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nemichandpuniyachandan
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  • pali{Raj.}
  • India
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nemichandpuniyachandan's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
pali,rajsthan
Native Place
pali
Profession
poet
About me
katron ka samandra

Nemichandpuniyachandan's Blog

Tarhee Mushaira-15

सर कल्म के वास्ते तैयार होना चाहिये।

इश्क है तो इश्क का इजहार होना चाहिये।।

जश्न में शामिल होने वाले दोस्तों

रंजो-गमों मे भी हमवार होना चाहिये।।

घोडा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या।

बिन निस्बतों-लिहाज व्यापार होना चाहिये।।

अन्ना की तमन्ना के मुताबिक मुल्क से।

नौ दौग्यारह भ्रष्टाचार होना चाहिये।।

ईमानदारों से सजा दरबार होना चाहिये।

बेईमान बिल्कुल दरकिनार होना चाहिये।।

वजन से ज्यादा किसी पे ना भार होना चाहिये।

सीधा सरल व्यवहार होना… Continue

Posted on September 28, 2011 at 11:08pm — 1 Comment

ग़ज़ल - अश्कों से चश्में-तर कर गया कोई

अश्कों से चश्में-तर कर गया कोई।
वीरान सारा शहर कर गया कोई।।

सारा जहाँ मुसाफिर है तो फिर क्या मलाल।
गर किनारा बीच सफर कर गया कोई।।

नावाकिफ थे जो राहे-खुलूस से।
उन्हें इल्म पेशे-नजर कर गया कोई।।

जिनकी जुबाँ से नफरत की बू आती थी।
उन्हें उलफत से मुअतर कर गया कोई।।

जिंदगी का सफर काटे नहीं कटता चंदन।
तन्हा जिसे हमसफर कर गया कोई।।

नेमीचंद पूनिया चंदन

Posted on August 1, 2011 at 5:00pm — 3 Comments

गजल-सोच समझकर कदम उठाना।

गजल-

सोच समझकर कदम उठाना।

कहीं ऐसा न हो पडे पछताना।।



यह दुनियां इतनी गोल है दोस्तों।

कोई न यहां अटल ठहराना।।



जिसने गम को खा लिया।

उसे क्या खाना औ खिलाना।।



जिनको कोई समझ नहीं हैं।

मुश्किल हैं उनको समझाना।।



हुक्म देना आसाँ होता हैं लेकिन।

मुश्किल हैं करना औ करवाना।।



अभी आज कल या बरसो बाद।

आखिर इक दिन सबको जाना।।



नसीब में लिखा ही मिलता हैं।

सबको यहां पे आबो-दाना।।



हम तो तेरे हो…

Continue

Posted on June 4, 2011 at 12:30pm

गजल-आंखों में उल्फत का अंजन लगाईए

गजल

आंखों में उल्फत का अंजन लगाईए।
टूटते हुए रिश्तों पे बंधन लगाईए।।


गर जज्बातो में नफरत की बू आये तो।
ऐसे सवालातों पे मंजन लगाईए।।


जब कभी जुल्मो-सितम हद से गुजर जाये।
तब अम्न के लिये जानो-तन लगाईए।।


लेने के बदले कुछ देना भी सिखिये।
हर जगह मुफ्त का ना चंदन लगाईए।।


जब रंजों-गम से दिल चंदन बेकरार हो जाये।
तब अंतस में धुन अलख निरंजन लगाईए।।

Posted on June 2, 2011 at 12:00pm — 3 Comments

Comment Wall (10 comments)

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At 9:06am on May 4, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय पुनिया साहिब, आपका आशीर्वाद आज के दिन मिला, मैं धन्य हुआ |
At 4:35pm on April 20, 2011, दिगंबर नासवा said…
Dhanyvaad ji ...
At 12:55am on April 11, 2011, Er. Ambarish Srivastava said…
AAPKA SWAGAT HAI MITRA.
At 11:34pm on April 3, 2011, वीनस केसरी said…
chandan ji bahut bahut dhanyvaad
At 2:25pm on March 8, 2011, Abhinav Arun said…
abhaar shri nemichand ji | sneh banaye rakhen |
At 12:20am on February 26, 2011,
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
said…
चन्दन साहब बहुत बहुत शुक्रिया|
At 8:43pm on November 23, 2010,
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
said…

At 8:38pm on November 22, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 6:37pm on November 22, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 5:45pm on November 22, 2010, Admin said…

 
 
 

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