखने वाले नये जितने भी हैं
तू सभी का आसरा है ओ बी ओ


है अदब में आप ये अपनी मिसाल
बेश क़ीमत बे बहा है ओ बी ओ


दिल से निकली है यही मेरे सदा
जान भी तुझ पर फ़िदा है ओ बी ओ


चाहता हूँ मैं तुझे दिल से अगर
क्या मेरी इस में ख़ता है ऒ बी ओ


देख लो दिल चीर कर मेरा 'समर'
शान से इसमें सजा है ओ बी ओ

.
'समर कबीर'
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1257

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on April 18, 2020 at 7:06pm

आदरणीय समर कबीर जी को सादर नमस्कार, आज काफी समय बाद ओ बी ओ से मुखातिब हूँ, वाह क्या कहने , दिल के जज्बातों को आपने षायरी में बाँध दिया, बहुत बहुत बधाई आपको 

Comment by Dr. Geeta Chaudhary on April 8, 2020 at 6:42pm

आदरणीय समर कबीर सर नमस्कार, मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपके भाई जल्दी ठीक हो जाए। सर हम सभी की दुआएं आपके साथ हैं।

Comment by Samar kabeer on April 8, 2020 at 3:19pm

दोस्तो आदाब,

इस समय मेरे छोटे भाई की तबीअत ठीक नहीं है,आप सबसे दुआ की दरख़्वास्त है,इसी कारण से इस ग़ज़ल पर आई टिप्पणियों का अलग अलग जवाब देने में असमर्थ हूँ, ग़ज़ल में शिर्कत के लिए आप सब का दिल से आभार प्रकट करता हूँ,और धन्यवाद देता हूँ,आप सबको ओबीओ की सालगिरह बहुत बहुत मुबारक हो ।

Comment by Dr. Geeta Chaudhary on April 7, 2020 at 11:39pm

आदरणीय समर कबीर सर, सुंदर प्रस्तुति, बिल्कुल सही कहा आपने बहुत ही अनोखा अनुभव इस मंच का।  खुशनसीबी आप जैसे विशेषज्ञों के सानिध्य में बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। हार्दिक आभार आपका, मंच का और संचालकों का। सभी को हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 7, 2020 at 9:01am

ओबीओ परिवार के सभी सदस्यों को ओबीओ की 10 वीं सालगिरह की ढेरों बधाई और शुभकामनाएँ ....

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on April 6, 2020 at 5:23pm

जनाब कबीर उस्ताद ए मुहतरम आदाब।  मेरी ख़ुशनसीबी है कि आपकी  ख़ूबसूरत ग़ज़ल शानदार उन्वान, लाजवाब बन्दिशे अल्फा़ज़ के साथ पढ़ने का शर्फ़ हासिल हुआ। शेअ'र दर शेअ'र न सिर्फ का़बिले दाद हैं बल्कि ओ बी ओ की दसवीं साल गिरह पर दस रंगीन अश'आ़र पर मुनहसिर आपकी ये तस्नीफ़ न सिर्फ हम सभी ओ बी ओ मेम्बरान, ओहदेेदारान के लिए बल्कि ओ बी ओ के लिये भी बतौर ए सनद हमेशा केे लिए महफ़ूज़ रहेगी। रब्बुल करीम हम सब की ज़िन्दगी में आपके इल्म की रौनक़े ज़िया और साया ए शफ़क़त हमेशा का़इम रक्खेे। ओ बी ओ के तमाम ओहदेेदारान मेम्बरान और आप को मेरी जानिब से तहे दिल से मुबारकबाद कु़बूल हो। फक़्त, सादर। 

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on April 5, 2020 at 9:16pm

आदरणीय समर कबीर साहेब एवं समस्त एडमिन्स को बहुत बहुत बधाई | निःसन्देह  ओ बी ओ नए लोगों के लिए मार्गदर्शक का काम कर रहा है ,उसकी कोई तुलना नहीं है | शानदार अशआर के लिए बधाई सर जी | 

Comment by Usha Awasthi on April 3, 2020 at 1:44pm
  • आदाब, इस खूबसूरत ग़ज़ल हेतु आपको हार्दिक बधाई एवं समस्त ओ बी ओ परिवार को सालगिरह की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ
Comment by रवि भसीन 'शाहिद' on April 3, 2020 at 11:27am

आदरणीय समर कबीर साहिब, सादर प्रणाम। आपने ओ बी ओ को दसवीं सालगिरह पर बेहद ख़ूबसूरत तुहफ़ा दिया है, और इस मंच से आपकी मुहब्बत अश'आर से स्पष्ट प्रकट हो रही है। आप जितने बा-कमाल शाइर हैं, उतने ही अच्छे उस्ताद भी हैं। आप को सलाम पेश करता हूँ।

आदरणीय गणेश जी "बागी" साहिब, आदरणीय योगराज प्रभाकर साहिब, आदरणीय सौरभ पाण्डेय साहिब, आदरणीय राणा प्रताप सिंह साहिब, आदरणीया डॉ प्राची सिंह साहिबा, और ओ बी ओ प्रबंधन टीम के सभी सदस्यों को सालगिरह की ढेरों मुबारकबाद। ओ बी ओ जैसा और कोई मंच है ही नहीं, क्यूँ कि यहाँ सिर्फ़ 'वाह वाह' नहीं होती। इस मंच पर बहुत अनुभवी और आलिम लोग हैं, और ये सीखने-सिखाने का मंच है। आप लोग साहित्य की बेश-क़ीमती धरोहर को संभाले हुए हैं, जिसके लिए आपकी जितनी सराहना की जाए वो कम पड़ेगी। आप सभी को सादर नमन।

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 2, 2020 at 11:52pm

सच बहुत ही मुँह लगा है ओ बी ओ

हाँ समर जी का नशा है ओ बी ओ

 

सच कहा है “देख लो दिल चीर कर”

हाँ लहू तक में रचा है ओ बी ओ

 

आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार, बहुत-बहुत मुबारकबाद कुबूल फरमाएं, ओ बी ओ का एक दशक पूर्ण होने की और इस अवसर पर आपके इस खुबसूरत तुहफे के लिए. अभी वह गजल भूल भी नहीं पायें हैं जब आपने अपनी एक गजल के शुरूआती अक्षर से ओ बी ओ का पूर्ण नाम लिखकर चौंका दिया था और अब ये. पुनः इस खूबसूरत गजल के लिए मुबारकबाद कुबूलें. सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
yesterday
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service