For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोस्ती - लघुकथा -

दोस्ती - लघुकथा -

श्रद्धा एक मध्यम वर्गीय परिवार की मेधावी छात्रा थी।वह इस साल एम एस सी जीव विज्ञान की फ़ाइनल में थी। शिक्षा का उसका पिछला रिकार्ड श्रेष्ठतम था।इस बार भी उसका इरादा यूनीवर्सिटी में अब्बल आने का था।

मगर इंसान की मेहनत और इरादे से भी ऊपर एक चीज़ होती है भाग्य।जिस पर ईश्वर के अलावा किसी अन्य का जोर नहीं चलता। श्रद्धा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।

वह उस दिन क्लास रूम से बाहर निकल रही थी कि चक्कर खाकर गिर गयी।अफ़रा तफ़री मच गयी। सभी साथी सहपाठी चिंतित और परेशान हो गये।एक सहपाठी जो श्रद्धा का सबसे अच्छा मित्र था, तुरंत अपनी कार ले आया और उसे अस्पताल पहुंचाया।सारी सघन जाँच होने पर पता चला कि उसे सिर में कैंसर है लेकिन प्रथम स्टेज पर ही है।अतः विशेष चिंता का विषय नहीं था, फिर भी कैंसर नाम ही अपने आप में भयावह लगता है।

अगले ही दिन शल्य चिकित्सा कर दी गयी।

कुछ दिन बाद आवश्यक हिदायातें और दवाईयाँ देकर उसे घर भेज दिया।डाक्टरों ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह चाहे तो अपनी परीक्षा की तैयारी जारी रख सकती है।

लेकिन श्रद्धा कालेज जाने को तैयार ही नहीं थी, क्योंकि उसके सिर का मुंडन कर दिया गया था।उसे अपने बालों से विशेष लगाव था।उसके बालों की सुंदरता भी कालेज में एक चर्चा का विषय बनी हुई थी।उसे यही हिचक और चिंता थी कि किस किस को स्पष्टीकरण देती रहूँगी।

अंततः परिवार और खास दोस्तों के विशेष अनुरोध पर श्रद्धा कालेज जाने को सहमत हो गयी।आपरेशन के पश्चात श्रद्धा का आज कालेज में प्रथम दिन था।उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब उसने देखा कि उसके समर्थन में उसकी पूरी क्लास ने अपने सिरों का मुंडन करा लिया था।

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 701

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neelam Upadhyaya on October 13, 2018 at 4:23pm

आदरणीय तेजवीर सिंह जी, बहुत हिज बढ़िया लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

Comment by नाथ सोनांचली on October 13, 2018 at 10:43am

आद0 तेजवीर सिंह जी सादर अभिवादन। एक सीख देती हुई उत्तम लघुकथा सृजन पर मेरी कोटिश बधाई आपको। सादर

Comment by TEJ VEER SINGH on October 12, 2018 at 10:50am

हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज'  जी।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 11, 2018 at 1:02pm

आपकी हर लघुकथा रोचक होती है आदरणीय..यहाँ भी हलके फुल्के अंदाज में अच्छी बात कही है।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 11, 2018 at 10:33am

हार्दिक आभार आदरणीय नवीन मणि जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 11, 2018 at 10:32am

हार्दिक आभार आदरणीय डॉ विजय शंकर जी।

Comment by Naveen Mani Tripathi on October 11, 2018 at 10:21am

आ0 तेजवीर सिंह साहब आपकी लघु कथाएं बेजोड़ होती हैं । इसी कड़ी में  आपकी यह लघुकथा भी अत्यंत प्रभावशाली लगी । हार्दिक बधाई ।

सादर ।

Comment by Dr. Vijai Shanker on October 11, 2018 at 4:27am

वाह , एक बहुत ही खूबसूरत शब्द है , शायद ऐसी कृतियों के लिए ही बना है।
बहुत बहुत हार्दिक बधाई , इस प्रेरक लघु - कथा के लिए , सादर।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 10, 2018 at 5:44pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।

Comment by Samar kabeer on October 10, 2018 at 2:41pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। इस मनमोहक छन्दबद्ध उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
" दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"पानी भी अब प्यास से, बन बैठा अनजान।आज गले में फंस गया, जैसे रेगिस्तान।।......वाह ! वाह ! सच है…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......सच है शीतल जल से…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर  आ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर .....वाह…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तुम हिम को करते तरल, तुम लाते बरसात तुम से हीं गति ले रहीं, मानसून की वात......सूरज की तपन…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहों पर दोहे लिखे, दिया सृजन को मान। रचना की मिथिलेश जी, खूब बढ़ाई शान।। आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत दोहे चित्र के मर्म को छू सके जानकर प्रसन्नता…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई शिज्जु शकूर जी सादर,  प्रस्तुत दोहावली पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आर्ष ऋषि का विशेषण है. कृपया इसका संदर्भ स्पष्ट कीजिएगा. .. जी !  आयुर्वेद में पानी पीने का…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत दोहों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service