आदरणीय योगराज जी ...काश लोग ये मूर्खता पूर्ण काम छोड़ दें बेटियों जिनके बिना अस्तित्व ही संभव नहीं उनके प्रति ये .. ..सुन्दर सन्देश देती रचना ..जय श्री राधे
मित्रता-प्रस्ताव को गर्मजोशी से स्वीकार करने के लिए आभार योगराज प्रभाकर जी... ओपेन बुक्स ऑनलाइन पर आपसे जुड़कर प्रसन्नता हुई। यहां मेरी गतिविधियां अभी सीमित हैं। दरअसल यहां के तौर-तरीके मैं जज्ब नही कर सका हूं। आशा है आपलोगों के सहयोग-सहकार से गति बन जाएगी। सधन्यवाद मित्र...
मुहतरम उस्ताद योगराज जी मुझे OBO के मोबाइल वर्ज़न का लिंक दिखाई दिया, लगा के मैं ख्वाब तो नहीं देख रहा हूँ, क्लिक किया तो पाया के ये हक़ीक़त है, यह साइट मोबाइल पर बहुत फास्ट चल रही है, मेरे कई दोस्त तो OBO से इसीलिए नहीं जुड़ पा रहे थे, उनके मोबाइल की MEMORY ही जवाब दे देती थी। मोबाइल वर्ज़न बनाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
Shree,YograjRaj Ji "Prabhakar" Sahib,Aap Dvaraa Housala-Afzai Ke Liye Bahut-Bahut Dhanyvaad.Muaaph Karna,Kisi Shayar Ne Khoob Kahaa Hei :- Ab Itr Bhi Lagaaye To ,Muhabbat Ki Boo Nahi Aati |Vo Zamanaa Havaa Huaa Jab Paseenaa Gulaab Thaa.
"अभिराजअभी" मेरा ही (टाईटल) ए रचना मैंने ही भोजपुरीदुनिया.काम पर डाली है, openbooksonline.com , का मेंबर होने के नाते उसे दोबारा मैंने ,,ओबो,, पर वही रचना प्रदर्शित की ,अब फैसला आप को करना है, की एक ही आदमी की एक ही रचना दो साइड पर प्रदर्शित की जा सकती है की नहीं ,??????????/
आप का जो भी फैसला होगा OBO का मेंबर होने के नाते हमें मान्य है,
राह दिखाने वाला तुझे सत सत नमन हैं ,
आज आपको दू बधाई यैसा मेरा मन हैं ,
आप ने ही सुधारि मेरी हिंदी की चमन हैं ,
नाम मेरा गुरु मगर आपका शिष्य हम हैं ,
बारमबार बोलूं मुबारक ओ भी लगता कम हैं ,
जन्म दिन की लीजिये बधाई मेरे बड़े भाई ,
जुग जुग जिये आप और करते रहें भलाई ,
आओ दोस्तों एक साथ बोले आवाज मिलाकर ,
जन्म दिन मुबारक हो भैया योगराज प्रभाकर ,
प्रेम प्रेरणा प्रतिष्ठा, दिये सबको आदर,
दिल मे इक घर बनाये, मित्र प्रिय प्रभाकर,
मित्र प्रिय प्रभाकर जनम दिन आपका खाश,
सफल एवं दीर्घ हो जीवन आप छुवे आकाश,
जब तक संसार रहे कायम हो नेम व फेम,
मिले सदा स्नेह आपका मिलता रहे प्रेम ,
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
योगराज प्रभाकर's Comments
Comment Wall (85 comments)
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online
योगराज जी, 'मेट्रो' में छपी सुंदर रचना के लिए बहुत बहुत बधाई!!!
महामृत्युंजय सम, वंश के लिए जो बेटा,
उसी तरह कन्या भी, गायत्री का जाप है !
आदरणीय योगराज जी ...काश लोग ये मूर्खता पूर्ण काम छोड़ दें बेटियों जिनके बिना अस्तित्व ही संभव नहीं उनके प्रति ये .. ..सुन्दर सन्देश देती रचना ..जय श्री राधे
mitra banane hetu dhanyvad.
subhkamnayen
bahut bahut badhai
मित्रता-प्रस्ताव को गर्मजोशी से स्वीकार करने के लिए आभार योगराज प्रभाकर जी... ओपेन बुक्स ऑनलाइन पर आपसे जुड़कर प्रसन्नता हुई। यहां मेरी गतिविधियां अभी सीमित हैं। दरअसल यहां के तौर-तरीके मैं जज्ब नही कर सका हूं। आशा है आपलोगों के सहयोग-सहकार से गति बन जाएगी। सधन्यवाद मित्र...
http://www.openbooksonline.com/profiles/blog/list?user=2a1re9fb5h8hg
Dhanyawad ,
Sushant Jain 'Ankur'
योगराज प्रभाकर जी नमस्कार............
sir, I am much obelijed to u . many thanks
आज आपको दू बधाई यैसा मेरा मन हैं ,
आप ने ही सुधारि मेरी हिंदी की चमन हैं ,
नाम मेरा गुरु मगर आपका शिष्य हम हैं ,
बारमबार बोलूं मुबारक ओ भी लगता कम हैं ,
जन्म दिन की लीजिये बधाई मेरे बड़े भाई ,
जुग जुग जिये आप और करते रहें भलाई ,
आओ दोस्तों एक साथ बोले आवाज मिलाकर ,
जन्म दिन मुबारक हो भैया योगराज प्रभाकर ,
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
दिल मे इक घर बनाये, मित्र प्रिय प्रभाकर,
मित्र प्रिय प्रभाकर जनम दिन आपका खाश,
सफल एवं दीर्घ हो जीवन आप छुवे आकाश,
जब तक संसार रहे कायम हो नेम व फेम,
मिले सदा स्नेह आपका मिलता रहे प्रेम ,
Happy Birthday Yograj Sir,
Welcome to
Open Books Online
Sign Up
or Sign In
कृपया ध्यान दे...
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
6-Download OBO Android App Here
हिन्दी टाइप
देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...
साधन - 1
साधन - 2
Latest Blogs
दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
दोहा पंचक. . . . .
दोहा दशम. . . . रोटी
ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
कैसे खैर मनाएँ
दोहा पंचक. . . . .प्रेम
यह धर्म युद्ध है
कुंडलिया .... गौरैया
बनो सब मीत होली में -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
काश कहीं ऐसा हो जाता
दोहा पंचक. . .
आँख मिचौली
ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही )
दोहा पंचक. . . . .
ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( अदब की बज़्म का रुतबा गिरा नहीं सकता )
दोहा पंचक. . . . .नारी
ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( आप क्यूँ दूर दूर हैं हम से )
मेरे नाम की पाति
Latest Activity
दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि